सिंचाई जल की क्षति न्यूनतम करने के लिए स्प्रिंकलर एवं ड्रिप सिंचाई विधि का करें प्रयोग, खेतों में जैविक खादों का किया जाय प्रयोग तथा पंक्तियों में करें फसलों की बुवाई
आगरा.10.06.2024/संयुक्त कृषि निदेशक श्री देव शर्मा ने अवगत कराया है कि प्रदेश में लू-प्रकोप (हीटवेब) से कृषि फसलों की सुरक्षा/भूमि में जल एवं नमी संरक्षण हेतु प्रस्तावित सामान्य संस्तुतियाँ/कार्ययोजना यथा- प्रदेश में उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) के स्तर पर मौसम आधारित राज्य स्तरीय कृषि परामर्श समूह (CROP WEATHER WATCH GROUP) गठित है। इस समूह में आंचलिक भारतीय मौसम विज्ञान केन्द्र, अमौसी, लखनऊ के मौसम वैज्ञानिक एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद से सम्बन्धित लखनऊ स्थित संस्थानों के वैज्ञानिकगण है। मौसम आधारित राज्य स्तरीय कृषि परामर्श समूह द्वारा मौसम पूर्वानुमान के दृष्टिगत साप्ताहिक/पाक्षिक रूप से कृषकों के उपयोगार्थ प्रदेश में लू-प्रकोप (हीटवेब) से कृषि फसलों की सुरक्षा/भूमि में जल एवं नमी संरक्षण हेतु संस्तुतियों/एडवाइजरी निर्गत की जायेगी। लू-प्रकोप (हीटवेब) से कृषि फसलों की सुरक्षा/भूमि में जल एवं नमी संरक्षण हेतु प्रस्तावित सामान्य संस्तुतियाँ भूमि में नमी संरक्षण हेतु मल्चिंग एवं खरपतवार नियंत्रण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। मल्व के रूप में बायोमास (जैव उत्पाद) का प्रयोग किया जाये। फसलों की सीडलिंग (पौध) की अवस्था में मल्चिंग करें। सिंचाई जल की क्षति न्यूनतम करने के लिए फसलों की सिंचाई के लिए स्प्रिंकलर एवं ड्रिप सिंचाई विधि का प्रयोग किया जाये। नियमित अन्तराल पर सायंकाल में खेतों में हल्की सिंचाई करें। समय-समय पर अन्तःकर्षण क्रियाओं से तैयार मल्व द्वारा भूमि सतह से होने वाली नमी की वाष्पीकरण द्वारा होने वाली हानि को रोकें। खेतों में जैविक खादों का प्रयोग किया जाये। फसलों की बुवाई पंक्तियों में करें। सिंचाई नाली में सिंचाई करते समय जल की क्षति को कम करने के लिए सबसे आसान एवं सस्ती तकनीक के रूप में पॉलीथीन शीट का उपयोग करें। सिंचाई पूर्ण हो जाने पर पॉलीथीन शीट को उठा लेना चाहिए। इसके साथ ही सिंचाई हेतु कन्वेंरा पाइप का उपयोग किया जाना चाहिए। खेत पूर्णतया समतल होने चाहिए, जिससे कि सिंचाई जल पूरे खेत अथवा खेत के टुकड़ों में समान रूप से वितरण हो सके। उपरहार भूमियों में सिंचाई के लिए कन्टूर ट्रैन्च विधियों का प्रयोग किया जाये। जहाँ तक सम्भव हो सके, वर्षा के बहते जल का संग्रहण/संरक्षण किया जाय, जिससे फसलों की जीवन रक्षक सिंचाई एवं उनकी वृद्धि की क्रॉन्तिक अवस्थाओं पर की जाने वाली सिंचाई की व्यवस्था को सुनिश्चित किया जा सके। भूजल ही सबसे ज्यादा भरोसे का सिंचाई जल स्रोत है, अतः इसके अन्यायपूर्ण दोहन से बचे। कठोर अवमृदा/चट्टानी इलाकों के कुँओं में जल की उपलब्धता में निरन्तरता बनाये रखने हेतु लगातार पम्पिंग की जगह थोड़े-थोड़े समय की पम्पिंग कुछ-कुछ समयान्तराल पर करना चाहिए तथा धान नर्सरी में पर्याप्त नमी रखे व पानी की निकासी करें।
एक दिवसीय निःशुल्क रोजगार मेला का आयोजन 11 जून को।
आगरा.10.06.2024/सहायक निदेशक (सेवायोजन) ने अवगत कराया है कि शासन/ विभाग के निर्देशों के क्रम में क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय द्वारा दिनांक 11 जून 2024 को प्रातः 10ः00 बजे से क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय, साई का तकिया, एम०जी०रोड, आगरा परिसर में एक दिवसीय निःशुल्क रोजगार मेला आयोजित किया जा रहा है। इस मेले में निजी क्षेत्र की नियोजकों द्वारा लगभग 300 रिक्त पदों पर अभ्यर्थियों का चयन साक्षात्कार के माध्यम से किया जायेगा।
उन्होंने आगे यह भी अवगत कराया है कि मेले में प्रतिभाग करने के इच्छुक अभ्यर्थी सेवायोजन पोर्टल (रोजगारसंगमडाटयूपीडाटजीओवीडाटइन) पर अथवा एन0सी0एस0 पोर्टल (एनसीएसडाटजीओवीडाटइन) पर अपना ऑनलाइन पंजीयन कराकर दिनांक 11-06-2024 तक आवेदन कर प्रतिभाग कर सकते हैं तथा अपने सभी शैक्षिक प्रमाणपत्रों एवं बायोडाटा सहित उक्त दिनांक को प्रातः 10 बजे साक्षात्कार हेतु उपस्थित हो सकते हैं।
निःशुल्क विद्युत चालित चाक एवं पगमिल प्राप्त करने हेतु आवेदन आमंत्रित
आगरा.10.06.2024/प्रबन्धक ग्रामोद्योग/जिला ग्रामोद्योग अधिकारी नीतू यादव ने अवगत कराया है कि कुम्हार समाज/कुम्भकारों/प्रजापतियों के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में निःशुल्क विद्युत चालित चाक एवं पगमिल प्राप्त करने के लिए माटीकला ऋण योजना के तहत आवेदन पत्र दिनांक 10-06-2024 से 09-07-2024 तक आमंत्रित किये गये हैं। उन्होंने आगे यह भी अवगत कराया है कि माटीकला ऋण योजना में रू0- एक लाख से 10 लाख तक ऋण आवेदन ऑनलाइन करा सकते है।