अमेरिका प्रवासियों का देश कहा जाता है अवैध आप्रवासियों का नहीं, आखिर इस फोटो वीडियो पे बवाल क्यों?

इस फोटो वीडियो पे बवाल चल रहा है। अब जरा गौर फरमाइए की ये लोग घुसपैठिए हैं। बिना डॉक्यूमेंट , वीजा के पहुंच गए हैं। कोई दीवार फांद, कोई पानी की नाव से, कोई कंटेनर में छुप के, कोई कार्गो के डब्बे में छुप के अमेरिका में दाखिल हुआ है। ऐसे घुसना गैर कानूनी है, […]

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क्या नई कृषि योजना से किसान हो पायेगा धन-धान्य पूर्ण?

प्रियंका सौरभ बजट में प्रत्यक्ष सब्सिडी की तुलना में वित्तीय सहायता को अधिक प्राथमिकता दी गई है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि किसानों को सामान्य सब्सिडी के बजाय फसल-विशिष्ट और क्षेत्रीय आवश्यकताओं के आधार पर अनुरूप सहायता मिले। डिजिटल सलाहकार सेवाओं और मृदा स्वास्थ्य निगरानी के माध्यम से धान किसानों के लिए लक्षित सहायता […]

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किताबों और अखबारों को बनाइए अपना साथी, ज़िन्दगी को जीने और देखने का बदल जाएगा नज़रिया

डॉ सत्यवान सौरभ विडंबना यह है कि बहुत से माता-पिता भी यही मानते हैं कि चुटकुले, मनोरंजन, रील बनाना और जो चाहे खाना, ये सब जीवन में ख़ुशी और आनंद की कुंजी हैं। इस उपभोक्तावादी मानसिकता के परिणामस्वरूप युवाओं का ज्ञान और मूल्यों का अधिग्रहण लगभग बंद हो गया है। हालाँकि, चूँकि घरों में अखबार, […]

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सामाजिक नैतिकता को दीमक सरीखा चाट रहा एकल परिवारों का चलन

प्रियंका सौरभ बढ़ते एकल परिवारों ने हमारे समाज का स्वरूप ही बदल दिया। आजकल के बच्चों को वो संस्कार और अनुशासन नहीं मिल रहे है जो उन्हें संयुक्त परिवारों से विरासत में मिलते थे, और इसी का परिणाम है कि समाज में परिवारों का टूटना, घरेलू हिंसा, असुरक्षा की भावना, आत्महत्या, बलात्कार , अपहरण आदि […]

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ग्रामीण भारत की कहानी बदल रही है स्वामित्व योजना

डॉ सत्यवान सौरभ स्वामित्व (ग्रामीण क्षेत्रों में सुधारित प्रौद्योगिकी के साथ गांवों का सर्वेक्षण और मानचित्रण) पहल से भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में बदलाव आ रहा है। इस पहल के तहत सरकार द्वारा सटीक संपत्ति स्वामित्व डेटा और स्पष्ट स्वामित्व रिकॉर्ड के प्रावधान से भूमि विवादों में कमी आ रही है। इस कार्यक्रम के माध्यम […]

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समस्याओं से जूझता भारतीय गणतंत्र

प्रियंका सौरभ हालांकि यह सच है कि भारत ने लोकतंत्र की दिशा में महत्त्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन स्वतंत्रता के बाद इस देश और इसके समाज में जो उच्च आदर्श स्थापित होने चाहिए थे, वे आज ठीक इसके विपरीत हैं, जहाँ भ्रष्टाचार, दहेज और लोगों के बीच नफ़रत के साथ-साथ अन्य मुद्दे भी व्याप्त हैं। […]

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यमुना जल पर केजरीवाल का बवाल: बड़ा सवाल! हरियाणा की भाजपा सरकार दिल्ली के लिए अमोनिया मिले पानी को भेजेगी?

डब्ल्यूएचओ, जिसके लिए यह 1948 में अपनी स्थापना के बाद से जाना जाता है, अमेरिका के हटने के परिणामस्वरूप निम्न-गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करेगा। सार्वजनिक स्वास्थ्य हलकों के अनुसार, भारत को महामारी की तैयारी, टीबी, एड्स, रोगजनक और एंटीबायोटिक प्रतिरोध निगरानी, अन्य कार्यक्रमों में अधिक निवेश करने के लिए तैयार रहना चाहिए। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप […]

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नई ‘भारतीय-भाषा’ बनाइए…भाषा का झगड़ा मिटाईए…

नई दिल्ली [भारत], 29 जनवरी: भारत की राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने हेतु संदेश देते हुए, वर्तमान नामधारी मुखी ठाकुर दलीप सिंघ जी ने कहा कि भारत को “विश्व गुरु” बनाने के लिए तथा राष्ट्र की तरक्की करने के लिए; हिन्दी तथा दक्षिणी भाषाओं का झगड़ा मिटाने की आवश्यकता है; तभी भारतवासी एक हो कर, […]

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गणतंत्र दिवस विशेष: संविधान सभा की बहस से संबंधित तथ्य

डॉ राकेश कुमार आर्य( लेखक सुप्रसिद्ध इतिहासकार और भारत को समझो अभियान समिति के राष्ट्रीय प्रणेता हैं ) आज देश अपना ७६ वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। २६ जनवरी १९५० भारतीय संविधान के लागू होने की तिथि है। उस दिन हमारे सनातन राष्ट्र भारतवर्ष ने अपने गणतंत्र का […]

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विकसित भारत 2047 के लिए कृषि सुधारों में व्यापक दृष्टिकोण आवश्यक

प्रियंका सौरभ विकसित भारत 2047 को प्राप्त करने के लिए, कृषि सुधारों के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण आवश्यक है जो कल्याणकारी उपायों को बाजार-संचालित तंत्रों के साथ जोड़ता है। भारत एक ऐसे कृषि क्षेत्र की गारंटी दे सकता है जो समावेशी, लचीला और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ हो, किसानों को सशक्त बनाए और देश […]

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