एल एस बघेल, आगरा, 17 नवंबर। 2024 के पेरिस ओलंपिक में भारतीय हाकी टीम पदक जरूर जीतेगी। ये कहना है हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के सुपुत्र एवं ओलंपियन अशोक ध्यानचंद का। वे आज इस खेल संवाददाता से भोपाल से फोन पर अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उनका कहना है कि भारतीय हाकी टीम के इन दिनों हौसले बुलंद हैं। वे इसी साल चीन में हुए एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर आये हैं। इसके आधार पर 2024 के पेरिस ओलंपिक में सीधा प्रवेश मिला है। ज्ञातव्य है कि पेरिस में 26 जुलाई से 11 अगस्त तक ओलंपिक खेल होने हैं।
1970 से 79 तक अंतरराष्ट्रीय हाकी खेले अशोक कुमार ध्यानचंद अपने जमाने के टीम इंडिया के राइट इन फारवर्ड लाइन में खेलते थे। उन्होंने अपने समय में तीन एशियाड खेले हैं। जिनमें भारतीय हाकी टीम पदक जीती थी। तीन वर्ल्ड कप खेली है। जिनमें से एक में सिल्वर, एक में कांस्य और एक विश्व कप में स्वर्णद पदक जीता है। 1972 में ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय हाकी टीम के वे सदस्य रहे हैं। 2007 से 2017-18 तक भोपाल में मध्य प्रदेश सरकार के चीफ हाकी कोच रहे हैं। इसके अलावा गरीब झुग्गी, झोंपड़ी वाले बच्चों को हाकी सिखाने के काम में लगे रहे हैं। उनका कहना है फिलहाल तो मैं घर पर ही हूं।
भारतीय हाकी टीम का स्वर्णिम काल
हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के सुपुत्र एवं ओलंपियन अशोक कुमार कहते हैं कि इन दिनों भारतीय हाकी टीम का स्वर्णिम काल चल रहा है। जो पहले उनके पिताजी के समय में चलता था। उनका कहना है कि पिछले ओलंपिक में भारतीय हाकी टीम कांस्य पदक जीती थी। अगले में भी अवश्य जीतेगी।
ट्रेनी खुशबू के भारतीय जूनियर वर्ल्ड कप हाकी टीम की गोलकीपर बनने पर खुशी जतायी
श्री अशोक कुमार की एक प्रशिक्षु खिलाड़ी खुशबू जूनियर वर्ल्ड कप खेलने जा रही भारतीय हाकी टीम की गोलकीपर है। जिसके लिये वे गर्व से कहते हैं कि यह खिलाड़ी एक दिन भारतीय महिला हाकी टीम की शान बनेगी। वे बताते हैं कि ये बात है वर्ष 2013-14 की है। उन दिनों मैं भोपाल निदेशालय द्वारा चयनित खिलाड़ियों को कोचिंग देता था। तभी एक लड़की भोपाल स्टेशन के पास से भारी भरकम बैग लादकर चार -पांच किलोमीटर पैदल चलकर आती थी। वह लड़कों को प्रैक्टिस करते हुए देखती थी। इस बच्ची के पिता आटो चलाते थे। मैंने उस बच्ची खुशबू को लड़कों के साथ ही हाकी खिलाना शुरू कर दिया। किसी ने निदेशालय में शिकायत कर दी। इसके बाद श्री अशोक कुमार ने खुशबू को कुछ और गरीब बच्चों के साथ ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया। इन झुग्गी झोंपड़ी वाले बच्चों की एक हाकी टीम भी बनायी। इन्हीं में से निकली यह खिलाड़ी खुशबू भारतीय जूनियर टीम की गोलकीपर बनी है। श्री अशोक कुमार बताते हैं कि खुशबू डरती नहीं थी। उसे मैंने और कड़ी मेहनत करायी। जिसका परिणाम है के देश को एक अच्छी गोलकीपर मिल जाएगी। यह बच्ची उपेक्षित रही थी। पहले वह शौक के लिये खेलती थी, अब देश के लिये खेल रही है।
भारतीय हाकी टीम का सदस्य विवेक सागर भी उनका ट्रेनी
ओलंपियन अशोक कुमार कहते हैं कि मेरा एक ट्रेनी विवेक सागर चीन एशियाड की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हाकी टीम का सदस्य है। यह बच्चा जब 14-15 साल का था, मेरे पास आया था। मैंने उसे चार 2015 में लगभग चार माह तक अपने घर पर ही रखा। कोचिंग दी। आज वह इंडियन हाकी टीम का सदस्य है। अगले साल होने वाले पेरिस ओलंपिक में भी वह खेलेगा।