नए लैंड बैंक चिन्हित करने और इन्वेस्टर्स को लुभाने के लिए सरकारी व निजी लैंड बैंक का प्रजेंटेशन तैयार करने के दिए निर्देश

Press Release उत्तर प्रदेश स्थानीय समाचार

मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में हुई राजस्व कार्यां की मण्डलीय समीक्षा

लक्ष्य के सापेक्ष कम वसूली पर सभी एसडीएम और तहसीलदारों को मंडलायुक्त ने जारी की चेतावनी

राजस्व न्यायालय और आईजीआरएस से जुड़े लंबित वादों 30-60 दिनों के अंदर निष्पक्षता के साथ गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करायें, अन्यथा जिम्मेदारों के खिलाफ होगी कड़ी कार्रवाई

आगरा. 06 अक्टूबर।  शुक्रवार को मंडलायुक्त रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में राजस्व कार्यों के संबंध में समीक्षा बैठक हुई। बैठक में सर्वप्रथम वाणिज्य कर, स्टांप व रजिस्ट्रेशन, आबकारी, परिवहन, विद्युत देय, नगर निकाय, खनिज और विधिक माप विज्ञान मद में लक्ष्य के सापेक्ष होने वाली मासिक वसूली की समीक्षा की गयी। रिपोर्ट में सामने आया कि आगरा मंडल के किसी भी जनपद ने लक्ष्य के सापेक्ष वसूली नहीं की। इस पर मंडलायुक्त द्वारा नाराजगी जताई गयी। उन्होंने चेतावनी देते हुए निर्देश दिए कि अगले महीने तक सभी जनपद अपने लक्ष्यों को पूरा करें। सभी एडीएम और विभागीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि जो रिपोर्ट समीक्षा बैठक में रखी जा रही है वह पूर्ण रूप से सही हो।

जनपदवार प्रति अमीन औसत वसूली को लेकर मंडलायुक्त ने तहसीलदारों को निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक अमीन के सापेक्ष बहुत कम वसूली हो रही है। मा. मुख्यमंत्री के आदेश के बावजूद कार्य में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। क्षेत्रों में निकलकर काम करिए।चारों जनपदों के दस बड़े बकायेदारों की सूची को लेकर मंडलायुक्त ने सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि सभी बकायेदारों के खिलाफ जल्द आरसी जारी कर इसी महीने ही पूरी वसूली करें। अगली बैठक में चारों जनपदों की 10-10 नए बकायेदारों की सूची होनी चाहिए। वहीं जिलाधिकारी आगरा ने निर्देश दिए कि एक अमीन को एक आरसी देते हुए जल्द वसूली कराएं।

राजस्व न्यायालय वाद निस्तारण रिपोर्ट की समीक्षा की। फिरोजाबाद और मैनपुरी में लंबित वादों की संख्या ज्यादा थी। उनमें से अधिकतर ऐसे वाद थे जिन्हें 5 साल से ज्यादा हो गए लेकिन अभी तक निस्तारण नहीं किया गया। मंडलायुक्त ने चारों जनपदों के तहसीलदारों को निर्देश देते हुए कहा कि 60 दिन में एक अभियान चलाकर सभी लंबित वादों का निस्तारण किया जाए। धारा 34, 33 (1), 24, 80, 89, 101, 116 और चकबंदी के जुड़े व लंबित वादों पर भी समीक्षा की गयी। जिसमें मंडलायुक्त ने चारों जिलों में बहुतायत की संख्या में लंबित पड़े वादों को लेकर नाराजगी जताई। सभी एसडीएम और तहसीलदारों को निर्देश दिए कि क्षेत्रों में निकलें और मौका मुआयना करें। शासनादेश के अनुसार एक सप्ताह में 5 दिन कोर्ट लगाएं और निर्धारित समय सीमा में निष्पक्षता तथा गुणवत्तापूर्ण तरीके से लंबित वादों का निपटारा करें। मंडलायुक्त ने स्पष्ट कहा कि अगले 60 दिनों में सभी लंबित वादों का निस्तारण हो जाना चाहिए। अन्यथा की स्थिति में एसडीएम अपने स्तर से काम न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें और जरूरत पड़े तो जिम्मेदारी भी तय की जाए। लंबित वादों के निस्तारण के साथ ही यह ध्यान रखा जाए कि जो नए वाद आ रहे हैं उन्हें निर्धारित समय सीमा में ही निस्तारित किया जाए।

आईजीआरएस रिपोर्ट को लेकर मंडलायुक्त काफी नाराज दिखीं। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आईजीआरएस की स्थिति इस समय बहुत खराब है। जो रिपोर्ट आती है उसमें एसडीएम या किसी नोडल अधिकारी के हस्ताक्षर नहीं होते है। जिससे साफ है कि कोई भी विभागीय अधिकारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहा है। सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। आईजीआरएस पर जो भी शिकायतें आ रही हैं उसकी मॉनीटरिंग की जाए। लेखपाल सभी शिकायतों को पंजिका पुस्तिका में लिखित में दर्ज करेंगे। उन शिकायतों का जिस आधार पर निस्तारण किया गया है, उसकी प्रति संलग्न हो और शिकायतकर्ता के हस्ताक्षर भी लिए जाएं। शिकायतकर्ता की शिकायत का औचित्यपूर्ण समाधान होना चाहिए। समाधान दिवस वाले दिन ज्यादा से ज्यादा शिकायतों का निस्तारण उसी दिन हो, जांच की जरूरत हो तो उसी दिन संबंधित टीम निरीक्षण करने निकले और अपनी रिपोर्ट लगाए। मंडलायुक्त ने सभी एसडीएम को चेतावनी दी कि सभी शिकायतों और संबंधित आख्या को जांचे और उचित निस्तारण हो। सिर्फ अग्रसारित न किया जाए। अगर आगे से ऐसा हुआ तो फिर जिम्मेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। ई डिस्ट्रिक पोर्टल पर प्राप्त होने वाले आवेदनों की रिपोर्ट देखी और निर्देश दिए कि निर्धारित समय सीमा के पश्चात किसी भी आवेदन का निस्तारण न किया जाए।वहीं जिलाधिकारी भानुचंद्र गोस्वामी ने निर्देश दिए कि वादों के निस्तारण के समय ध्यान रखा जाए कि जो व्यवस्था है उसी के अनुरूप ही निस्तारण करना है। पूरी निष्पक्षता के साथ गुणवत्तापूर्ण और समयबद्ध समाधान होना चाहिए। खानापूर्ति नहीं होनी चाहिए।

जनपदों में लैंड बैंक की उपलब्धता का विवरण देखते हुए मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि अभी तक जितने भी एमओयू हुये हैं उनसे जुड़े हुए सभी लोगों को बुलाकर मीटिंग की जाए और लैंड बैंक फाइनल किया जाए। लैंड बैंक बढ़ाने के लिए सभी तहसीलदारां को ग्राम सभा और निजी भूमि को चिन्हित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि अपने अपने जनपदों के सरकारी और निजी भूमि उपयोगिता का एक प्रजेंटेशन तैयार करें ताकि नये औद्योगिक क्षेत्र को विकसित करने के लिए बड़े इन्वेस्टर्स से संपर्क साधा जा सके।
लेखपालों की ग्राम वॉर शिकायत पंजिका बनवाये और सभी शिकायंतें और निस्तारण उसमे दर्ज कराएँ. लेखपालों की उपस्थिति का दिन/ समय ग्राम के पंचायत भवन में लिखवाएँ। सभी एसडीएम और तहसीलदार अपने मुख्यालय पर निवास करें। बैठक में आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी के जिलाधिकारी, सभी एसडीएम, तहसीलदार, एसीएम और जीएसटी से जुड़े अधिकारी मौजूद रहे।

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