सभी पंचायत सहायकों को कम्प्यूटर दिया जाए प्रशिक्षण, जिससे ग्रामीणों को मिल सकें जनोपयोगी सेवाओं का त्वरित लाभ-प्रो. एसपी सिंह बघेल

स्थानीय समाचार

केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रोफेसर एस. पी. सिंह बघेल ने 19 नवंबर, 2024 को आगरा के ताज होटल एवं कन्वेंशन सेंटर में ’ईज़ ऑफ लिविंगः जमीनी स्तर पर सेवा प्रदायगी को बढ़ावा देना’ विषय पर पंचायत सम्मेलन का उद्घाटन किया।

सभी सेवाओं का किया जायेगा डिजिटलाइजेशन दिया जाए ग्रामीणों को सरकारी सेवाओं का लाभ, पंचायतों को बनाया जायेगा आत्मनिर्भर, जिससे पंचायतों में हो अधिक विकास

ग्राम सचिवालय की व्यवस्था और ई-ग्राम स्वराज जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म ने ग्रामीण प्रशासन को बनाया है सशक्त-  पंचायती राज मंत्री

आगरा.19.11.2024/आज पंचायती राज मंत्रालय द्वारा उत्तर प्रदेश शासन के पंचायती राज विभाग के सहयोग से ’ईज़ ऑफ लिविंग‘ जमीनी स्तर पर सेवा प्रदायगी को बढ़ावा देना विषय पर पंचायत सम्मेलन का होटल ताज कन्वेंशन सेंटर में आयोजन किया गया। सम्मेलन का उद्घाटन  केंद्रीय राज्य मंत्री पशुपालन एवं डेयरी, मत्स्य पालन व पंचायती राज प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल एवं उत्तर प्रदेश के पंचायती राज तथा अल्पसंख्यक कल्याण मुस्लिम वक्फ एवं हज मंत्री  ओम प्रकाश राजभर द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए  केन्द्रीय राज्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल  ने कहा कि देश की समृद्धि का रास्ता खेत खलिहान और गांवों से जाता है इसलिए शासन द्वारा आदर्श ग्राम योजना की परिकल्पना करते हुए गांवों में सभी प्रकार की सुविधायें उपलब्ध कराने का संकल्प लिया है, जिससे गांव से पलायन रूकेगा और शहरीकरण में भी कमी आयेगी। उन्होंने कहा कि देश की मोदी सरकार ने जो विकास के नये आयाम 10 वर्षों में स्थापित किये हैं, उनकी तुलना में पूर्व की सरकारों द्वारा कराये गये विकास कार्यों से करना उचित नही है। क्योकि हमारी सरकार द्वारा विगत 10 वर्षों में देश को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया गया है। हमारी सरकार गावों के विकास के लिए बिना किसी भेद भाव के आबादी के अनुसार विकास हेतु धन आवंटित करती है, इसके साथ ही साथ शासन द्वारा ग्रामीणांचलों में सचिवालय स्थापित कर उनमें पंचायत सहायकों की नियुक्ति कर दी है, जिससे ग्रामीणों को आय, जाति, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र, मूल निवास, आयुष्मान कार्ड आदि के लिए भटकना नहीं पड़ेगा वह ग्रामीण सचिवालय से ही बना सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जो पंचायत सहायक कम्प्यूटर संचालन में दक्ष नही हैं, उन्हें कम से कम एक सप्ताह का प्रशिक्षण देकर कम्प्यूटर में दक्ष किया जाए, जिससे वह प्रभावी सेवाओं का सेवाप्रदायगी कर सकें।
केंद्रीय पंचायती राज राज्य मंत्री प्रोफेसर एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि इन सम्मेलनों को मण्डल स्तर पर भी वर्कशाप किये जाने की कार्ययोजना पर विचार किया जायेगा, जिससे की पंचायतों में और अधिक जमीनी स्तर पर सेवाओं का गुणवत्ता, समयबद्धता, पारदर्शिता, आ सके। सम्मेलन में जो भी मंथन होगा प्रभावी निर्णय लेने के लिए यह सभी जिम्मेदार लोग बैठे हैं। निर्णायक भारत सरकार एवं उ0प्र0 सरकार के उच्चाधिकारी बैठे हुए हैं, जो कोई ठोस कार्ययोजना बनाकर सम्मेलन को सफल बनायें। पंचायतों के स्तर पर कम्यूनिटी सेन्टर का निर्माण कराया जाये, जिसका उपयोग पंचायतें शादी विवाह समारोह, सांस्कृतिक कार्यक्रमों आदि के रूप में कराये जाने हेतु ग्रामीणों को उपलब्ध कराते हुए आय साधन बनायें, जिससे पंचायतों की आय में बढोत्तरी हो और वह अपने स्तर से भी विकास कार्यों को गति प्रदान कर सकें। हमारी पंचायतें केवल प्रशासनिक इकाई नहीं हैं, बल्कि बदलाव के उत्प्रेरक हैं। डिजिटल सशक्तिकरण और नवाचारी सेवा प्रदायगी के माध्यम से हम ग्रामीण विकास को एक समावेशी और सहभागी यात्रा के रूप में फिर से परिभाषित कर रहे हैं।“ महिला नेतृत्व को कमजोर करने वाली ’प्रधानपति/सरपंचपति’ की प्रथा को समाप्त किया जाना चाहिए। उन्होंने पंचायतों से इ-ग्राम स्वराज पोर्टल और मेरी पंचायत ऐप के माध्यम से लोगों को मौसम पूर्वानुमान की जानकारी उपलब्ध कराने का भी आग्रह किया। बेहतर सेवा वितरण और सुगम जीवनयापन से ग्रामीण पलायन रुकेगा। उन्होंने कहा, “गांवों के स्मार्ट बनने से लोगों का जीवनस्तर सुधरेगा।“ मंत्री ने पंचायतों से अपने स्वयं के राजस्व संसाधन (व्ैत्) जुटाने और अन्य राज्यों की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीख लेने का आग्रह किया। प्रोफेसर बघेल ने बताया कि गांवों में बहुउद्देशीय सामुदायिक भवनों के निर्माण से न केवल लोगों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि पंचायतों की आय भी बढ़ेगी। उन्होंने सभी ग्राम पंचायतों से नागरिक अधिकार-पत्र (सिटीजन चार्टर) का निर्माण कर उसे पूर्ण पारदर्शिता और दक्षता के साथ लागू करने का आह्वान किया।
पंचायती राज मंत्री  ओमप्रकाश राजभर ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह सम्मेलन पंचायत के योगदान को और बेहतर समझने का अवसर प्रदान कर रहा है, उन्होंने कहा कि त्रिस्तरी पंचायतें पंचायत राज व्यवस्था की नीव है एवं उससे लोकतांत्रिक व्यवस्था की स्थापना होती है और इस मंच पर ईज ऑफ लिविंग पर पंचायत स्तर पर सर्विस डिलीवरी का सुदृढ़ीकरण सम्मेलन में पंचायत का विशेष योगदान है, उन्होंने कहा कि पंचायत ने सर्विस डिलीवरी के महत्वपूर्ण कार्य किए हैं, आज समस्त ग्राम पंचायत के कार्यालय ग्राम सचिवालयों में स्थापित हैं, उनमें जन सेवा केन्द्रों की स्थापना कर खसरा खतौनी, पेंशन, निवास, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र आदि विभिन्न लाभार्थी परख 244 से अधिक सेवाओं के ऑनलाइन एवं ऑफलाइन आवेदन का लाभ पंचायतवासी ले रहे हैं। उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत शौचालय का निर्माण, सामुदायिक शौचालय का निर्माण, साफ सफाई, कूड़ा कलेक्शन, खाद के यूनिट को तैयार किए जाने का कार्य ग्राम पंचायत के माध्यम से किया जा रहा है, इसके अतिरिक्त स्वच्छ भारत मिशन के नियमित प्रशिक्षकों का कार्य गुणवत्ता परक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा व्यक्तिगत शौचालय की मांग भी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाती है, ग्राम पंचायत में यह सर्विस डिलीवरी का कार्य पूर्ण करने में अपना पूर्ण योगदान दे रही है।
मा0 पंचायती राज मंत्री श्री ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रत्येक पंचायत को कुशल, पारदर्शी और उत्तरदायी सेवाओं का केंद्र बनाने की दिशा में प्रतिबद्ध है। यह सम्मेलन इस दृष्टि को साकार करने में एक महत्वपूर्ण कदम है।“ उन्होंने कहा कि ग्राम सचिवालय की व्यवस्था और ई-ग्राम स्वराज जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स ने ग्रामीण प्रशासन को सशक्त बनाया है। विश्व शौचालय दिवस के महत्व को रेखांकित करते हुए उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में 19 नवम्बर से 10 दिसंबर तक “शौचालय संवारें, जीवन निहारें“ अभियान चलाया जाएगा।
सचिव, पंचायती राज मंत्रालय विवेक भारद्वाज ने तकनीकी एकीकरण के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा, “डिजिटल परिवर्तन केवल तकनीकी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह शासन और नागरिकों के बीच की खाई को पाटने का माध्यम है। हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर ग्रामीण निवासी को सुलभ और प्रभावी सेवाओं के माध्यम से जीवन में सरलता का अनुभव हो।“ विवेक भारद्वाज ने बताया कि विगत दस वर्षों में प्रधानमंत्री  के विजन के अनुरूप ग्रामीण भारत में ’ईज ऑफ लिविंग’ की दिशा में ट्रांसफॉर्मेटिव कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल सेवाओं ने लोगों को लंबी कतारों से मुक्ति दिलाई है।  विवेक भारद्वाज ने एक व्यापक अध्ययन का हवाला देते हुए उत्तर प्रदेश में विकेन्द्रीकरण की तीव्र एवं सफल प्रगति की सराहना की। उन्होंने राज्य में पब्लिक फाइनेंशियल मैनेजमेंट सिस्टम (पीएफएमएस) के सर्वाधिक प्रभावी क्रियान्वयन को भी महत्वपूर्ण उपलब्धि बताया।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र को उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव (पंचायती राज)  नरेंद्र भूषण, पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव  आलोक प्रेम नागर और आगरा मा0 जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मंजू भदौरिया ने भी संबोधित किया। सम्मेलन में पांच उत्कृष्ट पंचायत सहायकों श्रीमती अनामिका गौतम (जौनपुर),  धर्मेंद्र कुमार (आजमगढ़), श्रीमती रीतू चौधरी (गोरखपुर), श्रीमती कोमल मिश्र (हरदोई) और श्री महफूज़ आलम (बाराबंकी) को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया गया।
इस सम्मेलन ने संविधान के अनुच्छेद 243 जी के तहत पंचायती राज संस्थाओं को सशक्त बनाने पर जोर दिया, ताकि कृषि से लेकर सार्वजनिक वितरण प्रणाली जैसे क्षेत्रों में उनकी भूमिका को मजबूत किया जा सके। सम्मेलन का एक प्रमुख आकर्षण इसका भाषाई समावेशन था। कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर आधारित भाषिणी प्लेटफॉर्म का उपयोग कर कार्यक्रम का सीधा प्रसारण 11 भाषाओं में किया गया, जिससे शासन संवाद को पूरे देश में अधिक समावेशी और सुलभ बनाया गया।
आगरा पंचायत सम्मेलन संयोगवश विश्व शौचालय दिवस के अवसर पर आयोजित हुआ; वर्ल्ड टॉयलेट डे-2024 का विषय “शौचालयः शांति का स्थान“ है। इस अवसर पर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता संबंधी चुनौतियों और पंचायतों की भूमिका पर गहन चर्चा हुई। राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी), वाधवानी फाउंडेशन और यूनिसेफ ने सम्मेलन में नवीनतम डिजिटल समाधानों जैसे सर्विस प्लस प्लेटफॉर्म और रैपिडप्रो जैसे डिजिटल सार्वजनिक साधनों का प्रदर्शन किया।
पंचायत सम्मेलन ने जमीनी स्तर पर डिजिटल सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे के विकास के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता दोहराई। यह आयोजन हर पंचायत को एक उत्तरदायी, कुशल और पारदर्शी सेवा केंद्र में बदलने के व्यापक दृष्टिकोण पर केंद्रित था। आगरा पंचायत सम्मेलन भारत की ’विकसित भारत’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह ग्रामीण विकास को एक केंद्रीय आधार मानते हुए प्रौद्योगिकी-प्रधान और नागरिक केंद्रित शासन का प्रतीक बनकर उभरा।
इस सम्मेलन में आगरा जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मंजू भदौरिया, उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती बबीता चौहान, मा0 विधायक श्री पुरूषोत्तम खण्डेलवाल, चौधरी बाबूलाल, श्री छोटेलाल वर्मा, श्रीमती रानी पक्षालिका सिंह, पंचायती राज मंत्रालय के सचिव श्री विवेक भारद्वाज, उत्तर प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव (पंचायती राज) श्री नरेंद्र भूषण, और पंचायती राज मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री आलोक प्रेम नागर सहित सात राज्यों असम, अरुणाचल प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, नागालैंड, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के लगभग 400 से ज्यादा प्रतिभागियों ने पंचायत सम्मेलन में प्रतिभाग कर भारत के बहुस्तरीय ग्रामीण प्रशासन पर गहन चर्चा की गई।

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