आगरा, 23 जुलाई। ताजनगरी के विभिन्न शीतगृहों में रखे आलू की धीरे-धीरे निकासी करने की अपील उपनिदेशक उद्यान धर्मपाल यादव ने की है। उन्होंने कहा है कि इससे किसानों का ही फायदा है। धीरे-धीरे आलू की निकासी करते रहेंगे तो आलू उत्पादकों को उनकी फसल का अच्छा मूल्य मिलता रहेगा। बाद में जब नई फसलकी बुवाई के समय अगर सभी किसान आलू को कोल्ड स्टोर से निकालेंगे तो स्वाभाविक है कि कीमतें गिर जाएंगी। इससे आलू उत्पादकों को ही नुकसान होगा।
अभी जुलाई का महीना समाप्त होने जा रहा है। उद्यान विभाग के आंकड़ों के अनुसार जनपद में अभी केवल 27-28 प्रतिशत आलू की ही निकासी हो सकी है। जबकि यह और अधिक होनी चाहिए थी। इन दिनों आलू का मूल्य भी ठीक है। इसलिये उद्यान विभाग आलू उत्पादकों से अपील कर रहा है कि वे अपने आलू की समय से निकासी करते रहें। उधर केंद्र सरकार ने भी सभी कोल्ड स्टोरों के चार शीर्ष आलू भंडारणकर्ताओं की सूची मांगी है। जिससे कि उनको आलू की निकासी के लिये प्रोत्साहित किया जा सके। राज्य सरकार के साथ ही केंद्र सरकार भी आलू की निकासी को लेकर चिंतित है। निकासी समय से होती रहेगी तो आलू की कीमतें भी नियंत्रित रहेंगी। हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि लगभग 500 ट्रक आलू आगरा मंडल से रोजाना निकलकर देश की विभिन्न मंडियों में बिकने के लिये जा रहा है। इसे और अधिक बढ़ाया जाएगा।