किसानों के साथ केंद्र सरकार की कथनी- करनी में अंतरः श्याम सिंह चाहर

Politics उत्तर प्रदेश
    किसान नेता श्याम सिंह चाहर

आगरा, 1 फरवरी। केंद्र सरकार की नीतियों के कारण  किसान को अपनी फसल की उचित कीमत नहीं मिलती है। सरकार की कथनी और करनी में अंतर है। ये कहना है किसान नेता श्याम सिंह चाहर का। उन्होंने कहा कि फसल में किसान को लागत बहुत अधिक लगानी पड़ती है। जबकि उसे फसल की कीमत ठीक से नहीं मिल पाती है। उन्होंने कहा कि जैसे 1967 में गेहूं का रेट 70 रुपए कुंतल था और सोने का रेट 200,रुपए तोला था। टीचर को महीने का पेमेंट 80 रुपए मिलता था। सीमेंट की एक बोरी की रेट 7 रुपए थी ।आज सब का आंकड़ा जोड़ कर किसान की फसल का मूल्य निर्धारित कर दे सरकार तो किसान को सरकार से कर्जा लेने की जरूरत नहीं होगी ।सरकार किसानों को कर्ज में धकेल कर किसानों को जमीन से वंचित कर जमीन को पूंजी पतियों के हवाले करना चाहती हैं । सरकार किसानों को बर्बाद करने पर तुली हुई है परंतु किसान नेता श्याम सिंह चाहर ब अन्य ऐसा नहीं होने देंगे।

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