स्विट्जरलैंड और जर्मनी के चिकित्सकों ने नेमिनाथ होम्योपैथिक कॉलेज में लिया प्रशिक्षण

Health उत्तर प्रदेश दिल्ली/ NCR स्थानीय समाचार

होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक देश की पुरानी चिकित्सा विधा, अब विदेशों में भी अपनाई जा रही पद्धति धर्मवीर प्रजापति
कैंसर, डायबिटीज, सोरायसिस अर्थराइटिस में भी कारगर होम्योपैथी
पांच दिवसीय प्रशिक्षण में विदेशी चिकित्सकों ने जाना नेमिनाथ कॉलेज में गंभीर रोगों का उपचार
नेमिनाथ कॉलेज में प्रशिक्षण लेने वाले विदेशी चिकित्सकों को कारागार मंत्री ने दिए प्रमाण पत्र
आगरा। समय के बदलाव के साथ विभिन्न रोगों के उपचार में एलोपैथी के साथ होम्योपैथिक और आयुर्वेद ने भी अपना अहम स्थान बनाया है। कैंसर, डायबिटीज, अर्थराइटिस, पैरालिसिस और सोरायसिस जैसी गंभीर बीमारियों में भी होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति बेहतर ढंग से कारगर है यह कहना है स्विट्जरलैंड होम्योपैथिक मेडिकल साइंस की हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ कैलर गैवरीला का। नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में पांच दिवसीय प्रशिक्षण के उपरांत प्रशिक्षण प्रमाण पत्र प्राप्त कर स्विट्जरलैंड और जर्मनी के 13 सदस्यीय चिकित्सकीय दल ने होम्योपैथिक चिकित्सा के प्रति अपने अनुभवों को साझा किया।

नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के नेहरू नगर स्थित सिटी सेंटर पर आयोजित कार्यक्रम में जर्मनी और स्विट्जरलैंड के चिकित्सकों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र उत्तर प्रदेश सरकार के कारागार एवं होमगार्ड राज्य मंत्री डॉ धर्मवीर प्रजापति ने प्रदान किये। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार के स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा होम्योपैथिक और आयुर्वेदिक हमारी चिकित्सा पद्धति की पुरानी विधाएं हैं समय के बदले दौर के साथ विश्व भर में आज चिकित्सा की इन पद्धतियों को स्वीकार किया जा रहा है। बेहतर चिकित्सा सुविधा के साथ सेवा भावना से नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज ने पुरातन चिकित्सा पद्धति को विश्वव्यापी बनाया है। इस मौके पर नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डॉ प्रदीप गुप्ता ने बताया कि पिछले कई वर्षों से विश्व भर के विभिन्न देशों के चिकित्सक मेडिकल कॉलेज में आकर होम्योपैथी चिकित्सा की नई पद्धतियों पर प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं। आज लोगों की धारणा बदल रही है अब होम्योपैथी चिकित्सा गंभीर रोगों के उपचार में जल्द राहत प्रदान कर रही है। उन्होंने कहा मेडिकल कॉलेज में ओपीडी के साथ देश में पहली बार आईपीडी की सुविधा से मरीजों का उपचार किया जा रहा है।

इस मौके पर समाजसेवी सुनील विकल ने बताया कि भारत विश्व में राजनीतिक शक्ति के साथ अन्य क्षेत्रों में भी अपनी अलग पहचान बना रहा है आगरा के नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज ने कोरोना काल में बेहतर चिकित्सा सुविधा देकर होम्योपैथी के प्रति लोगों की भ्रांति को दूर किया है। नेमिनाथ कॉलेज ने कोरोना महामारी के समय 20 ऑक्सीजन लेवल वाले मरीज को बेहतर चिकित्सा सुविधा देकर 3 से 4 दिन में पूर्ण स्वस्थ कर घर भेजा है। नेमिनाथ कॉलेज में जल्द आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक पद्धति से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों के सफलतम उपचार के लिए रिसर्च चल रहा है।

विदेशी चिकित्सकों ने साझा किये अनुभव

नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले स्विट्जरलैंड और जर्मनी के चिकित्सकों ने होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति पर अपने अनुभव साझा किये। स्विट्जरलैंड की एलोपैथी चिकित्सक जो पिछले 25 वर्षों से होम्योपैथी की प्रैक्टिस कर रहीं डॉक्टर बोलिमन जूलिया ने कहा होम्योपैथी चिकित्सा से ब्रेस्ट कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में 11 दिन में परिवर्तन देखने को मिला है। मलेरिया डेंगू जैसी बीमारियों के साथ कैंसर अर्थराइटिस सोरायसिस के साथ पाइल्स की बीमारी में भी होम्योपैथी बेहद कारगर है।

डॉक्टर अर्जेलिका टोष ने कहा नेमिनाथ होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज में ओपीडी के साथ आईपीडी की तकनीक और गंभीर रोगों के इलाज की प्रशिक्षण में जानकारी मिली है। डॉक्टर मार्टिन जुस ने होम्योपैथिक पद्धति के बारे में अपने विचार साझा करते हुए कहा भारतीय चिकित्सा की यह पद्धति आज विश्व के कई देशों में मरीज के सफल उपचार में बड़ी भूमिका निभा रही है। नेमिनाथ कॉलेज में गंभीर रोगियों को पहली बार होम्योपैथिक ट्रीटमेंट कराते हुए देखा। इस मौके पर डॉक्टर ब्लैटलर ने कहा 5 दिन के प्रशिक्षण में कई गंभीर रोगों के उपचार की पद्धति को सीखने का अवसर मिला है।

कारागार मंत्री ने बांटे प्रशिक्षण प्रमाण पत्र

नेमिनाथ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज में पांच दिवसीय प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले स्विटजरलैंड और जर्मनी के चिकित्सकों को प्रशिक्षण प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस मौके पर उन्होंने दोनों देशों से आए चिकित्सकों से आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक पद्धति के बारे में जानकारी भी प्राप्त की। इस मौके पर धर्मवीर प्रजापति ने नेमिनाथ मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डॉ प्रदीप गुप्ता की लगन और मेहनत को खूब सराहा।

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