स्वीकृत विभिन्न ऋण आवेदनों का दीपावली तक निस्तारित करने के जिलाधिकारी ने दिए निर्देश

Press Release उत्तर प्रदेश स्थानीय समाचार

आगरा.31 अक्टूबर।  जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी की अध्यक्षता में आज विशेष जिला स्तरीय समीक्षा समिति एवं जिला परामर्शदात्री समिति(डीएलआरसी/सीसीसी) की त्रैमासिक माह सितंबर की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई। जिसमें  बताया गया कि सितंबर 2023 का जनपद का ऋण जमा अनुपात लगभग 67.38 प्रतिशत रहा जो आरबीआई के मानक 60 प्रतिशत से अधिक है। बैठक में बैंक सुविधा रहित व्यक्तियों को बैंकिंग सुविधाओं यथा बैंक खाता, ऋण, बीमा, पेंशन सुविधा में आच्छादित करने हेतु पिछड़े व ग्रामीणों क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं के प्रचार प्रसार करने, बैंक मित्रों, वित्तीय साक्षरता सलाहकारों द्वारा, ब्लॉक व ग्रामवार वित्तीय साक्षरता कैंप आयोजित करने, तथा जनधन खाता धारकों को पीएम जीवन बीमा से जोड़ने के निर्देश दिए गए।
बैठक में जनधन खातों की समीक्षा में बताया गया कि इस तिमाही में लगभग 01 लाख खाते खोले गए हैं इनमें प्राइवेट बैंक की भागीदारी सबसे कम रही है, जिलाधिकारी ने निजी बैंकों से भी जनधन खातों को को खुलवाने हेतु गंभीरता से कार्य करने को निर्देशित किया, बैठक में बैंकों और राज्य सरकार द्वारा क्रेडिट प्लस कार्य कलापों के प्रति ‘ आर सेटी’ जैसी प्रशिक्षण संस्थानों यथा स्वरोजगार प्रशिक्षण केंद्र(रुडसेट) द्वारा जिले के निर्धन, बेरोजगार युवकों को प्रशिक्षण देकर रोजगार स्थापित करके आत्मनिर्भर बनाने हेतु भेजे गए 71 आवेदन प्रस्तावों के सापेक्ष 33 स्वीकृत तथा 33 लंबित व 05 रिजेक्टेड बताए, जिनमें सर्वाधिक एसबीआई में 12, केनरा व पंजाब नेशनल बैंक में 08-08 तथा 03 आर्यव्रत बैंक में मिले इस पर जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की तथा लंबित आवेदनों पर विचार करने को निर्देशित किया। बैठक में जिला क्रेडिट योजना एमएसएमई, कृषि तथा अन्य प्राथमिक क्षेत्रों में ऋण सुविधा न देने व गलत तथ्य पेश करने पर जिलाधिकारी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की तथा आरबीआई तथा नाबार्ड को इस आशय का पत्र जारी करने के निर्देश दिए। बैठक में ऋण-जमा अनुपात(सीडी रेशियो) आरबीआई के मानक अनुरूप 60 प्रतिशत होना चाहिए लेकिन द फेडरल बैंक का 24.5 प्रतिशत, एसबीआई का 42.05, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया का 41.63यूको बैंक का 39.55 प्रतिशत रहा, जिलाधिकारी ने दिसंबर तक आरबीआई के मानक अनुरूप लक्ष्य हासिल करने तथा कार्य प्रणाली में बदलाब लाने व मुद्रा लोन, स्वयं सहायता समूहों, व्यापारियों को खुदरा ऋण इत्यादि देकर जनपद का ऋण जमा अनुपात बढ़ाने के निर्देश दिए।
बैठक में जिलाधिकारी ने बैंकबार शैक्षिक ऋण स्वीकृति की समीक्षा की जिसमें पाया गया कि निजी बैंकों ने इसमें कोई रुचि नहीं ली, आईसीआईसीआई बैंक की जनपद में 11 ब्रांच पर 11 ऋण आवेदन, एचडीएफसी बैंक की 20 ब्रांच में 02 आवेदन आईडीबीआई की 03 ब्रांच में मात्र 02 शैक्षिक ऋण आवेदन तथा इंडियन बैंक की 17 ब्रांच में 06 ऋण आवेदन स्वीकृत किए गए, जिलाधिकारी ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई तथा निजी बैंकों द्वारा हाउसिंग लोन देने में पूरी रुचि दिखाने पर नाराजगी व्यक्त की तथा बैंकवार आवेदनों की सूची सहित पुनः आने तथा कार्य संस्कृति में बदलाब के निर्देश दिए। बैठक में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की प्रगति की समीक्षा में बताया गया कि नियमतः 15 दिन में प्राप्त आवेदन का निस्तारण होना चाहिए लेकिन प्रकरण लंबित हैं तथा आवेदन रिजेक्ट का अनुपात अधिक है, जिलाधिकारी ने डीआईसी को रिजेक्ट आवेदनों पर अलग से रिपोर्ट प्रेषित करने को निर्देश दिए तथा बिना किसी ठोस कारण के आवेदन रिजेक्ट मिले तो कठोर कार्यवाही करने को निर्देशित किया। बैठक में एनआरएलएम में ओडीओपी उत्पादों को उच्च स्तरीय बनाए जाने हेतु उत्पादकों, कारीगरों को प्रभावी ऋण सुविधा दिए जाने हेतु पीएम रोजगार सृजन योजना(पीएमईजीपी) से लोन दिलाने के निर्देश दिए, मुख्यमंत्री माटीकला रोजगार योजना के अंतर्गत 15 ब्लॉकों में मात्र 04 का लक्ष्य होने पर जिलाधिकारी ने कड़ी आपत्ति की तथा सबसे कमजोर आर्थिक स्थिति वाले को वरीयता पर रखने तथा लक्ष्य बढ़ाने के निर्देश दिए। पीएम मुद्रा योजना की समीक्षा में कम प्रगति मिलने पर आगामी बैठक तक उल्लेखनीय प्रगति करने की चेतावनी दी गई, दीनदयाल अंत्योदय योजना में 3546 आवेदनों के सापेक्ष 1961 की स्वीकृति 1253 प्रस्ताव लंबित होने तथा बैंक सखी से ठीक समन्वय न करने पर सभी बैंकों को कड़ी फटकार लगाते हुए जिलाधिकारी ने अब त्रैमासिक की जगह प्रत्येक माह समीक्षा करने तथा आगामी बैठक की तिथि 20 नवंबर नियत की तथा निर्देश दिए कि वंचित वर्ग की स्कीमों के परिचालन हेतु संवेदनशीलता दिखाएं, शिथिलता बरतने पर सुनिश्चित कार्यवाही की जाएगी। बैठक में दीनदयाल अंत्योदय योजना -शहरी आजीविका मिशन, पीएम स्वनिधि, किसान क्रेडिट कार्ड, मत्स्य पालन हेतु ऋण योजना की समीक्षा की तथा जरूरी दिशा निर्देश दिए।बैठक में मुख्य विकास अधिकारी श्री ए. मनिकंडन, अग्रणी जिला प्रबंधक अविनाश वी. तथा नाबार्ड, आरबीआई, व समस्त बैंकों के प्रतिनिधि व संबंधित विभागों के अधिकारीगण मौजूद रहे।

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