एड्स पीड़ितों के साथ रखें संवेदना, छूने से नहीं फैलता एड्स

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जानकारी रखें,एड्स से बचें,जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला व संवेदीकरण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में सभी सीएचसी/पीएचसी प्रभारी, हेल्थ वर्कर्स,आशा आदि को दी गई जानकारी

आगरा.08 जनवरी। आज कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी, मुख्य विकास अधिकारी  ए.मनिकंडन,मुख्य चिकित्सा अधिकारी अरूण श्रीवास्तव की उपस्थिति में, एड्स पर जिला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। सीएमओ ने कहा कि एड्स से बचाव के लिए सबसे कारगर कदम जागरूकता और जानकारी है। एचआईवी रोगी को छूने से यह रोग नहीं फैलता है। सावधानी बरतने पर रोग से दूर रहा जा सकता है। हालांकि इस बीमारी का उपचार नहीं है, लेकिन रोगी में शारीरिक क्षमताओं को बनाए रखने के लिए दवाएं दी जाती है।
कलेक्ट्रेट सभागार में हुई कार्यशाला में राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के तत्वावधान में जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.सुकेश गुप्ता ने पीपीटी के माध्यम से बताया कि प्रशिक्षण कार्यशालाओं के लिए विभागवार माइक्रो प्लान बनाया गया है। जिलाधिकारी भानु चन्द्र गोस्वामी ने संवेदीकरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति की जानकारी को गोपनीय रखा जाए और स्वास्थ्य विभाग उसका बेहतर उपचार करें। आमजन में इस रोग के प्रति जागरूकता लाई जाए, ताकि आने वाले समय में इसकी मरीजों की संख्या शून्य हो सके। कार्यशाला में बताया गया कि एड्स रोग मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित खून के चढ़ाने से तथा एक ही सुई का बार बार उपयोग करने, नशा करने बालों के द्वारा नशे के इंजेक्शन का बार बार उपयोग किए जाने से होसकता है। यह रोग संक्रमित मां से बच्चे में भी हो सकता है। एचआईवी रोगी को छूने से, गले लगाने से, रोगी के कपड़े पहने से तथा मच्छर के काटने से एड्स नहीं फैलता है। डीटीओ डॉ.सुकेश गुप्ता ने बताया कि एचआईवी का कोई उपचार नहीं है, परंतु एंटी-रेट्रोवायरल थैरेपीे (एआरटी) की दवाईयां जरूर उपलब्ध है। यह रोगी में प्रतिरोधक प्रणाली (ह्यूमून सिस्टम) को मजबूत रखने में सहायता करती है। सीडीओ,ए.मनिकंडन ने एड्स से बचाव और जागरूकता के लिए मेनस्ट्रीमिंग के तहत स्वास्थ्य विभाग एवं विभिन्न विभागों से एएनएम, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, पंचायत विभाग के कर्मचारी, एनजीओ, शिक्षा विभाग, परिवहन विभाग, रेलवे विभाग, श्रम विभाग, विधि विभाग, पुलिस विभाग को संवेदीकरण करने के निर्देश दिए। कार्यशाला में बताया गया कि उत्तर प्रदेश एड्स नियंत्रण सोसाइटी भी उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के एड्स नियंत्रण अथवा जन-जागृति का काम करता है।राज्य के सभी जिलों में एड्स को रोकने के लिए और उच्च जोखिम-वाले समूहों और आम जनता में एचआईवी / एड्स के संचरण नियंत्रण में जिला अस्पताल स्तर पर सुरक्षा क्लिनिक नाको द्वारा स्थापित किये गए हैं। वहाँ भी उच्च जोखिम- वाले मामलों जो सामाज की महिला यौन-कार्यकर्ताओं, पुरुषों से यौन सम्बन्ध रखनेवाले पुरुषों और नसों में नशीली दवाओं के उपयोगकर्ताओं और के लिए परामर्श की सुविधा उपलब्ध रहती है।

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