आगरा। मथुरा और आगरा में 45 साल बाद बाढ़ आई है। यमुना का पानी आगरा में ताजमहल तक आ चुका है। शहर के अंदर भी पानी आ चुका है। दरअसल, मथुरा में यमुना डेंजर लेवल से 1 मीटर ऊपर बह रही हैं। इससे 52 कॉलोनियों में पानी भर गया है। पानी मथुरा के मंदिरों तक पहुंच गया है। इसके चलते नदी के आस- पास के मंदिरों के कपाट बंद कर दिए गए हैं।
आगरा में बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है क्योंकि यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। हर घंटे यमुना में पानी बढ़ रहा है। लो फ्लड लेवल से यमुना ऊपर बह रही है। सोमवार को सायं 6 बजे यमुना का जल स्तर मीडियम लेबल तक पहुंच रहा था। यह लेबल 499 है जबकि इस समय 498 फीट तक जलस्तर पहुंच चुका है। अभी गोकुल बैराज से 1,लाख 48 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है. जबकि ओखला से 99 हजार 188 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। जिसके चलते कल तक जल स्तर मीडियम लेबल 499 फीटको क्रास कर जाएगा। जिससे बाढ़ का खतरा और बढ़ जाएगा। सोमवार को दयालबाग सहित कई इलाकों में पानी भर गया है। प्रशासन ने शहर में 28 इलाकों को चिन्हित किया है, जहां पर सबसे पहले पानी आने का खतरा है। इसके अलावा एक अपार्टमेंट को खाली करने का नोटिस चस्पा किया गया है। वहीं, कैलाश मंदिर तक अब यमुना का पानी पहुंच गया है। ककरैठा, गैलाना, मऊ, बाईपुर से लगी यमुना पार हज़ारों बीघा खेत पानी में डूब गया। किसान हुकुम सिंह यादव ने बताया कि लाखों रुपये की बाजरा की फसल को नुकसान पहुंचा है। यमुना में गोकुल बैराज से हर घंटे पानी छोड़ा जा रहा है। 10 घंटे में यमुना का जलस्तर एक फीट बढ़ रहा है। सोमवार दोपहर 12 बजे यमुना का जलस्तर 497.4 फीट तक पहुंच गया है, जो कि मीडियम फ्लड लेवल से केवल डेढ़ फीट कम है। माना जा रहा है कि सोमवार रात तक यमुना का जलस्तर एक से दो फीट तक और बढ़ सकता है। इसको लेकर प्रशासन अलर्ट है।
यमुना का जलस्तर बढ़ने पर अब पानी प्राचीन कैलाश मंदिर के प्रवेश द्वार तक आ गया है। सोमवार को मंदिर आने वाले भक्तों को यमुना के पानी में होकर मंदिर तक पहुंचना पड़ा। माना जा रहा है कि अगर इसी तरह जलस्तर बढ़ा तो कल मंदिर के गर्भ गृह में पानी आ सकता है। वहीं, दशहरा घाट पर भी पानी सीढ़ियों तक पहुंच गया है। यमुना के तटवर्ती इलाकों में लगातार मुनादी कराई जा रही है। लोगों से नदी किनारे न जाने की अपील की जा रही है। लो फ्लड लेवल को पार करने के बाद कई इलाकों में पानी घुस गया है। ताजगंज शमशान जलमग्न हो गया है। इसके अलावा ताजमहल के पीछे बने गार्डन में भी यमुना का पानी भर गया है। एत्माद्दौला स्मारक से सटकर यमुना बह रही है। माना जा रहा है कि सोमवार रात तक यमुना का जलस्तर एक से दो फीट तक और बढ़ सकता है। इसको लेकर प्रशासन अलर्ट है।
यमुना में जलस्तर को देखते हुए प्रशासन की ओर से यमुना के सभी घाटों पर बेरिकेडिंग कर दी गई है। बल्केश्वर घाट, जौहरा बाग, हाथी घाट, कैलाश मंदिर घाट, दशहरा घाट पर बेरिकेडिंग की गई है। सावन के दूसरे सोमवार पर नगर परिक्रमा को देखते हुए बल्केश्वर और कैलाश घाट पर पुलिस तैनात की गई है, जिससे कोई पानी में न जा सके।दयालबाग में निचले इलाकों में पानी भरना शुरू हो गया है। इसके लिए प्रशासन ने दयालबाग की तनिष्क राजश्री कॉलोनी में नोटिस चस्पा किया है। कालोनी के सभी 33 मकानों को खाली करने के लिए कहा गया है। यमुना का पानी कॉलोनी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में यहां पर लोगों ने अपना सामान बांध लिया है। उनका कहना है कि पानी आते ही वो लोग सुरक्षित स्थान की ओर निकल जाएंगे। प्रशासन ने बाढ़ को देखते हुए चार बाढ़ राहत चौकी बनाई हैं। दयालबाग में वीरी सिंह इंटर कॉलेज में बाढ़ राहत केंद्र बनाया गया है। इसके अलावा बल्केश्वर में भी केंद्र बनाया गया है।
इन 28 इलाकों में सबसे पहले घुसेगा पानी
लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए शहरी क्षेत्र के 28 इलाकों को चिन्हित किया गया है। जलस्तर और बढ़ने पर सबसे पहले इन इलाकों में पानी घुसेगा। सिंचाई विभाग द्वारा जारी सूची में नगला बूढ़ी, अमर विहार, दयालबाग, बल्केश्वर, जसवंत की छतरी, सरस्वती नगर, राधा नगर, जीवनी मंडी, कृष्णा कालोनी, बेलनगंज, सक्सेरिया गली, यमुना किनारा रोड, वेदांत मंदिर से फोर्ट तक, स्ट्रेची ब्रिज, छत्ता बाजार, गोकुलपुरा, कछपुरा, नगला देवजीत, मारवाड़ी बस्ती, मोती महल, यमुना ब्रिज, कटरा वजीर खां, रामबाग बस्ती, अप्सरा टाकीज, भगवती बाग, राधा विहार, केके नगर, जगदंबा डिग्री कॉलेज हैं।