आगरा। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नगर निगम प्रशासन ने शहरवासियों से अपील की है कि वे प्लास्टिक से बने झंडों का उपयोग न करें। प्लास्टिक से बने झंडों का निर्माण और क्रय विक्रय प्रतिबंधित है। राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग भारतीय ध्वज संहिता, 2002 तथा राष्ट्र-गौरव अपमान-निवारण अधिनियम, 1971 के अनुरूप ही करें।
नगर निगम प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि गृह मंत्रालय एवं पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, 1 जुलाई 2022 से प्लास्टिक के राष्ट्रीय ध्वज सहित कई एकल-उपयोग प्लास्टिक वस्तुएं प्रतिबंधित हैं। इसमें प्लास्टिक फ्लैग, प्लेटें, कप, गिलास, स्ट्रॉ, थर्मोकॉल सजावट सामग्री, पतले प्लास्टिक बैग आदि शामिल हैं।
प्रभारी अतिक्रमण डॉ. अजय कुमार सिंह ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण को रोकना समय की आवश्यकता है। प्लास्टिक ध्वज लंबे समय तक नष्ट नहीं होते, जिससे उनका उचित निस्तारण कठिन हो जाता है। यदि हम कागज़ के ध्वज का प्रयोग करेंगे, तो यह पर्यावरण की रक्षा के साथ-साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ शहर देने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा, साथ ही अगर कोई प्लास्टिक के झंडों का भण्डारण, क्रय,विक्रय, परिवहन, करता पाया गया तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी । इस संबंध में अपील करते हुए नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने कहा कि सभी नागरिक केवल कागज़/कपड़े से बने झंडे का ही प्रयोग करें और कार्यक्रम समाप्त होने के बाद इन्हें कहीं भी न फेंकें, बल्कि सम्मानपूर्वक निस्तारित करें। प्लास्टिक के झंडे न केवल ध्वज की गरिमा के विपरीत हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करते हैं। उन्होंने
आम नागरिकों, शैक्षणिक संस्थानों, बाजार समितियों, सामाजिक संगठनों और सरकारी कार्यालयों से अपील की है कि इस संदेश को अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाएं और राष्ट्रीय ध्वज का प्रयोग सम्मानपूर्वक एवं पर्यावरण अनुकूल तरीके से करें।
