आगरा, 14 जून।अपर जिलाधिकारी (वि0/रा०) यशवर्धन श्रीवास्तव ने अवगत कराया है कि राहत आयुक्त, उत्तर प्रदेश शासन, लखनऊ के माध्यम से राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा रासायनिक आपदाओं के समय “क्या करें क्या न करे” के सम्बन्ध में गाइडलाइन औद्योगिक क्षेत्रों में जन-जागरूकता व प्रचार प्रसार करने हेतु निर्देशित किया गया है।
उन्होंने बताया है कि रासायनिक आपात स्थिति से पहले रसायनों, यहां तक कि आम घरेलू उत्पादों का भी मिश्रण न बनाएं। कुछ संयोजन, जैसे अमोनिया और ब्लीच, विषाक्त गैसों का निर्माण कर सकते हैं। रासायनिक उत्पादों को ठीक से स्टोर करें। गैर-खाद्य उत्पादों को आसानी से पहचानने के लिए उनके मूल कंटेनरों में कसकर बंद कर रखें। इस्तेमाल न किये गए रसायनों को ठीक से निपटाएं। अनुचित निपटान स्थानीय जल आपूर्ति को दूषित कर सकता है। खतरनाक क्षेत्रों में धूम्रपान न करें और आग न लगाएं। यदि संभव हो तो खतरनाक रसायनों को संसाधित करने वाले उद्योगों के पास रहने से बचें। आपातकालीन संपर्क नंबरों को संभाल कर रखें। साथ हीं आस-पास के खतरनाक उद्योगों के नंबर भी तैयार रखें। सरकार/स्वैच्छिक संगठनों/औद्योगिक इकाइयों द्वारा आयोजित क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में भाग लें। सुरक्षित आश्रयों और उन तक पहुँचने के आसान एवं सुरक्षित मार्गो की पहचान करें। अपने परिवार के लिए एक प्रबंधन योजना तैयार करें। एक आपदा किट अवश्य तैयार करें जिसमें सुरक्षित रहने का आवश्यक सामान हो। रासायनिक आपात स्थिति के दौरान घबराएं नहीं । लक्षित मार्ग द्वारा जल्द-से-जल्द घर खाली कर दें । घर से निकलते समय चेहरे पर कपड़े का गीला टुकड़ा रखें। यदि आप घर खाली करने में असमर्थ हैं, तो सभी दरवाजे और खिड़कियां कसकर बंद कर दें।सुरक्षित स्थान पर पहुंचकर आपातकालीन सेवाओं (पुलिस, अस्पताल आदि) को सूचित करें। अफवाह न फैलाएं, न ही उनपर ध्यान दें या विश्वास करें।
अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) ने आगे यह भी अवगत कराया है कि रासायनिक आपात स्थिति के बाद खुले भोजन/पानी आदि का सेवन न करें। एक सुरक्षित स्थान/आश्रय पर पहुंचने के बाद कपड़े बदल लें और ठीक से हाथ धोएं।पूरे अड़ोस-पड़ोस को रासायनिक खतरों और उनके इलाज के लिए आवश्यक प्राथमिक उपचार से अवगत कराएँ। आधिकारिक समाचारों और घोषणाओं के लिए रेडियो सुनें, टीवी देखें और मोबाइल फोन देखें तथा सरकारी अधिकारियों को सटीक जानकारी दें और मौजूद खतरे से निपटने के लिए सुरक्षात्मक उपकरणों की सटीक आवश्यकता से अधिकारियों को अवगत कराएं।