सदस्य गौसेवा आयोग रमाकांत उपाध्याय ने गौशालाओं की व्यवस्था व गौ आधारित प्राकृतिक खेती हेतु की संगोष्ठी
आगरा। आज जनपद आगरा विकासखंड शमशाबाद. ब्लॉक स्तरीय बैठक .विकासखंड अधिकारी एवं ग्राम प्रधानों के साथ बैठक की प्राकृतिक खेती के महत्व, उसके लाभ, और इसे व्यापक स्तर पर अपनाने की रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई । गौ आधारित खेती से होने वाले पर्यावरणीय और आर्थिक लाभों पर जोर दिया गया, जिससे किसानों की आत्मनिर्भरता बढ़े और उत्पादन लागत में कमी आए। इस संवाद के माध्यम से सभी उपस्थित जनों ने प्राकृतिक खेती बायोगैस प्लांट सहभागिता योजना मध्य से घर घर गाय हर घर गाय किसान जमीन बचाएगा पर्यावरण का अभियान जय घोष संकल्प लिया प्रोत्साहित करने और इसे अधिक से अधिक किसानों तक पहुँचाने के लिए समन्वित प्रयास करने पर सहमति व्यक्त की। यह पहल सतत कृषि और ग्रामीण समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।
1… गौ माता को गौशालाओं से निकालकर किसान को मुख्यमंत्री सहभागिता योजना में गोबर और गोमूत्र के लिए देना।₹50 सरकार किसान को सीधे खाते मैं प्रति गोवंश देगी
2..अधिक गोवंश रखने पर एक कैटल शेड बनेगा।
3..प्रत्येक किसान के घर पर बायोगैस प्लांट सब्सिडी के आधार पर लगवाया जाएगा।
4..किसान को अनवरत गैस मिलेगी। खरीदनी नहीं होगी।
5.. अनवरत उत्तम किस्म की खाद घर पर ही मिलेगी। खरीदनी नहीं होगी।
6.. गोमूत्र के रूप में यूरिया प्राप्त होगी।
7.. घर में बीमारी स्वतः ही कम होती जाएगी
8.भूमि सुपोषित होती जाएगी।स्वस्थ हो जाएगी।
9.. आपके द्वारा देश का भी कार्य होजाएगा। 1बोरी डीएपी पर सरकार 2400 रु अनुदान देती है। यूरिया में 2150 रु अनुदान देती है।
10..विषमुक्त उत्पाद समाज को देंगे।समाज कैंसर जैसे भयावह रोगों से बचेगा।पुण्य भी मिलेगा।
11,,, जैसे ही प्राकृतिक खेती में गाय का गोबर पड़ेगा पानी की मात्रा फसल में काम हो जाएगी। पानी की बचत होगी।
12… जल स्रोत जहरीले होते जा रहे हैं गौ माता का गोबर गोमूत्र जमीन में जाएगा खाद नहीं पड़ेगी तो नीचे का जल स्रोत भी विश्व से बच जाएगा।
13… पर्यावरण बचेगा जहर मुक्त वातावरण होगा
14.. प्रकृति बचेगी खेती में गोबर जाते ही केंचुआ से लेकर सभी जीवाणु जिंदा हो जाएंगे और अपना काम करने लगेंगे
15.. जल जीवन जमीन प्रकृति पर्यावरण पैसा भी बचेगा देश भी बचेगा सर्व देवमई गौ माता स्थापित हो जाएगी
फतेहाबाद ग्राम पैतीखेड़ा गोवंश आश्राय स्थल गौशाला का औचक निरीक्षण के दौरान गौवंशों की देखभाल, चारे-पानी की उपलब्धता, स्वच्छता व्यवस्था एवं गौ आश्रय स्थल गौशाला की संरचना का गहन जायजा लिया। गौवंशो की संख्या, भूसा, हरा-चारा, सीसीटीवी कैमरे, ईयर टैगिंग, लाइटिंग, पानी, शेड, गर्मी से बचाव आदि की जानकारी ली।
नियमित पशुओं की जांच के निर्देश दिए गए
संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि गौशाला की सुविधाओं की सतत उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि गौवंशों को उचित देखभाल एवं पोषण मिल सके संबंधित अधिकारियों और निर्देशित किया।