नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने पुलिस उपायुक्त को लिखा कार्रवाई के लिए पत्र
शहर में बिना लाइसेंस किया जा रहा है पशु पक्षियों का मांस के लिए वध
आगरा। श्रावण मास में नगर निगम ने शहर की धार्मिक और सामाजिक भावना को ध्यान में रखते हुए अवैध मीट और चिकन दुकानों पर सख्त रुख अपनाया है। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने इस संदर्भ में पुलिस उपायुक्त (नगर) को पत्र भेजकर नगर निगम सीमा में चल रही अवैध मीट दुकानों और होटल/रेस्टोरेंट्स पर त्वरित और कठोर कार्रवाई को कहा है।
— क्या है मामला—–
नगर निगम प्रशासन को लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि शहर में कई जगह बिना लाइसेंस के पशु और पक्षियों का कटान किया जा रहा है। न केवल कटान, बल्कि स्वास्थ्य मानकों और कानून की अनदेखी करते हुए इनका मांस भी खुलेआम बेचा जा रहा है । आगरा नगर निगम सीमा में वर्तमान में कोई भी वैध पशुवधशाला (स्लॉटर हाउस) संचालित नहीं है। साथ ही, नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 432 के अंतर्गत किसी को भी मांस लाने या बेचने की अनुमति (अनुज्ञप्ति) नहीं दी गई है। फिर भी कुछ दुकानों में अवैध रूप से पशु-पक्षियों का वध हो रहा है और मीट बेचा जा रहा है। यह सीधे तौर पर पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960, स्लॉटर हाउस नियम 2001, और खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 का उल्लंघन है।
—- श्रावण मास और कांवड़ यात्रा के दौरान धार्मिक भावनाओं पर असर—-
श्रावण मास में देशभर से शिवभक्त कांवड़ यात्रा के माध्यम से पवित्र गंगा जल लाकर शिवलिंग पर चढ़ाते हैं। इस दौरान भक्त उपवास रखते हैं, और शहर में उनकी आवाजाही बहुत अधिक हो जाती है। ऐसे में मांस की बिक्री, कटान या मांसाहारी रेस्टोरेंट्स का खुलेआम संचालन धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचा सकता है और इससे कानून-व्यवस्था की स्थिति भी बिगड़ सकती है। इसलिए नगर निगम ने इस मुद्दे को केवल स्वास्थ्य या कानून का नहीं, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी गंभीर माना है।
—- कानूनी और स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से गंभीर उल्लंघन—–
इन अवैध दुकानों में न तो सफाई की व्यवस्था है, न ही मांस की गुणवत्ता की जाँच। यह न केवल पर्यावरण प्रदूषण फैला रहा है, बल्कि बीमारियों के फैलने का खतरा भी बना हुआ है।
— पूर्व में भी दी गयी थी चेतावनी—
नगर निगम ने पहले भी खाद्य एवं औषधि प्रशासन को पत्र भेजकर बताया था कि कई दुकानें विभाग से मिले पंजीकरण या लाइसेंस की आड़ में अवैध कटान और मांस बिक्री कर रही हैं।
—–नगर निगम और पुलिस चला सकती है संयुक्त अभियान ——
आने वाले दिनों में नगर निगम और पुलिस मिलकर संयुक्त अभियान चला सकते हैं, जिसमें शहर भर में जांच कर अवैध दुकानों को चिन्हित कर बंद कराया जाएगा। साथ ही, जो रेस्टोरेंट्स नियमों का उल्लंघन करते पाए जाएंगे, उनके लाइसेंस भी रद्द किए जा सकते हैं।