आगर, 22 जुलाई। शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार में शामिल दोषियों केखिलाफ जल्दी ही दर्ज होगा मुकदमा । यह आश्वासन मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह ने आज किसान नेता श्याम सिंह चाहर को दिया है। श्री चाहर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को दोपहर सीडीओ से मिला। उन्होंने लिखित शिकायत पत्र देकर बीएसए, बीईओ और बाबू के खिलाफ चल रही जांच का फैसला जल्द करने की मांग की। इस पर सीडीओ ने परियोजना निदेशक के नेतृत्व में एक जांच कमेटी गठित करने के आदेश दिये हैं। जिसमें किसान नेता श्याम सिंह चाहर को भी शामिल किया गया है।
उन्होंने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार एवं अनियमितताएं चरम पर हैं। नियमों को ताक पर रखकर कथित रूप से सुविधा शुल्क लेकर जमकर अनुचित कार्यों को अंजाम दिया गया।अधिकारी और बाबुओं का कॉकस मिलकर शिक्षकों एवं छात्रों के हितों पर कुठाराघात करता रहा।
किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने कहा कि विभिन्न ब्लॉकों में बीएसए के संरक्षण में निलंबन एवं बहाली का जो खेल खेला गया है, उसने व्यवस्थाओं एवं नियमों को तार- तार कर दिया है। जिस शिक्षक को निलंबन के बाद मनचाही तैनाती दी जाती है। उससे मोटी रकम वसूली जाती है। उन्होंने कहा कि बीईओ से स्थलीय निरीक्षण की रिपोर्ट प्राप्त होने पर पूरे घोटाले का पर्दाफाश होगा। उन्होंने कहा कि निलंबन बहाली का पूरा नेटवर्क बीएसए के साथ बीईओ जगत सिंह राजपूत और अमरनाथ के साथ ही पटल बाबू सुभाष चंद ने मिलकर चलाया।लगभग सैकड़ा से अधिक हुए निलंबन और बहाली में करोड़ों के वारे न्यारे कर लिए गए। आलू विकास समिति पूर्व जिला अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण बघेल ने आरोप लगाते कहा कि बीएसए के कारनामे यहीं तक सीमित नहीं हैं। अप्रैल से सत्र शुरू होने के बावजूद विद्यालयों में किताबें नहीं पहुंचीं, लेकिन इनके परिवहन के लिए लाखों रूपए का टेंडर उठाकर धनराशि का घोटाला किया गया।शिक्षकों से साठ गांठ आर्थिक लाभ लेकर उनको मुख्यालय के अधीन कार्यालय में अटैचमेंट पर तैनाती प्रदान कर दी गई। सीडीओ को शिकायत देने के उपरांत इस पूरे प्रकरण की शासन स्तर से गहन जांच कर कड़ी कार्रवाई की मांग की। किसान नेता ने कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचार पर लीपापोती की कोशिश की जा रही है दोषियों पर कार्रवाई फिर भी नहीं हुई तो आमरण अनशन से भी पीछे नहीं हटेंगे। प्रतिनिधिमंडल में पीयूष शर्मा , राजकुमार, सुरेश पारस , धीरज चंदेल आदि थे।