मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय आगरा की प्रबंध समिति की बैठक बिलंब से कराने पर  मंडलायुक्त ने जतायी कड़ी नाराजगी

Health उत्तर प्रदेश दिल्ली/ NCR स्थानीय समाचार

बैठक के उपरांत मंडलायुक्त ने अधिकारियों संग किया मानसिक स्वास्थ्य संस्थान परिसर का निरीक्षण, रोगियों-परिजनों से पूछा हालचाल

मनोरोगियों के सामाजिक एवं व्यावसायिक पुनर्वास हेतु संचालित केंद्र का लिया जायजा, तैयार किये जाने वाले सामानों की बिक्री हेतु एनजीओ को जोड़ने के दिये निर्देश

आगरा. 10 जनवरी।  आज मंगलवार को मंडल आयुक्त श्रीमती रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय प्रबंध समिति की बैठक हुई। जिसमें सर्वप्रथम संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर दिनेश राठौर द्वारा मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गयी। अवगत कराया गया कि संस्थान में मानसिक रोगियों के उपचार हेतु 30 वार्ड बने हैं जिसमें लगभग 838 रोगियों को भर्ती कर उपचार किए जाने की सुविधा है। प्रतिदिन सुबह 8 से लेकर दोपहर 2 बजे तक ओपीडी की सुविधा रहती है। संस्थान में मानसिक रोगियों के सामाजिक एवं व्यवसायिक पुनर्वासन हेतु परिसर में ही व्यावसायिक चिकित्सा केंद्र संचालित है जिसके माध्यम से जहां पुरुष रोगी सिलाई खेती, दोना मेकिंग, फर्नीचर आदि का काम सीखते व करते हैं तो वहीं महिलाएं सिलाई, कढ़ाई-बुनाई, पेंटिंग, सजावटी सामान तैयार करती हैं। संस्थान में डीएनबी मनोज चिकित्सा पाठ्यक्रम और एचडी एमपी हिल के पाठ्यक्रम भी संचालित होते हैं। व्यावहारिक विज्ञान में शोध हेतु एक लाइब्रेरी भी मौजूद है जहां मानसिक रोग के विभिन्न विषयों से संबंधित 16000 से अधिक थीसिस व लघु शोध प्रबंध लेख उपलब्ध हैं। मंडलायुक्त महोदया द्वारा संस्थान की वित्तीय प्रगति तथा आय-व्यय संबंधी रिपोर्ट तलब की गयी। जिससे संतुष्ट न होने पर आगामी बैठक में ऑडिट रिपोर्ट प्रबंध समिति के समक्ष रखने के निर्देश दिए। मंडलायुक्त महोदया द्वारा संस्थान में कार्यरत कुल अधिकारी, कर्मचारी की स्थिति तथा उनको दिए जाने वाले वेतन तथा संस्थान की आय के स्रोत के बारे में जानकारी ली।

बैठक में पिछली प्रबंध समिति की बैठक के अनुपालन की आख्या प्रस्तुत करते हुए मंडलायुक्त महोदया को अवगत कराया गया कि संस्थान की आय बढ़ाने के उद्देश्य के साथ लेवी शुल्क की दर में वृद्धि और शासन से प्राप्त वार्षिक अनुदान राशि को 30 करोड़ किये जाने का प्रस्ताव शासन को प्रेषित है। फॉलो अप की प्रकिया जारी है। वहीँ परिसर में अभी तक आरओ प्लांट न लगने, मनोरोगियों के चिकित्सा उपचार हेतु आवश्यक उपकरणों सेवाओं को क्रय नहीं किए जाने एवं कैदियों के पूर्ण कालिक चिकित्सीय पर्यवेक्षक एवं सुरक्षा के दृष्टिगत सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने का अनुपालन न किये जाने पर मंडलायुक्त ने नाराजगी जताई और जल्द से जल्द उपरोक्त कार्यों को पूर्ण कराने के निर्देश दिए। शासन द्वारा निर्धारित अनुदान को वित्तीय वर्ष में दो किस्तों में अग्रिम आवंटन न किए जाने पर शासन को रिमाइंडर भेजने हेतु निर्देशित किया। वर्ष 2016 के बाद से जूनियर व सीनियर रेजिडेंट द्वारा सातवें वेतन आयोग के अंतर्गत एरियर एवं वेतन वृद्धि की मांग को लेकर मंडलायुक्त ने संबंधित शासनादेश और हाई कोर्ट के आदेश के अनुपालन से ही सभी को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिलाने हेतु शासन में पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए।

समिति की बैठक में मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में संचालित पाठ्यक्रम का शुल्क स्ववित्त पोषित व्यवस्था के अनुसार पुनरक्षित करने एवं मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में प्रशिक्षित मैनपॉवर एवं राजस्व वृद्धि हेतु सर्टिफिकेट कोर्स शुरू करवाने के संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। मंडलायुक्त ने प्रस्ताव की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि पाठ्यक्रम मैनेजमेंट पर होने वाले आय-व्यय को ध्यान में रखकर अन्य मानसिक स्वास्थ्य संस्थानों में फीस वृद्धि का नियम क्या है, उसे देखा जाए। सर्टिफिकेट कोर्स की उपयोगिता और 3 महीने की अवधि को ध्यान में रखकर स्टैंडर्ड फॉर्म में कोर्स का कंटेंट तैयार किया जाए। छात्रों के नियमित प्रशिक्षण, पठन-पाठन एवं थीसिस कार्य हेतु रिक्त पदों पर आवश्यकतानुसार चिकित्सा शिक्षकों की भर्ती कराने के निर्देश दिए।

बैठक के उपरांत मंडलायुक्त ने अधिकारियों संग आगरा मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय परिसर का निरीक्षण किया। सर्वप्रथम मंडलायुक्त ने फैकल्टी ब्लॉक का अवलोकन किया। संस्थान के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ दिनेश राठौर जी द्वारा अवगत कराया गया कि यहां पर एक कॉउंसलिंग सेल बना हुआ है जो मनोरोगी से जुड़े पीड़ितों और परिजनों को ऑन कॉल परामर्श की सुविधा देते हैं। ईसीटी (विद्युत उपचार पद्धति) रूम को देखा और रोगियों के उपचार पद्धति को जाना। महिला अंतः रोगी विभाग में बने भोजनालय और किचन का अवलोकन किया। प्रतिदिन रोगियों को मिलने वाले भोजन और राशन की स्थिति देखी। व्यावसायिक चिकित्सा केंद्र में देखा कि किस तरह से उपचारात महिलाओं द्वारा कढ़ाई, बुनाई और सजावटी सामानों से आकर्षक सामान एवं गिफ्ट बनाये एवं तैयार किये जाते हैं। मंडलायुक्त ने इन सामानों और गिफ्ट आयटम की बिक्री हेतु एनजीओ को भी संस्थान से जोड़ने के निर्देश दिए।

इसके बाद मंडलायुक्त ने मानसिक चिकित्सालय परिवार वार्ड का अवलोकन किया। वार्ड में भर्ती रोगियों और उनके साथ ठहरने वाले परिजनों से वार्ता कर यहां मिल रही चिकित्सीय एवं रहने-खाने की सुविधा के बारे में पूछा। परिजनों द्वारा बताया गया कि यहां उन्हें समय पर सभी सुविधाएं मिल रहीं है। किसी प्रकार की समस्या नहीं है। उपचार से लाभ के बारे में पूछने पर बताया गया कि धीरे-धीरे स्वास्थ्य में सुधार मिल रहा है।इस मौके पर जिलाधिकारी  भानु चन्द्र गोस्वामी , राजेन्द्र कुमार  अनुसचिव चिकित्सा विभाग लखनऊ, एडी हेल्थ  चंद्रशेखर , संस्थान के निदेशक डॉ दिनेश राठौर , वित्त अधिकारी श्रीमती कंचन यादव , डॉ अनिल सिसौदिया  आदि मौजूद रहे।

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