
-रेलगाड़ियां 10 से 12 घंटे तक लेट, वाहन रेंग-रेंग कर चले, छुट्टियों के बाद सभी स्कूल खुल गए
आगरा, 15 जनवरी। आगरा और आसपास के इलाकों में बुधवार की सुबह से छाये घने कोहरे की वजह से जनजीवन पर व्यापक असर पड़ा है। यातायात बहुत धीमी गति से चल रहा है। ट्रेनें घंटों की देरी से आगरा के स्टेशनों पर पहुंच रही हैं। आज और कल बारिश की संभावना है। बारिश होने पर ठंड का प्रकोप और बढ़ सकता है। मकर संक्रांति के बाद ठंड कम होने लगती थी, लेकिन इस बार ऐसा होता नहीं दिख रहा। पहाड़ों पर हो रही बर्फवारी का असर मैदानी इलाकों में कड़ाके की ठंड के रूप में सामने आ रहा है।
गत दो सप्ताह से मौसम में लगातार उतार चढ़ाव आ रहा है। पिछले दिनों बारिश के बाद कई दिनों तक घने कोहरे का प्रकोप रहा था। इसके बाद दो-तीन दिन मौसम साफ रहा । बुधवार को रात से ही कोहरे का प्रकोप शुरू हो गया था। लेकिन सुबह लोग सोकर उठे तो घने कोहरे की चादर देखकर सिहर उठे।
कोहरे की वजह से आगरा-नोएडा और आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे, आगरा-दिल्ली हाईवे, आगरा-कानपुर हाईवे, आगरा-जयपुर हाईवे तथा आगरा-ग्वालियर हाईवे तथा स्टेट हाईवे पर वाहन रेंग-रेंग कर चल रहे थे। कोहरे का सबसे बुरा असर रेलगाड़ियों पर पड़ रहा है। विभिन्न रेलमार्गों से आगरा पहुंचने वाली ट्रेनें दस से 12 घंटे देरी से पहुंच रही हैं। ट्रेनों के इंतजार में स्टेशनों पर यात्रियों का इंतजार बहुत कष्टकारी साबित हो रहा है।
इस बीच जिले में सभी स्कूल आज से खुल गए हैं। कड़ाके की ठंड को देखते हुए माना जा रहा था कि प्रशासन कुछ दिन और स्कूलों की छुट्टी बढ़ा सकता है, लेकिन ऐसा न होने पर बेसिक, माध्यमिक और अन्य सभी बोर्डों से संबद्ध स्कूल खुल गए हैं। घने कोहरे में बच्चों को स्कूल जाते देखा गया।
कड़ाके की ठंड का असर बाजारों पर भी दिख रहा है। सामान्य दिनों के मुकाबले बहुत कम लोग बाजारों में पहुंच रहे हैं। इसी प्रकार सरकारी दफ्तरों में भी फरियादियों की संख्या कम देखने को मिल रही है। आज तो दिन भर लोग सूर्य देवता के दर्शन के लिये तरसते रहे। हालांकि दोपहर बाद लग रहा था किसूर्य देवता की कृपा बरसेगी लेकिन वह भी आज नाराज ही रहे। तीजा रहा लोग घरों में हीटर आदि जलाकर अथवा रजाई में दुबके रहे। काम वालों को तो काम करने जाना ही पड़ता है चाहे सर्दी हो अथवा गर्मी। पेट पालन करना है तो घर से बाहर निकलना ही पड़ेगा।
