वित्तीय वर्ष 2024 -25 की प्रथम तिमाही में माल ढुलाई से 125.90 करोड़ रुपये की आय अर्जित की

Press Release उत्तर प्रदेश दिल्ली/ NCR

पिछले वर्ष इसी अवधि में 115.51 करोड़ रुपये की तुलना में आय में 9 प्रतिशत की वृद्धि

आगरा मंडल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रथम तिमाही में 903138 टन माल ढुलाई की, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 839595 टन माल ढुलाई की तुलना में 7.56 प्रतिशत अधिक

आगरा, 11 जुलाई। उत्तर मध्य रेलवे आगरा मंडल द्वारा निरंतर सर्वोत्तम प्रयास किए जा रहे हैं। साथ ही रेल राजस्व में वृद्धि हेतु सतत प्रयत्नशील है।  मंडल रेल प्रबंधक आगरा श्री तेज प्रकाश अग्रवाल के मार्गदर्शन में आगरा मंडल द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25  की प्रथम तिमाही अप्रैल, मई व जून -2024  में  माल भाड़ा द्वारा विभिन्न श्रोतो से आय अर्जित की है जिसमे मुख्यतय:

  • आईओसी/बाद से पेट्रोलियम तेल के 305 रैक का लदान हुआ जिससे 66 करोड़ की माल भाड़ा आय अर्जित हुई जो की गत वर्ष में अर्जित की गई आय से लगभग 7.18 प्रतिशत अधिक है।
  • आईसीडीवाई से कंटेनर के 34 रैक का लदान हुआ जिससे 43 करोड़ की आय अर्जित की गई ।
  • 166 वैगन खाध तेल का लदान रामगढ़ से हुआ जिससे 93 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ।
  • यमुना ब्रिज से 3 वैगन आलू एवं 3 वैगन खाद्य ऑयल का लदान हुआ जिससे क्रमशः 76 लाख एवं 3.05 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ ।
  • गोविन्दगढ़ व जाडोली का बास से 3 रेक बैलास्ट का लदान हुआ जिससे 56 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ|
  • शोलाका में 01 रेक स्लीपर्स का लादान हुआ जिससे 18 लाख का राजस्व प्राप्त हुआ |
  • मथुरा ,अछनेरा व धौलपुर से विभागीय RMC का लदान हुआ जिससे 2.08 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ |

आगरा मंडल ने वित्तीय वर्ष 2024-25 की प्रथम तिमाही में 903138 टन माल ढुलाई की, वित्तीय वर्ष 2023-24 में 839595 टन माल ढुलाई की तुलना में 7.56 प्रतिशत अधिक हैं व वित्तीय वर्ष प्रथम तिमाही 2023 में माल ढुलाई से 115.51 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था, जबकि वित्तीय वर्ष प्रथम तिमाही 2024 में यह लगभग 9 प्रतिशत बढ़कर 125.90 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ हैं |

रेलवे ने व्यापार करने में आसानी के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सेवा वितरण में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किए हैं। कम कीमत पर बढ़िया सेवा देने का प्रयास किया गया है  कुशल नीति निर्माण द्वारा समर्थित ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण और व्यवसाय विकास इकाइयों के कारण रेलवे को यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करने में मदद मिली है।

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