
महिलाओं को आरक्षण 33 से बढ़ाकर 50 प्रतिशत भी किया जा सकता हैः कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही
आगरा, 20 जून। खरीफ उत्पादकता गोष्ठी 2023 का आयोजन आज कृषि, कृषि शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग मंत्री, उत्तर प्रदेश सरकार, सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में तथा कृषि उत्पादन आयुक्त, उत्तर प्रदेश शासन, मनोज कुमार सिंह की उपस्थिति में आयुक्त सभागार में किया गया।
आयुक्त सभागार पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया । मंत्री जी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। तत्पश्चात कार्यक्रम स्थल पर लगी कृषि उत्पाद फल, शाकभाजी की प्रदर्शनी का फीता काटकर शुभारंभ किया गया। प्रदर्शनी में प्रगतिशील कृषकों तथा कृषि व उद्यान विभाग द्वारा लगाए गए विभिन्न कृषि उत्पादों के स्टॉल का निरीक्षण कर फसलों की उत्पादन प्रक्रिया,भंडारण, विपणन, उत्पादन तथा समस्याओं के बारे में जाना। तत्पश्चात मा0 मंत्री द्वारा एफपीओ एमसन को ट्रैक्टर की चाभी तथा खरीफ की फसलों के उन्नत किस्म के बीज किट को किसानों को वितरित की। उन्नत किस्म के बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने , रिकॉर्ड रखने तथा उसका कृषकों को पारदर्शी तरीके से वितरण करने के निर्देश दिए गए। दीप प्रज्ज्वलित कर संगोष्ठी का उदघाटन किया।
गोष्ठी के प्रथम सत्र में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को खरीफ फसलों के विभिन्न रोग उनके उपाय, उत्पादकता बढ़ाने, उन्नत किस्म के बीजों, सिंचाई, भंडारण इत्यादि संबंधी जानकारी तथा कृषकों की फसल संबंधी समस्याओं के समाधान बताया गया। गोष्ठी के द्वितीय सत्र में आगरा व अलीगढ़ मंडल के प्रत्येक जनपद से दो-दो किसानों से उनकी समस्याएं, अनुभव, सुझाव हेतु आमंत्रित किया गया जिसमें कृषकों ने उन्नत किस्म के बीज की आपूर्ति, विद्युत, रजवाहों में टेल तक पानी न पहुंचना,सिंचाई, मंडियों का डिजिटल न होना, खाद, कीटनाशक, सहकारी समितियों संबंधी समस्या को रखा, मौके पर ही मा0मंत्री जी व कृषि उत्पादन आयुक्त महोदय द्वारा सिंचाई व विद्युत संबंधी कई समस्याओं समाधान किया तथा संबंधित अधिकारियों को किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता से समाधान करने के निर्देश दिए। इसी क्रम में गोष्ठी में सभी जिलाधिकारियों ने खरीफ उत्पादकता संबंधी अपने अपने जनपद की रणनीति तथा तैयारियों के बारे में यथा उत्पादन लक्ष्य, बुआई का रकबा, उन्नत बीजों की उपलब्धता, खाद, कृषि रक्षा रसायन की आपूर्ति पीएम किसान सम्मान निधि, फसल बीमा इत्यादि संबंधी जानकारी तथा सुझाव दिए। गोष्ठी में जिलाधिकारी महोदय श्री नवनीत सिंह चहल ने जनपद आगरा हेतु मिलेट्स से संबंधित कृषकों के लिए प्रशिक्षण केन्द्र खोले जाने, डीएपी की 70 से 80 प्रतिशत उपलब्धता माह सितंबर, अक्टूबर में कराने, आलू तथा अन्य फसलों के उन्नत बीजों को जनपद की आवश्यकता अनुरूप उपलब्ध कराने, पॉलीहाउस हेतु विद्युत कनेक्शन, कॉमर्शियल न देकर कृषि कनेक्शन श्रेणी में देने, जनपद में कीमू उत्पादन हेतु प्रसंस्करण इकाई खोलने के सुझाव रखे गए।

गोष्ठी में कृषि उत्पादन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने कहा कि पूरे देश में 90 जिले हैं, जिसमें प्रदेश में 30 जिले ऐसे हैं जहां बासमती चावल उगाया जाता है, इसमें आगरा व अलीगढ़ भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इस इलाके के लिए बासमती एक अच्छी चीज है, इसको बचा कर रखना है। इसके लिए दो बातों का ध्यान देना बहुत आवश्यक है पहला हारवेस्टिंग से 30-35 दिन पहले हमें कोई पेस्टिसाइड का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए और दूसरा बहुत से इलाकों में साठा धान लगाए जाते हैं, उसको भी नहीं लगाना चाहिए, उससे भी बासमती चावल खराब हो जाते हैं और आने वाले दिनों में इससे फायदा की जगह नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि इस इलाके की आलू एक महत्वपूर्ण फसल है, मा0 मुख्यमंत्री जी एवं मा0 कृषि मंत्री जी के प्रयास से यहां पर इंटरनेशनल सेंटर ऑफ पोटैटो स्वीकृत हुआ है जिसका मेन हेड क्वार्टर पेरू में है । यह लगभग 120 करोड़ की लागत से सींगना में बनेगा। जिसे भारत सरकार और राज्य सरकार मिलकर बनायेंगे। उन्होंने इंटरनेशनल सेंटर ऑफ पोटैटो की स्वीकृति देने के लिए मंत्री जी को बधाई दी। मा0 कृषि उत्पादन आयुक्त ने कहा कि आने वाले दिनों में आलू की खेती में अभूतपूर्व परिवर्तन होगा, इसके लिये दो कम्पनियों को खोला जा रहा है जो प्रोसेसिंग प्लांट लगाने का कार्य करेगी। यह प्रोसेसिंग प्लांट फर्रुखाबाद में शुरू हो रहा है। उन्होंने कहा कि खेती के साथ साथ प्रोसेसिंग पर विशेष ध्यान देना बहुत जरूरी है और उसको भी हर जिले में बढ़ाने की बहुत ज्यादा जरूरत है, अगर आप धान सिर्फ बेचते हैं तो ज्यादा फायदा नहीं होगा अगर आप चावल बेचते हैं तो उससे ज्यादा फायदा होगा। कुछ लोग मोबाइल यूनिट लेकर गांवों में जाते हैं और धान को निःशुल्क चावल में बदलते हैं और उसकी भूसी व चोकर को अपने पास रख लेते हैं, इस तरह की यूनिट को गांवों में ज्यादा से ज्यादा बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रोसेसिंग को बढ़ाने के लिये बहुत से क्रांतिकारी निर्णय लिये हैं, जिसमें किसान भाई अपने किसी भी कृषि उत्पाद को सिंगल प्रोसेसिंग यूनिट को बेच सकते हैं।
किसानों के काम में बिना महिलाओं के भागीदारी से खेती का काम पूरा नहीं होता है। अब समय आ गया है बराबरी का, अभी 33 प्रतिशत आरक्षण है, आगे आने वाले दिनों में 50 प्रतिशत भी हो सकता है। इसी तरह परम्परागत ढंग से बहुत प्राचीन काल से ही महिलायें खेती में सहयोग करती हैं। गोष्ठी में भारी संख्या में आये किसानों को देखकर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उ0प्र0 का कोई ऐसा गांव नहीं हैं, जिस गांव में 22 मई से 10 जून के बीच में हमारे विभाग के 4-5 बार अधिकारी नहीं गये हैं और इसलिये गये थे कि आपको सहूलियत हो जाये। उन्होंने कहा कि किसान भाइयों को अपनी खुशहाली के लिये जागना होगा। प्रधानमंत्री मोदी जी एवं मुख्यमंत्री योगी जी दोने ने मिल करके सभी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि समस्त जिलाधिकारियों ने बताया है कि यहां पर बीज व फर्टिलाइजर की कोई समस्या नहीं है, पहले की अपेक्षा किसानों को बेहतर सुविधायें दी जा रही है। भण्डारण के लिये कोऑपरेटिव विभाग को लगभग 2.5 करोड़ रू0 दिया गया है, जिससे किसानों को किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो, जो पहले आयेगा पहले पायेगा सभी योजनायें ऑनलाइन है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में प्रमुख फसल बाजरा है, किसानों को उत्पादकता को बढ़ाने के लिये हाईब्रिड के बीज का प्रयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि किसानों के बिजली के बिल 01 अप्रैल से माफ किये गये हैं तथा 31 मार्च से पहले वाले बिलों में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है तथा 45 लाख किसानों के कर्ज माफ किये गये। उन्होंने कहा कि सिरसागंज का आलू यदि मुम्बई में जाता है तो सबसे पहले बिकता है, जो आगरा के नाम से जाना जाता है। किसानों के मण्डी शुल्क माफ किये गये हैं। उन्होंने किसानों को आश्वस्त किया कि एमएसपी के माध्यम से बाजरे की खरीद की जायेगी, धान अभी खेत में नहीं लगा है, एमएसपी 2183 रू0 घोषित कर दी गई है।
इस अवसर पर कृषि निदेशक, पशुपालन निदेशक, मण्डलायुक्त, आगरा अमित गुप्ता, मण्डलायुक्त अलीगढ, आगरा मण्डल के समस्त जिलाधिकारी तथा अलीगढ़ मण्डल के समस्त जिलाधिकारी एवं एमडी दक्षिणांचल व समस्त मुख्य विकास अधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण व किसान बन्धु उपस्थित रहे।