हंगामे और भारी भीड़ के कारण मौके पर पुलिस बुलानी पड़ी, निगम ने जब्त की निर्माण सामग्री, एफ आई आर की चेतावनी
आगरा। मौजा नरायच प्रथम में बुधवार को नगर निगम ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए सरकारी भूमि पर किए जा रहे अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया। निर्माणकर्ता द्वारा भारी हंगामा किए जाने के कारण मौके पर तनावपूर्ण हालात बन गए, जिसके बाद निगम अधिकारियों ने 112 नंबर पर फोन कर पुलिस सहायता माँगी। पुलिस के पहुँचने के बाद स्थिति नियंत्रण में आई और निगम ने निर्माण को ध्वस्त कराते हुए निर्माण सामग्री जब्त कर ली।
नगला रामबल स्थित गाटा संख्या 2005 के अंतर्गत नगर निगम की 830 वर्ग मीटर बंजर भूमि पर सुबोध पुत्र स्वर्गीय रामनाथ सिंह द्वारा अवैध रूप से भवन निर्माण शुरू कराया गया था। मंगलवार को जानकारी मिलने पर नगर निगम ने तत्काल निर्माण रुकवाया और सुबोध को भूमि के स्वामित्व से संबंधित कागजात लेकर निगम कार्यालय बुलाया था।
आदेश के विपरीत सुबोध न तो निगम पहुँचा, उल्टे उसने 50 से अधिक मजदूर लगाकर तेजी से दीवार निर्माण शुरू करा दिया। मामले की सूचना मिलने पर सहायक नगर आयुक्त श्रद्धा पांडेय ने राजस्व निरीक्षक शिप्रा गुप्ता को टीम एवं प्रवर्तन कर्मचारियों के साथ मौके पर भेजा।
निगम टीम ने जब निर्माण कार्य रोकने को कहा तो निर्माणकर्ता ने भूमि को अपना बताते हुए विवाद और हंगामा शुरू कर दिया। देखते ही देखते सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया। हालात गंभीर होते देख राजस्व निरीक्षक ने तत्काल 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस सहायता बुलाई। पुलिस बल पहुँचने पर स्थिति नियंत्रण में आई। इसके बाद निगम टीम ने अवैध निर्माण को मौके पर ही ध्वस्त करा दिया। कार्रवाई के दौरान मौके पर पड़ी ईंटें और अन्य निर्माण सामग्री जब्त कर ली गई। निगम अधिकारियों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि सरकारी भूमि पर दोबारा कब्जे की कोशिश की गई तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी।
—नगर आयुक्त का वर्जन
“सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है। नारायच प्रथम में की गई कार्रवाई इसी नीति के अनुसार है। नगर निगम निरंतर निगरानी कर रहा है और जहाँ भी अवैध निर्माण या कब्जे की कोशिश मिलेगी, तुरंत सख्त कार्रवाई की जाएगी।”
— अंकित खंडेलवाल, नगर आयुक्त, आगरा नगर निगम
