नगर निगम से बने जन्म तिथि प्रमाण पत्र न होने पर आगरा की स्कूली टीम मंडलीय और प्रदेशीय नेहरू हाकी प्रतियोगिता नहीं खेली

SPORTS उत्तर प्रदेश दिल्ली/ NCR

आगरा, 8 सितंबर। प्रदेशीय तथा मंडलीय नेहरू हाकी में आगरा की टीम इस बार भेजी ही नहीं गयी। जबकि पिछले वर्षों में आगरा की एनसी वैदिक और खालसा स्कूल की टीम नेशनल लेबल तक जीतकर आयी है। इसका कारण बताया जा रहा है कि स्कूली बच्चों के पास नगरनिगम से बने जन्म तिथि प्रमाण पत्र ही नहीं हैं। इस कारण टीम मंडल और प्रदेश स्तर पर नहीं जा पायी ।
जनपद माध्यमिक विद्यालय की नेहरू हॉकी 15व 17 वर्ष बालक- बालिका तो करा दी गयी। इसके पश्चात मंडलीय नेहरू हाकी प्रतियोगिता मथुरा में हुई। इस प्रतियोगिता में आगरा जनपद की टीम गयी ही नहीं। मंडलीय सचिव अनिल कुमार ने आपत्ति जतायी कि बिना नगर निगम से बने जन्म तिथि प्रमाण पत्र के टीम नहीं भेजेंगे। इसलिये टीम मथुरा तक नहीं गयी। 
भारतीय ओलंपिक संघ ने अब स्कूल के लिये यू डायस नंबर और बच्चों के लिये परमानेंट एजूकेशन नंबर अनिवार्य कर दिया है। यह पूरा डेटा आनलाइन रहता है। किसी भी खिलाड़ी की वास्तविक जन्म तिथि पता करने के लिये यूडायस नंबर और पीईएन नंबर डालिये तो उसकी असल जन्म तिथि निकल कर आजाएगी। यह सब खिलाड़ियों की जन्म तिथि में हेराफेरी रोकने के लिये पूरे प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में लागू कर दिया गया है। स्कूल लेबल के खिलाड़ियों की आयु पता करने के लिये मेडिकल भी अनिवार्य कर दिया गया है। हाल ही में आगरा में लगे प्रदेशीय फुटबाल के कैंप से भी मेडिकल के आधार पर आयु ज्यादा होने पर कई बच्चों को बाहर करना पड़ा है।
हाकी खिलाड़ियों का दर्द ये है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा रुचि न लेने और स्कूल द्वारा बच्चों से एडमिशन के समय ही नगर निगम का प्रमाण पत्र न लेना अब भारी पड़ रहा है। हालांकि अंग्रेजी माध्यम के सभी स्कूलों में तो पहले ही नगर निगम का जन्म प्रमाण पत्र लेते हैं। यूपी बोर्ड के स्कूलों में भी अब यही करना पड़ेगा। वरना इसी तरह खिलाड़ियों का नुकसान होता रहेगा। हाकी ही नहीं अन्य खेलों के खिलाड़ियों का भी ऐसे ही नुकसान होता रहेगा। जिला क्रीड़ा सचिव रीनेश मित्तल का इस संबंध में कहना है कि जन्म तिथि प्रमाण पत्र न होने के कारण ही मंडलीय नेहरू हाकी में आगरा की टीम खेलने नहीं जा पायी है। उनका कहना है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इस आशय की जानकारी दे दी गयी थी। उनके द्वारा अब कहा गया है कि सभी स्कूल बच्चों से प्रवेश के समय ही नगर निगम का जन्म प्रमाण पत्र अवश्य जमा करायें।
हाकी प्रेमियों का कहना है कि मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद में खेल अनिवार्य  विषय बना दिया है। इसके बावजूद आगरा के शिक्षा अधिकारी खेलों में रुचि नहीं ले रहे जो शिक्षा जगत और विद्यार्थियों के लिए अन्याय का विषय है।  गत वर्षों में आगरा की टीम पूरे प्रदेश में श्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए प्रथम  व तृतीय स्थान पर रही हैं । ताजनगरी से ओलंपियन अर्जुन अवार्डी हॉकी खिलाड़ी निकले हैं जिन्होंने भारतीय हॉकी टीम की कप्तानी भी की है। ऐसे में स्कूल लेबल पर जब तक हाकी खेल को मजबूत नहीं किया जाएगा तो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी कहां से निकल पाएंगे। इनका कहना है कि यही हाल रहा तो आगे भी आगरा की स्कूली हाकी टीम प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर खेलने नहीं जा पाएगी।

 

 

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