ताजसिटी आगरा आलू उत्पादक किसान सेवा समिति के पदाधिकारियों लक्ष्मीनरायन बघेल और किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन
आगरा, 1 सितंबर। ताज सिटी आलू उत्पादक किसान सेवा समिति ने आज सोमवार को जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी को ज्ञापन देकर आलू किसानों की समस्याएं बतायीं तथा इनके समाधान की मांग की। समिति के प्रदेश सचिव लक्ष्मीनरायन बघेल, किसान नेता श्याम सिंह चाहर, प्रदीप राय आदि के द्वारा दिये गये ज्ञापन पर जिलाधिकारी ने जिलाउद्यान अधिकारी आगरा को आदेश दिये हैं कि वे किसान नेताओं द्वारा बतायी गयी आलू किसानों की समस्याओं पर डीएम के साथ चर्चा करें जिससे कि आलू किसानों की समस्याओं का समाधान किया जा सके।
समिति के प्रदेश सचिव लक्ष्मीनरायन बघेल ने कहा है कि आगरा जनपद में आलू 70 से 80 हजार हेक्टेयर रकबा में उगाया जाता है। जिसकी बुवाई अक्टूबर-नवंबर में की जाती है। हालांकि इसकी तैयारी आलू किसान अगस्त-सितंबर से ही शुरू कर देते हैं। इन तैयारियों में किसानों की चिंता वर्तमान में डीएपी खाद और रियायती दर पर उत्तम कोटि के आलू बीज की है।
1- इस साल आलू की फसल का दाम किसानों को अच्छा नहीं मिल पाया है। इसलिये सरकार से निवेदन है कि आलू किसानों को कोल्ड स्टोर के भाड़े में सब्सिडी दी जाए। न कि कोल्ड स्टोर के व्यापारियों को। वरना आलू किसान बर्बाद हो जाएगा। कोल्ड स्टोरों में रखे आलू का भाड़ा कम किया जाए।
आलू के लिये उद्यान विभाग से जो 20 एचपी ट्रैक्टर उपलब्ध कराये जाते हैं। जो किसान के लिये आश्यक जरूरी लोड नहीं उठा पाते हैं। इसलिये अधिक पावर वाले ट्रैक्टर किसानों को दिये जाएं। उद्यान विभाग सब्जी एवं फल-फूल के बीज वितरित करता है। वह उच्चकोटि के नहीं होते। इसलिये किसानों को उच्चकोटि के बीज उपलब्ध कराये जाएं। जिससे वे अच्छी फसल का उत्पादन कर सकें।
खाद की आगरा जनपद में भारी कमी है। इसको लेकर किसानों में रोष है। सरकार से अनुरोध है कि तत्काल पर्याप्त मात्रा में खाद आगरा के किसानों को उपलब्ध कराया जाए। कोल्ड स्टोर से लाइसेंसधारक व्यापारियों को ही आलू बेचने के लिये अधिकृत किया जाए। इनकी सूची बाकायदा सभी किसानों को भी दी जाए। इससे राजस्व की चोरी भी नहीं हो पाएगी। साथ ही आलू किसानों के साथ धोखाधड़ी नहीं हो पायेगी। इस साल जनपद में अधिक वर्षा होने के कारण सब्जी उगाने वाले तथा सभी अन्य किसानों को बाजरा आदि फसलों में भारी नुकसान हुआहै। इसका मुआवजा किसानों को दिलाया जाए। किसानों द्वारा केसीसी ऋण न चुकाने पर अमीनों द्वारा किये जा रहे उत्पीड़न को रोका जाए। सरकार इन ऋणों को माफ करे।
कोल्ड स्टोर स्वामियों द्वारा भाड़े में लगाता की जा रही मनमानी बढोतरी को रोका जाए । सरकार के स्तर पर न्यूनतम भाड़ा तय किया जाए। नहरों का संचालन ठीक नहीं हो पा रहा है क्योंकि जनपद की नहरों की सफाई भी ठीक से नहीं करायी गयी है। आलू किसानों को 20 अक्टूबर तक पलेवट के लिये पानी की जरूरत है। इसलिये समय से नहरों का संचालन कराया जाए।