पेड न्यूज पर रहेगी पैनी नजर, पेड न्यूज प्रकाशन की सूचना न देने पर होगी कार्यवाही
आगरा.26.04.2024/अपर जिलाधिकारी (प्रशासन)/प्रभारी अधिकारी एमसीएमसी अजय कुमार सिंह ने अवगत कराया है कि निर्वाचन आयोग के अनुसार पेड न्यूज़ से तात्पर्य चुनावों के दौरान किसी उम्मीदवार के पक्ष में इस प्रकार चुनाव प्रचार करने से है, जिससे कि वह प्रचार भी समाचार अथवा आलेख जैसा प्रतीत हो। किसी भी मीडिया (प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक) में दिये जा रहे किसी भी समाचार या विश्लेषण को जिसका मूल्य प्रतिफल के रूप में नकद या किसी मूल्य के बदले प्रकाशित किया जा रहा हो, पेड समाचार के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। चुनाव के समय पेड न्यूज की घटना के तीन आयाम हैं, जिसके अन्तर्गत पाठक या श्रोता को उस उम्मीदवार के व्यक्तित्व या निष्पादन की सही तस्वीर नहीं मिलती, जिसके पक्ष में या जिसके खिलाफ वह अपना वोट डालने का फैसला करता है। यह लोकतंत्र की मौलिकता को ही नष्ट कर देता है। चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार शायद इसे चुनाव के खर्च खाते में नहीं दिखाते हैं, जिससे निर्वाचनों का संचालन नियम, 1961 का उल्लंघन होता है।
भारत निर्वाचन आयोग ने पत्र सं. 491/पेड न्यूज/2019 दिनांक 04.06.2019 द्वारा पेड न्यूज के स्थापित/पुष्टि किए गए मामलों में की जाने वाली कार्रवाई को निम्नानुसार साझा किया है कि किसी समाज/जाति/धर्म के समूह ने प्रत्याशी ’ए’ नाम’ का समर्थन किया है, उदाहरण स्वरूप हर वर्ग का प्रत्याशि ए को मिला समर्थन, सभी समीकरण प्रत्याशी ए के पक्ष में एवं प्रत्याशी बी नहीं जीतेंगी आदि।
मा0 सामान्य प्रेक्षक, लोकसभा 19-फतेहपुर सीकरी श्रीमती प्रेरणा हिम्मतराव देशभ्रतार एवं व्यय प्रेक्षक तपन कुमार ने सभी समाचार पत्रों में छपने वाली पेड न्यूज पर नाराजगी व्यक्त की तथा बताया कि कुछ दलों/निर्दलियों प्रत्याशियों को मुख्य धारा की मीडिया के समाचार पत्रों में स्थान नहीं मिल रहा है, ऐसे समाचार पत्र में छपी कुछ ही प्रत्याशियों से संबंधित खबरों को प्रमुखता से प्रकाशित किया जा रहा है, जो पेड न्यूज की श्रेणी में आता है। उन्होंने सभी एक पक्षीय प्रकाशित खबरों को एमसीएमसी के द्वारा परीक्षण करा के संबंधित प्रत्याशी के व्यय में जोड़ने के निर्देश दिए।