आपातकाल को बताया काला अध्याय, नगर निगम कर्मियों ने जताया विरोध

Press Release उत्तर प्रदेश

आगरा। नगर निगम कार्यालय में बुधवार को एक विशेष कार्यक्रम के तहत कर्मचारियों और अधिकारियों ने 1975 में कांग्रेस शासन के दौरान लगाए गए आपातकाल के विरोध में एकजुटता दिखाई। सभी ने एकमत से इसे भारत के संविधान का अपमान और लोकतंत्र के मूल्यों पर आघात बताया।

कार्यक्रम के दौरान निगम कर्मचारियों ने हस्ताक्षर अभियान चलाकर आपातकाल के फैसले की कड़ी निंदा की और कहा कि 25 जून 1975 का दिन स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक ‘काला दिवस’ के रूप में याद किया जाता है। अधिकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि आपातकाल के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, प्रेस की आजादी और नागरिक अधिकारों को जिस तरह कुचला गया, वह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ था।
अपर नगर आयुक्त शिशिर कुमार ने कहा आपातकाल के दौर ने देश की आत्मा को झकझोर दिया था। यह न केवल संविधान के साथ अन्याय था, बल्कि करोड़ों नागरिकों के अधिकारों का दमन भी था।
सहायक नगर आयुक्त अशोक प्रिय गौतम ने कहा हमें ऐसे काले अध्यायों से सीख लेकर लोकतंत्र की रक्षा के लिए सतर्क रहना होगा।
पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण ने अपने संबोधन में कहा कि लोकतंत्र की बुनियाद जनता की स्वतंत्रता पर टिकी होती है और कोई भी ऐसा कदम जो इसे कमजोर करे, उसका सभी को विरोध करना चाहिए।
कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नगर निगम अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। सभी ने एकजुट होकर हस्ताक्षर करते हुए यह संकल्प लिया कि वे किसी भी परिस्थिति में लोकतंत्र की रक्षा के लिए कटिबद्ध रहेंगे। नगर निगम का यह कदम न केवल जागरूकता का प्रतीक है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों को यह संदेश भी देता है कि संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना हर नागरिक का कर्तव्य है।

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