अरे बबलू ये चालान कैसे आ गया, सीट बेल्ट नहीं लगाई थी क्या

Crime उत्तर प्रदेश

—सीट बेल्ट न लगाने पर पन्द्रह दिनों में साढ़े तीन हजार से ज्यादा चालान
–अभी तक लगभग सवा पांच सौ वाहन स्वामियों को भेजे गये चालान

आगरा, 20 दिसंबर। अरे बबलू ये चालान कैसे आ गया। गाड़ी चलाते समय सीट बेल्ट नहीं लगाई थी क्या। नहीं पापा मैंने तो गाड़ी ड्राइव करते समय सीट बेल्ट लगाई थी। पता नहीं ये चालान पुलिस ने क्यों भेज दिया है। ऐसी चर्चाएं अब अक्सर घरों में हो रही हैं। दरअसल इंटीग्रेटेड ट्रेफिक मैनेजमेंट सिस्टम आईटीएमएस के तहत जब से शहर में आर्टिफिशियल इंटेंलीजेंस आधारित कैमरे लगाये गये हैं तब से ट्रेफिक नियमोें का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों की मुसीबतें जहां बढ़ गयी हैं।
नगर निगम स्मार्ट सिटी कार्यालय से संचालित कैमरों की गिद्ध दृष्टि से ट्रेफिक नियमों का उल्लंघन करने वाला एक भी वाहन चालक नहीं बच पा रहा है। अगर एक से दिसंबर 15 दिसंबर तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि एआई आधरित कैमरे कितनी मुस्तैदी से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। चार पहिया वाहन चालकों द्वार सीट बेल्ट न लगाये जाने 3542 मामले नजर में आये इनमें ट्रेफिक पुलिस 523 वाहन चालकों को चालान भेज चुकी है। सीट बेल्ट न लगाने वाले वाहन चालकों पर नजर रखने के लिए इसी माह से ये व्यवस्था स्मार्ट सिटी द्वारा की गई है।
नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि आईटीएम सिस्टम में जो कैमरे इंस्टाल कराये गये थे उन्हीं के माध्यम से ई चालान जनरेट हो रहे हैं। कैमरों से लिया गया फोटो ट्रेफिक पुलिस कंट्रोल रुम को भेजा जा रहा है। यहां से चालान वाहन चालक के घर भेजा जा रहा है। आगरा नगर निगम प्रदेश में पहली बार इस तकनीकि का उपयोग सीट बेल्ट न लगाने वाले वाहन चालकों के लिए किया जा रहा है। हालांकि ट्रिपिल राइडिंग, रॉग साइड ड्राइविंग और हेलमेेट न लगाये जाने के मामलों में पहले से इस तकनीकि का प्रयोग हो रहा है।

—-आईटीएमएस से संचालित हो रहे 110 कैमरे—-

उन्होंने बताया कि हाई डेफिनेशन फुटेज के माध्यम से गाड़ियों में चालकों और यात्रियों की स्थिति का विष्लेशण इन कैमरों के माध्यम से किया जाता है। जब भी कोई वाहन चालक बिना सीट बेल्ट के नजर आता है ये कैमरे गाड़ी की नंबर प्लेट को स्कैन कर आटोमेटिक उसका चालान जारी कर देता है। उन्होंने बताया कि इस प्रयोग से न केवल दुर्घटनाओं में खासी कमी आएगी बल्कि सड़क हादसों में होने वाली मृत्युदर में भी कमी आएगी। ट्रेफिक नियमों का पालन न करने के कारण रोजाना सैकड़ों लोगों की जान चली जाती है या वे गंभीर रुप से घायल होते हैं। आटोमेटिक चालान होने के बाद घर पहुंचने जब जुर्माना भरना पड़ेगा तो निश्चित ही वाहन चालक ट्रेफिक नियमों के उल्लंघन से बचेगा।

—-पुलिस से वाहन चालकों से होने वाले विवादों में कमी—

स्मार्ट सिटी द्वारा की गई इस पहल से ट्रेफिक पुलिस का काम आसान होने के साथ ही आये दिन चालान आदि को लेकर वाहन चालकों के साथ होने वाले विवादों में भी खासी कमी आएगी। ट्रेफिक नियमों का उल्लंघन करते पकड़े जाने पर अक्सर वाहन स्वामियों और पुलिस के बीच तकरार होने के मामले प्रकाश में आते रहते थे लेकिन इस सिस्टम में वाहन स्वामी को पता ही नहीं चल पाता है उसने कब और कहां पर गलती कर दी । जब चालान घर पहुंचता है तभी उसे इसका पता चल पाता है। तब तक सेटिंग गेटिंग का खेल खत्म हो चुका होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *