बिना सूचना बैठक से गायब रहने पर जलकल विभाग का बिल कलैक्टर सस्पेंड

Press Release उत्तर प्रदेश

 नगर निगम और जलकल विभाग की संयुक्त टैक्स समीक्षा बैठक में टैक्स वसूली बढ़ाने पर जोर

50 हजार से अधिक बकायेदारों पर होगी सख्त कार्रवाई, डिफॉल्टरों की बनेगी अलग सूची

 

आगरा। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने बिना सूचना टैक्स समीक्षा बैठक से गायब रहने और लक्ष्यानुरूप वसूली न करने वाले जलकल विभाग के बिल कलैक्टर मृडाल गहलौत को निलंबित कर दिया। इसके अलावा लक्ष्य अनुरूप वसूली न करने पर तेजपाल और सतीश सेहरा नाम के राजस्वकर्मियों का वेतन रोकते हुए दो दिन में स्पष्टीकरण देने के आदेश दिए हैं। जोनल अधिकारी लोहा मंडी द्वारा वसूली कार्य में शिथिलता बरतने और लक्ष्यानुरूप वसूली न करने पर नगर आयुक्त ने कर करेत्तर प्रभारी को शासन को लिखने के निर्देश दिए।
नगर निगम मुख्यालय में वे नगर निगम और जलकल विभाग की संयुक्त टैक्स समीक्षा बैठक ले रहे थे। बैठक में टैक्स वसूली की स्थिति पर विस्तार से चर्चा हुई और बकायेदारों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए। इस दौरान राजस्व निरीक्षकों ने बताया कि वर्तमान में उनके पास 50 हजार रुपये से अधिक के बड़े बकायेदारों की पूरी सूची उपलब्ध नहीं है। अधिकतर बड़ी संपत्तियों पर कब्जा तो है, लेकिन टैक्स अदायगी नहीं की जा रही है। इस पर नगर आयुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिए कि यदि संपत्ति सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर बनाई गई है और उसका टैक्स जमा नहीं हो रहा है, तो उसके खिलाफ तत्काल अतिक्रमण की कार्यवाही की जाए।

—– बैठक में तय किया गया —

जिन स्थानों पर प्रॉपर्टी टैक्स की वसूली अपेक्षा से कम है, वहां तैनात जोनल अधिकारियों को विशेष कार्ययोजना तैयार करें। प्रॉपर्टी ट्रेसिंग में दिक्कतें आने वाले कर्मचारियों को स्थानीय स्तर पर सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा ताकि टैक्स बकायेदारों की सही पहचान और रिकॉर्ड तैयार हो सके। इसके लिए तीन सदस्यीय विशेष टीमें बनाई जाएंगी। 50 हजार से लेकर एक लाख तक के बकायेदारों पर विशेष ध्यान देते हुए प्राथमिकता के आधार पर टैक्स वसूली सुनिश्चित की जाएगी।
बिलों का भुगतान सितम्बर तक हर हाल में पूरा कर दिया जाए। इसके बाद 30 दिन के भीतर जिन उपभोक्ताओं/डिफॉल्टरों ने भुगतान नहीं किया है, उनके खिलाफ डिमांड नोटिस जारी किया जाए। जिन मामलों में डिमांड नोटिस जारी हो चुका है, उनमें 15 दिन की समयसीमा के भीतर वसूली के प्रयास किए जाएं। सभी जोनल अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि वे 50 हजार से अधिक के बकायेदारों की अलग सूची तैयार करें और डिफॉल्टरों के खिलाफ रिपोर्ट भेजें। अस्पतालों, होटलों और बड़े संस्थानों से टैक्स वसूली में तेजी लाने पर विशेष जोर दिया गया।
बैठक के दौरान यह भी पाया गया कि जलकल विभाग से समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। इस पर नगर आयुक्त ने नाराजगी जताते हुए स्पष्ट किया कि भविष्य में वसूली और लंबित मामलों का विवरण समय पर उपलब्ध न कराने वाले अधिकारी जिम्मेदार माने जाएंगे।
नगर आयुक्त ने निर्देश दिए कि जिन कर्मचारी/अधिकारियों की वसूली लक्ष्य के अनुरूप नहीं है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। पुराने बकायेदारों, आवासीय विकास योजनाओं और अन्य नए क्षेत्रों में बकाया टैक्स की पहचान कर उसके खिलाफ वसूली की कार्ययोजना तैयार की जाए। नगर निगम के सभी जोनल अधिकारी राजस्व निरीक्षक स्तर तक की पूरी रिपोर्ट समय से साझा करें और उसे ऑनलाइन सिस्टम में भी अपडेट करें।बैठक के अंत में नगर आयुक्त ने दोहराया कि टैक्स वसूली नगर निगम की आर्थिक रीढ़ है और इसमें लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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