‘भोला बाबा बम भोला बाबा’… पर झूम उठी प्रयागनगरी, लोकनृत्यों ने बांधा समां

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प्रयागराज, 9 फरवरी। कलाग्राम का मंच प्रसिद्ध लोक गायिका राधा श्रीवास्तव की सुरीली आवाज से झंकृत होता रहा। रविवार की शाम गायन, वादन और नृत्य से त्रिवेणी प्रवाहमान हुई तो श्रोता मंत्रमुग्ध हो गये। मंच पर श्रोताओं ने जोरदार तालियों से उनका स्वागत किया। उन्होंने पहले गंगा मईया के चरणों में शीश नवाकर भजन दुनिया में देव हजारो हैं, बजरंग बली का क्या कहना से सुनाकर माहौल को भक्तिमय कर दिया। इसके बाद राम जी से पूछे अवधपुर के नारी” गीत से शुरूआत कर ”चटनिया हे सइयां सिलवट पे पीसीं” सुनाकर माहौल में भोजपुरी तड़का लगाया। उनके सुरों की सरिता में देर रात तक श्रोता गोते लगाते रहे।
इसके बाद भोला बाबा बम भोला बाबा’., दुश्मन मिले सवेरे लेकिन मतलबी यार ना मिले ,तोहरो बलम कप्तान हो सखी हमरो किसान बा, ,जगतिया में कोई नहीं अपना , बोले अंग्रेजी में सजनवा तथा अइसन मनोहर मंगल मूरत की प्रस्तुति पर श्रोताओं से खूब तालियां बटोरी। कार्यक्रम की शुरुआत पश्चिम बंगाल से आए महेश दास ने बाउल गायन से की। इसके बाद उड़ीस से आए बलराम रेड्डी एवं दल द्वारा सांस पर नियंत्रण रखते हुए विभिन्न ढोल और अन्य वाद्य यंत्रों की अनोखी लय शंख वादन में दिखी। इसके बाद शिव एवं साथी कलाकारों द्वारा ढाक, नगाड़ा तथा शहनाई की धुन पर रंग बिरंगे परिधानों में पाईका नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों में वीर रस का संचार किया। हरियाणा से आए मनोज झाले द्वारा ढोल, मंजीरे और खंजरी की थाप पर प्रस्तुत फाग नृत्य पर दर्शके झूमते नजर आए।

प्रेम प्रकाश मेघावल एवं दल द्वारा सिर पर 6 चरी रखकर भवई नृत्य की प्रस्तुति देकर दर्शकों से खूब तालियां बटोरी। इसके अलावा धर काटले द्वारा तेलंगाना का खुम्भकोया नृत्य, पानेराजन और साथी कलाकारों द्वारा तमिलनाडु का कावड़ी कड़गम नृत्य, कुलदीप गुलेरिया द्वारा हिमाचल प्रदेश का लुड्डी नृत्य, सीमा साईका एवं दल् द्वारा असम का जेंग बिहू नृत्य तथा उड़ीस के कलाकारों द्वारा गुबकुडू लोकनृत्य की प्रस्तुति दी गई, जबकि श्रीराम भारतीय कला केंद्र द्वारा रामायण पर आधारित नृत्य नाटिका की प्रस्तुति दी गई। इस मौके पर काफी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे।

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