
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों के अनुरूप छात्रों को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करना है
शिक्षा के क्षेत्र में गुरू-शिष्य परम्परा बनाए रखने पर जोर दिया जाए
आगरा-15.10.2024/ शिक्षा सलाहकार मुख्यमंत्री, उप्र प्रो. डीपी सिंह की अध्यक्षता में आयुक्त सभागार में आगरा मण्डल के उच्च शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, बेसिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा एवं व्यावसायिक शिक्षा की मण्डलीय एवं जनपदीय अधिकारियों की बैठक आयोजित की गयी।
बैठक में संयुक्त विकास अधिकारी, आगरा मण्डल, आगरा, अपर आयुक्त (प्रशासन) आगरा मण्डल आगरा एवं उक्त विभागों के मण्डलीय एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
बैठक में शिक्षा सलाहकार द्वारा उपरोक्त समस्त विभागों के अधिकारियों से वर्तमान में संचालित विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। उन्होंने समस्त अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार के द्वारा बनायी गयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 शिक्षा के क्षेत्र के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। इसका उद्देश्य भारतीय शिक्षा प्रणाली को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना और छात्रों को 21वीं सदी की चुनौतियों के लिए तैयार करना है। उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अन्तर्गत छात्रों के सर्वांगीण विकास हेतु उन्हें भारतीय परम्परा, संस्कृति एवं शास्त्रों को ध्यान में रखते हुए उनमें बेसिक से लेकर प्राविधिक शिक्षा के ज्ञान को बढ़ावा देने के निर्देश दिए। इसके अलावा उन्होंने छात्र/छात्राओं में शिक्षा के साथ-साथ राष्ट्रभक्ति का ज्ञान बढ़ाने पर भी जोर देने हेतु निर्देशित किया तथा शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर किए जाने के उद्देश्य से कक्षा-06 से क्वालिटी एजूकेशन एवं स्किल एजूकेशन को बढ़ावा दिए जाने के सम्बन्ध में विस्तृत निर्देश दिए गये।
बैठक में शिक्षा सलाहकार ने शिक्षा के अधिकार पर जोर देते हुए कहा कि चाहे बेसिक शिक्षा हो या फिर माध्यमिक, उच्च, व्यावसायिक एवं प्राविधिक शिक्षा, समस्त शिक्षा के क्षेत्र में प्रत्येक बच्चे को शिक्षा का अधिकार दिया जाए। अधिकारी प्रयासरत रहें कि किसी भी तरह से छात्रों के इस अधिकार का हनन न हो। शिक्षा की गुणवत्ता में बेहतर सुधार हो सके, इसके लिए नए मानक तैयार किए जाएंगे। उन्होंने शिक्षा का विस्तार करने के लिए ऑनलाइन और दूरस्त शिक्षा को बढ़ावा देने हेतु निर्देशित किया और कहा कि शोध एवं नवाचार को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालयों और अनुसंधान संस्थानों को मजबूत किया जाएगा। उन्होंने उच्च शिक्षा में किए गए कार्यों के सम्बन्ध में अवगत कराया कि केन्द्र सरकार की मदद से समस्त विश्वविद्यालयों में ग्रेडिंग सिस्टम शुरू किया गया है। ग्रेडिंग सिस्टम के आधार पर विश्वविद्यालयों के द्वारा दी जा रही शिक्षा व्यवस्था का आंकलन होता है, इससे शिक्षा में सुधार के बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं। भविष्य में और भी बेहतर परिणाम की उम्मीद जतायी गयी। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षा का विस्तार करने के लिए शिक्षक का विकास बेहद जरूरी है, इस हेतु शिक्षकों के विकास के लिए प्रशिक्षण और समर्थन प्रदान किया जाए। इसके लिए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से शिक्षकों को समय-समय पर कार्यशालाएं एवं प्रशिक्षण आयोजित कर उन्हें नवीनतम तकनीकी जानकारियों से प्रशिक्षित किए जाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशिक्षित होने के साथ-साथ शिक्षकों को प्रमाणिक एवं सहज रहने की भी जरूरत है।
विद्यालयों में बेहतर शिक्षा का वातावरण हो, इसके लिए विद्यालयों के प्रांगण में हरियाली, स्वच्छ पेयजल सुविधा अन्य आवश्यक संसाधन के साथ साथ विद्यालयों को शत प्रतिशत स्वच्छ शौचालयों से संतृप्त किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने व्यावसायिक शिक्षा पर जोर देते हुए कहा कि कौशल विकास के अन्तर्गत छात्र/छात्राओं को टैक्निकल इडस्ट्रीज से भी जोड़ने की जरूरत है, इसके लिए टैक्निकल इडस्ट्रीज को बढ़ावा दिए जाने के निर्देश दिए गए। उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए औद्योगिक इकायों से करार किया जाए, ताकि छात्र/छात्राएं शिक्षा ग्रहण करने के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में हो रहे नई तकनीक के प्रयोग से भी रू-ब-रू हो सकें। उन्होने आई0टी0आई0 के माध्यम से सर्विस सेक्टर को बढ़ाने के लिए नई तकनीकी पर अधिक से अधिक शिक्षण कार्य करने को जोर दिया। उन्होने निर्देशित किया कि कौशल विकास के अन्तर्गत माध्यमिक शिक्षा को भी जोड़ा जाए, ताकि छात्र/छात्राओं में माध्यमिक शिक्षा में प्रवेश पाने की उम्र से ही उनमें स्किल डवलपमेंट हो सके। उन्होंने शासकीय एवं निजी क्षेत्र में शिक्षा के पहलुओं पर चर्चा करते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में निजी क्षेत्र की अपेक्षाकृत शासकीय व्यवस्थाओं पर लोगों का विश्वास कम हो रहा है, जोकि चिंतनीय विषय है। उनके द्वारा उक्त के दृष्टिगत शासकीय शिक्षा के क्षेत्र में छात्र/छात्राओं को अधिक से अधिक जोड़ने के लिए सरकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर छात्र/छात्राओं के नामांकन को अधिक से अधिक बढ़ाने पर जोर दिया।
शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर किए जाने के दृष्टिगत बेसिक, माध्यमिक, उच्च शिक्षा, व्यावसासिक एवं प्राविधिक शिक्षा के अधिकारियों की समय-समय पर बैठक कर आपसी समन्वय से छात्र हित में बेहतर शिक्षा व्यवस्था बनाए रखने हेतु कार्य किए जाने के निर्देश दिए, इसके लिए कोआर्डिनेशन कमेटी बनाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की अपेक्षा है कि सभी शिक्षक शिक्षाविद् के रूप में कार्य करें एवं रॉल मॉडल बनें। शिक्षा के क्षेत्र में गुरू-शिष्य परम्परा बनाए रखने पर भी जोर दिया जाए। उन्होंने अधिकारियों को संबोधित करते हुए वन डाटा, वन नेशन व्यवस्था को शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम बताया और कहा कि इस व्यवस्था से निश्चित ही हमें बेहतर परिणाम हासिल होंगे। उन्होने स्थानीय आवश्यकता की मांग के अनुरूप जनपद आगरा में भविष्य में स्किल की आवश्यकताओं के दृष्टिगत एक रोड मैप तैयार किये जाने पर बल दिया गया। साथ ही स्किल गैप स्टडी एवं आवश्यकता के आधार पर परीक्षण किये जाने पर भी जोर दिया गया। बैठक के अंत में आयुक्त श्रीमती ऋतु माहेश्वरी जी द्वारा उन्हें आश्वस्त किया कि उक्त बिन्दुओं पर कार्यवाही पूर्ण कराते हुए समय-समय पर पांचों विभागों की संयुक्त समीक्षा बैठकें की जाएंगी। तदोपरान्त धन्यवाद ज्ञापित कर बैठक का समापन किया गया।