माल वाहनों में सवारियां विशेषकर ट्रैक्टर ट्राली जो लोगों को ले जा रही हैं ,उनके विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश

Press Release उत्तर प्रदेश दिल्ली/ NCR स्थानीय समाचार

आगरा, 31 जुलाई। सर्किट हाउस आगरा में आज न्यायमूर्ति  अभय मनोहर सप्रे ( से०नि० ) अध्यक्ष,  सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी की अध्यक्षता में सड़क सुरक्षा सम्बन्धी बैठक आयोजित की गयी। जिसमें मयक ज्योति, उप परिवहन आयुक्त (परिक्षेत्र) आगरा  सूरज कुमार राय, डीसीपी नगर कमिश्नरेट आगरा,  के०डी० सिंह, आरटीओ (ई) आगरा, अरूण कुमार, आरटीओ (प्रशा०) आगरा,  अजय कुमार सिंह, एडीएम, अरूण चन्द्र, अपर पुलिस उपायुक्त यातायात, कमिश्नरेट, अरुण श्रीवास्तव, सीएमओ,  संजीव कुमार शाक्य, एसीएम-1 बी०पी० अग्रवाल, आरएम, उ०प्र०रा०स०प०नि० आगरा ललित कुमार, एआरटीओ (ई) अनुराग यादव, सेवा प्रबन्धक, बस स्टेशन, आगरा एवं शिक्षा विभाग, चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग, लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई व अन्य निर्माण एजेंसियों के अधिकारीगण उपस्थित रहें। उक्त बैठक में आगरा सम्भाग में वर्ष 2021 के सापेक्ष वर्ष 2022 में हुई दुर्घटनाओं के फलस्वरूप समीक्षा में पाया गया कि मृतकों की संख्या में कमी आयी है। वर्ष 2021 के पूरे वर्ष में आगरा जनपद में 549, फिरोजाबाद में 392, मैनपुरी में 410 एवं मथुरा में 467 सड़क दुर्घटनाओं के फलस्वरूप लोगों की जाने गई थी। इस प्रकार पूरे सम्भाग में 1817 लोगो की मृत्यु हुई थी। वर्ष 2022 के पूरे साल में आगरा में 548, फिरोजाबाद में 358, मैनपुरी में 339 एवं मथुरा में 471 मृत्यु हुई है, इस प्रकार पूरे सम्भाग में 716 लोगों की मृत्यु हुई है, जो विगत वर्ष की तुलना में 5.6 प्रतिशत कम है। अध्यक्ष माहेदय द्वारा इस बात पर भी संतोष व्यक्त किया गया कि चालू वर्ष 2023 में माह जनवरी से जून तक सड़क दुर्घटनाओं में मृतकों की संख्या में पूरे सम्भाग के आगरा, फिरोजाबाद तथा मैनपुरी जिलों में विगत वर्ष के 6 महीनों में मृतकों की संख्या में कमी आयी है, किन्तु मथुरा जनपद में 47.4 प्रतिशत की वृद्धि पर उन्होंने चिंता व्यक्त की। बैठक में माल वाहनों में सवारियां विशेषकर ट्रैक्टर ट्राली जो लोगों को ले जा रही हैं ,उनके विरुद्ध कार्यवाही के निर्देश दिये गये। ओवरलोडिंग कर रहे वाहनों के विरुद्ध भी कार्यवाही के निर्देश दिये गये।

अध्यक्ष  द्वारा सड़क दुर्घटनाओं के प्रमुख कारणों में ओवरस्पीड, नशे की स्थिति में वाहन चलाना, गलत दिशा में वाहन चलाना, बिना हेलमेट, बिना सीटबेल्ट एवं वाहन चलाते समय मोबाइल फोन के प्रयोग पर प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिये गये क्योंकि सर्वाधिक दुर्घटनाऐं इन्ही कारण से होती है। साथ ही विशेषकर बीमा समाप्त एवं फिटनेस समाप्त वाहनों के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने तथा एनएचएआई व लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को ब्लैक स्पॉट पर आवश्यक कार्यवाही करने तथा कम दुर्घटना हो ऐसी व्यवस्था करने हेतु निर्देशित किया गया। दुर्घटनाओं के पश्चात् घायल को उचित चिकित्सा उपलब्ध कराना, एम्बुलेंस का रिस्पॉन्स टाइम कम करने, गोल्डन ऑवर में मरीज का ट्रामा सेंटर पहुँचाने एवं एक्सप्रेस-वे और हाईवेज के नजदीक ट्रामा सेंटर की स्थापना कराये जाने के भी निर्देश दिये गये ।

इस बात पर जोर दिया गया कि दुर्घटनाओं में कमी सिर्फ प्रवर्तन कार्यवाही से सम्भव नहीं है, इसके लिए जन जगरूकता का व्यापक अभियान चलाया जाना आवश्यक है। इसके लिए समस्त सटेक होल्डर्स विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाये तथा प्रत्येक व्यक्ति अपने परिवार में कम से कम 5 लोगों को सड़क सुरक्षा के नियमों के प्रति जागरूक करें। उन्होनें इस बात पर भी जोर दिया कि सड़क दुर्घटनाओं में घायल की मदद करना एक मानवीय कर्तव्य है। जिसमें पुलिस की महत्वपूर्ण भूमिका है। उन्होंने इस बात पर भी चिंता व्यक्त की कि पूरे देश में हो रही सड़क दुर्घटनाओं से सर्वाधिक मौतें उत्तर प्रदेश में होती है जिसे कम करने की आवश्यकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए बताया कि जापान में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या प्रतिवर्ष लगभग 4 लाख 22 हजार तथा भारत वर्ष में सड़क दुर्घटनाओं की प्रतिवर्ष 4 लाख 80 हजार है, जो लगभग बराबर है। दुर्घटनाओं के फलस्वरूप जापान में लगभग 4 हजार लोगों की मौत होती है।  भारत वर्ष में यह संख्या संख्या 1.5 लाख से अधिक है।

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