आगरा। शहर में चल रहे मेट्रो रेल परियोजना के तहत किए जा रहे निर्माण कार्यों में मानकों की अनदेखी से वायु प्रदूषण तेजी से बढ़ता जा रहा है। विशेष रूप से भूमिगत टनल निर्माण के दौरान की जा रही खुदाई ने शहर की वायु गुणवत्ता को प्रभावित किया है। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी को पत्र लिखकर त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
मेट्रो रेल कारपोरेशन द्वारा शहर के विभिन्न क्षेत्रोंजैसे ताजगंज, सिकंदरा, आगरा कॉलेज और एमजी रोड में भूमिगत टनल के लिए बड़े पैमाने पर खुदाई कार्य किया जा रहा है। इस प्रक्रिया के दौरान धूलकण और मिट्टी वातावरण में फैल रही है, जिससे स्थानीय निवासियों को सांस संबंधी समस्याओं और आंखों में जलन जैसी शिकायतें सामने आ रही हैं।
खुदाई से पूर्व शहर की सड़कों पर बने डिवाइडरों, उनके ऊपर लगे वृक्षों, पौधों और सजावटी गमलों को भी हटाया जा रहा है। इससे हरियाली कम हुई है और प्रदूषण को नियंत्रित करने वाली प्राकृतिक बाधाएं समाप्त हो गई हैं। स्थानीय पर्यावरणविदों और नागरिक संगठनों ने इस पर चिंता जताते हुए मांग की है कि निर्माण कार्यों के दौरान धूल नियंत्रण के उपाय, जैसे पानी का नियमित छिड़काव और खुदाई के स्थानों को ढकने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने कहा, है कि शहर के नागरिकों के स्वास्थ्य से समझौता नहीं किया जा सकता। प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन करना मेट्रो कॉरपोरेशन की जिम्मेदारी है। संबंधित विभाग को पत्र भेजकर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा गया है।