डाक विभाग की चिट्ठियों का आजादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण स्थान, पत्र संवाद के प्रभावी माध्यम- केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री
विभाजन की त्रासदी को अगली पीढ़ी को तक पहुंचाएं, भारत की संस्कृति कभी भी साम्राज्यवादी, विस्तारवादी नहीं रही
आगरा, 14 अगस्त। केन्द्रीय राज्य मंत्री, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, प्रो. एस.पी. सिंह बघेल द्वारा प्रधान डाकघर, प्रताप पुरा में विभाजन विभीषिका दिवस पर विभाजन संबंधी चित्र प्रदर्शनी का दीप प्रज्ज्वलित व फीता काटकर शुभारंभ किया। सर्व प्रथम उन्होंने चित्र प्रदर्शनी का अवलोकन किया तत्पश्चात पोस्ट मास्टर जनरल राजीव उमराव द्वारा मंत्री श्री बघेल को शॉल ओढ़ाकर तथा पुष्पगुच्छ भेंट कर भव्य स्वागत किया गया।
उन्होंने कहा कि विभाजन की त्रासदी से गुजरे लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की तथा विभिन्न उदाहरण देकर बताया कि लाखों लोग अपने घर, रोजी रोटी, जीविका छोड़कर विस्थापित हुए। उन्होंने आजादी में योगदान देने वाले महापुरुषों और शहीदों को याद किया और विभाजन की त्रासदी की गाथाओं को अगली पीढ़ी तक पहुंचाने की जरूरत बताई। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यदि आज की तरह संचार के आधुनिक साधन होते तो विभाजन विभीषिका के परिणामों को सही रूप में जान पाते। पाकिस्तान से आने वाली ट्रेनों को लाशों से भर दिया गया था, कैसे बहन बेटियों ने अपनी इज्जत बचाने को जान देदी। उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा त्रासदी पंजाब, बंगाल के लोगों ने झेली, सिखों के साथ 1984 में भी एक त्रासदी हुई, उन्होंने आह्वान किया कि हमें विभाजन विभीषिका को झेलने वाले अपने अल्पसंख्यक भाइयों के साथ संवेदना,सदभाव रखना चाहिए। बताया कि भारतीय संस्कृति कभी भी साम्राज्यवादी, विस्तारवादी नहीं रही, जबकि भारत पर निरंतर कासिम, गौरी, गजनवी, मुगल, अंग्रेज लुटेरों ने आक्रमण कर भारत को लूटा। उन्होंने उपस्थित लोगों से आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी को भारत की तरक्की में किसी न किसी रूप में योगदान देकर कार्य करना है,भारत जल्द विकसित, तथा विश्व में प्रथम स्थान पर होगा।इस अवसार पर खेरागढ़ विधायक भगवान सिंह कुशवाह, पोस्ट मास्टर जनरल राजीव उमराव, प्रवर डाक अधीक्षक संजीव कुमार, नवीन गौतम, पार्षद गौरव शर्मा आदि मौजूद रहे।