आगरा, 11 जुलाई। दुकानदारों द्वारा अपने प्रतिष्ठानों के आगे डस्टबिन न रखना अब भारी पड़ने वाला है। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने ऐसे दुकानदार और रेहड़ी ठेली वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश जारी किये हैं।
सार्वजनिक स्थलों पर कूड़ा फेंककर कुछ लोग प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत मिशन के अभियान को बट्टा लगा रहे हैं। ऐसे लोगों पर नकेल कसने के लिए नगर निगम ने अभियान शुरु कर दिया है। शहर के छत्ता, हरीपर्वत,ताजगंज और लोहामंडी समेत चारों जोन में निगम की टीमें अभियान चला रही हैं। कूडे़ के साथ ही साथ प्लास्टिक के खिलाफ भी अभियान चलाया जा रहा है। अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र प्रसाद यादव ने बताया कि 2018 से पूर्व नगर निगम की ओर से लाखों की संख्या में हर वार्ड के सभी घरों में हरे और नीले रंग की दो दो डस्टविन बांटी गई थीं। इनमें एक में गीला व दूसरी में सूखा कचरा रखना होता था। लेकिन उत्तर प्रदेश सोलिडवेस्ट नियमावली 2023 में संशोधन के बाद सरकार की ओर से डस्टविन बांटने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद भी घरों व दुकानों पर कचरे के लिए स्वयं ही डस्टविन रखना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसा न करने पर पांच सौ रुपये प्रतिदिन के हिसाब से चालान का प्रावधान किया गया है। इसके बावजूद बड़ी संख्या में न तो घरों में और न ही दुकानदार डस्टविन का उपयोग कर रहे हैं। घरों और दुकानों का कूड़ा सड़क या नाले नालियों में फैंका जा रहा है। इससे निपटने के लिए सभी वार्डों में 25 सफाई और खाद्य निरीक्षकों की टीमें नियुक्त की गयी हैं। ये टीमें रोजाना विभिन्न वार्डों में जाकर चेकिंग कर रहे हैं।
–भगवान टाकीज के आसपास दुकानदारों को बांटी गई डस्टबिन–
दुकानों के आगे होने वाली गंदगी को रोकने के लिए नगर निगम की ओर सेे आज भगवान टाकीज के आसपास पचास दुकानदारों को डस्टबिन दी गयीं। डस्टबिन के कीमत भी दुकानदार से ही वसूल की जा रही है। उन्हें चेतावनी दी गई कि अगर गीला व सूखा कूड़ा अलग अलग डस्टबिन में नहीं डाला गया तो चालान की कार्रवाई के लिए तैयार रहें।
वर्जन—नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल का कहना है कि शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखना हम सभी का कर्तव्य है। नागरिक कूड़े को नाली या घरों के बाहर फेंकने के बजाय डस्टबिन में डालें।