आगरा. 20 मार्च। कलक्ट्रेट कार्यालय के बाद मण्डलायुक्त द्वारा आयुक्त कार्यालय का भी निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में सर्वप्रथम आयुक्त एवं अपर आयुक्त न्यायालयों की स्थिति को देखा। नाजिर को साफ-सफाई और आवश्यकतानुसार दीवारों पर रंगाई-पुताई के निर्देश दिये। तत्पश्चात मंडलायुक्त ने कार्यालय पर आयुक्त एवं अपर आयुक्त न्यायालय के कार्यों की समीक्षा की।
न्याययिक कार्य की समीक्षा करने पर मण्डलायुक्त ने पाया आयुक्त न्यायालय की गार्ड फाइल अपडेट नहीं थी। अपडेट करने के निर्देश दिये। अवर न्यायालय से जुड़ी लगभग 180 पत्रावली काफी समय से नहीं मंगवाई गयी। जिसे लेकर निर्देश दिए कि जिस दिन न्यायालय में सुनवाई नहीं होगी उस दिन पेशकार संबंधित अवर न्यायालय से स्वयं फाइल लेकर आएंगे। शहरी योजना एवं विकास, भू राजस्व, भारतीय शस्त्र और उत्तर प्रदेश जमींदारी एवं विनाश अधिनियम से जुड़े सभी वादों के दिनांक अगले दो माह में तथा पुनर्स्थापना से जुड़े सभी वादों की अगले 15 दिनों में दिनांक निर्धारित करने के निर्देश दिये।
अपर आयुक्त न्यायालय की समीक्षा में पाया गया कि 05 वर्ष से भी अधिक पुरानी वाद पत्रावलियों में पेशकार एवं अहलमद द्वारा पीठासीन अधिकारी को पारित आदेशों का अनुपालन नहीं कराया जा रहा है और ना ही अवर न्यायालयों की पत्रावलियों को मंगाये जाने के लिये मांत्र पत्र प्रेषित किये जा रहे हैं। अवर न्यायालय की पत्रावलियाँ समय से प्राप्त न होने के कारण न्यायालयों में लम्बित वादों की संख्या में इजाफा हो रहा है। मण्डलायुक्त महोदया द्वारा नाजारगी व्यक्त करते हुये संबंधित पेशकार एवं अहलमद का उत्तरदायित्व निर्धारित करने एवं पुराने वादों का निस्तारण करने हेतु वाद पत्रावलियों में दिनांक निर्धारित करने के निर्देश दिये।सभी अपर आयुक्त को निर्देश देते हुए मंडलायुक्त ने कहा कि न्यायालय की वाद पत्रवालियों में पारित हो रहे अंतरिम आदेशों का संबंधित पेशकारों एवं अहलमदों द्वारा अनुपालन किया जा रहा है या नहीं इसकी स्वयं जांच करें।