मण्डलायुक्त श्रीमती रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में आगरा मण्डल के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक हुई संपन्न
सरकारी कार्यालय में अनाधिकृत/दलाल प्रवृत्ति के व्यक्तियों का प्रवेश नहीं होना चाहिए, मीडिएटर पर भी नजर रखें
आगरा. 22 अगस्त 2024. आज गुरुवार को मण्डलायुक्त श्रीमती रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में आगरा मण्डल के विकास कार्यों की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक में सर्वप्रथम आगरा मण्डल में दिव्यांग छात्रों के नामांकन एवं दिव्यांगता प्रमाण पत्र, उन्हें प्रदत्त सुविधाओं की समीक्षा की गयी। बेसिक शैक्षिक वर्ष 2024-25 में यू डायस के अनुसार नामांकन हुए दिव्यांग छात्रों की समीक्षा की गयी। विगत शैक्षिक वर्ष में कुल 14096 दिव्यांग छात्रों का नामांकन हुआ था जबकि वर्तमान शैक्षिक वर्ष में कुल 13911 छात्रों का नामांकन हुआ है जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले कम है। वहीं नामांकित हुए छात्रों का कक्षावार अंतर देखने पर कक्षा 8 और कक्षा 9 में सबसे ज्यादा अंतर देखा गया। नामांकित छात्रों की संख्या में लगभग 497 की गिरावट देखी गयी। इस पर मण्डलायुक्त द्वारा नाराजगी व्यक्त की गयी कि दिव्यांग छात्रों के ज्यादा से ज्यादा नामांकन कराने के पूर्ण प्रयास नहीं हुए। वहीं दिव्यांगता के आधार पर प्रमाण पत्रों के वितरण की समीक्षा में देखा गया कि इस वर्ष 2677 छात्रों के प्रमाण पत्र बनाये जाने हैं जिसमें 1108 प्रमाण पत्र बनाये जा चुके हैं और 1569 अवशेष हैं। निर्देश दिए गये कि एक महीने में ही सभी अवशेष प्रमाण पत्र बनाये जायें, साथ ही दिव्यांग छात्रों को दिव्यांगता के आधार पर मिलने वाली सुविधाओं से उन्हें संतृप्त किया जाए। वहीं दूसरी ओर ओवरऑल छात्रों के नामांकन में भी काफी अंतर देखने को मिला। इस बार ओरवऑल 561892 छात्रों के नामांकन हुए जो कि पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग एक लाख कम हैं। निर्देश दिए गये कि छात्रों के अधिकाधिक नामांकन संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जायें।
ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत संतृप्त विद्यालयों की समीक्षा की गयी। मैनपुरी को छोड़कर अन्य जिलों में कोई प्रगति नहीं हुई। प्रगति में सुधार लाने को कहा। सीएसआर के माध्यम से विद्यालयों को संतृप्त किए जाने का लक्ष्य निर्धारित करने के भी निर्देश दिए। सैम बच्चों की अद्यतन स्थिति पर समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि मानकों व निर्धारित प्रक्रिया के माध्यम से ही सैम बच्चों के स्वास्थ्य में सुधार लाते हुए उनका परीक्षण किया जाए। आगरा, फिरोजाबाद और मैनपुरी के अवशेष आंगनबाड़ी केन्द्रों पर इन्फ्रा किट उपलब्ध करायी जाए। फिरोजाबाद में लर्निंग लैब बनाये जाने के कार्य में तेजी लाई जाए। पंचायती राज व्यवस्था की समीक्षा की गयी। 15वें और पंचम वित्त आयोग में चारों जिलों की रैकिंग में गिरावट होने, सामुदायिक शौचालय, माॅडल ओडीएफ, जन सेवा केन्द्र में प्रगति न दिखने पर मण्डलायुक्त ने नाराजगी जताई।
स्वास्थ्य विभाग के अन्तर्गत जननी सुरक्षा योजना में भुगतान के तुलनात्मक स्थिति पर चर्चा करते हुए मण्डलायुक्त द्वारा कहा गया कि लाभार्थी महिलाओं को समय से भुगतान नहीं किया जा रहा है। स्थिति काफी खराब है। वहीं आशा बहनों को भी समय से भुगतान न मिलने की शिकायतें भी काफी मिलती रहती हैं। चारों जिलों के सीडीओ को निर्देश दिए कि इस मामले को गंभीरता से लें। स्वास्थ्य विभाग की सभी यूनिट जहां पर डिलीवरी होती है, वहां समय-समय पर जांच करें, बैठक कर समीक्षा करें। भुगतान में देरी पर संबंधित की जिम्मेदारी तय करें। सीएमओ भी अपने स्तर पर इसकी जांच करते रहें।
गोल्डन कार्ड की समीक्षा में देखा गया कि आगरा को छोड़कर अन्य जिलों में 90 प्रतिशत से भी कम गोल्डन कार्ड बनाए गये हैं। निर्देश दिए गये कि अन्य जिलों में भी 90 प्रतिशत का लक्ष्य प्राप्त करते हुए लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाये जाने के कार्य में तेजी लाई जाए। वहीं जिला अस्पताल में इम्प्लांट सर्जरी कराने हेतु आने वाले मरीजों को अस्पताल प्रशासन द्वारा इम्प्लांट खरीदने हेतु किसी एजेंसी को संदर्भित न किया जाए। मरीज खुद ही इम्प्लांट का सामान खरीदकर लायेगा। चिकित्सक द्वारा पर्चे पर लिखी जाने वाली सभी दवाईयां अस्पताल में ही उपलब्ध करायी जाएं। बाहर से दवाईयां खरीदने को मजबूर न किया जाए। यह सुनिश्चित करने हेतु जिलाधिकारी व सीडीओ द्वारा समय समय पर निरीक्षण किया जाए। इसके अलावा आयुष्मान उपचारित लाभार्थियों की संख्या में खास प्रगति न दिखने पर विगत माह की तुलनात्मक रिपोर्ट तलब की गयी। संचारी रोग अभियान में अवगत कराया गया कि आगरा में डेंगू के अब तक सिर्फ 5 मरीज मिले हैं। निर्देश दिए गये कि बारिश के मौसम को देखते हुए पंचायती राज विभाग द्वारा संचारी रोग नियन्त्रण अभियान को सितम्बर माह के अंत तक जारी रखा जाए।
पशुपालन विभाग की समीक्षा में देखा गया कि विगत मण्डलीय बैठक के बाद से मण्डल में किसी भी गौशाला का विस्तारीकरण नहीं हुआ। जिन स्थायी/अस्थायी गौशालाओं का निर्माण किया गया है उनका संचालन नहीं हुआ। इस बारे में पूछे जाने पर संबंधित अधिकरी स्पष्ट जबाव न दे सके। जिस पर महोदया द्वारा गौषाला से संबंधित पूरी रिपोर्ट तलब की गयी। मथुरा और मैनपुरी में सबसे कम पशुओं का टीकाकरण किया गया। टीकाकरण में क्रमिक प्रगति के निर्देश दिए।
जलनिगम के कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए गये कि सतही जल स्त्रोत आधारित पेयजल योजना के तहत आगरा, फिरोजाबाद और मथुरा में चल रहे प्रोजेक्ट में तेजी लाई जाए। मैनपाॅवर बढ़ाई जाए। वहीं मैनपुरी में भूमिगत जल स्त्रोत आधारित पेयजल योजना से संबंधित प्रोजेक्ट में भी तेजी लाने को कहा। संयुक्त आयुक्त उद्योग द्वारा अवगत कराया गया कि ओडीओपी वित्त पोषण योजना में मथुरा को छोड़कर अन्य तीनों जनपद ए प्लस श्रेणी में हैं। ओडीओपी ब्रज उदय में दो नये उत्पाद जोड़े गये हैं। मण्डलायुक्त महोदया ने निर्देश दिए कि फिरोजाबाद और मैनपुरी से भी नये उत्पाद जोड़े जायें। ब्रज उदय उत्पादों की बिक्री हेतु मथुरा में भी जल्द ही आउटलेट खोले जाएं। सीएम डैशबोर्ड की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि जिस पैरामीटर में संबंधित विभागों की प्रगति व रैंकिंग खराब है, सभी उसमें सुधार लाएं, निर्धारित समय सीमा में सभी कार्य पूर्ण करें।
इसके उपरान्त विभिन्न कार्यदायी संस्था द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य/प्रोजेक्ट की समीक्षा की गयी। पीडब्लूडी द्वारा परियोजनाओं का विवरण प्रस्तुत करते हुए अवगत कराया गया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में आगरा मण्डल में 4178 किमी सड़क को गढ्ढामुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसमें से 802 किमी सड़क गढ्ढामुक्त हो चुकी है जबकि 3376 किमी शेष है। आगरा में 27, मथुरा में 49, फिरोजाबाद में 8 और मैनपुरी में 13 सड़कों का चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण किया जा रहा है। निर्देश दिए गये कि आगरा मण्डल की सभी सड़कों को गढ्ढामुक्त बनाया जाए। काफी सड़कें खराब व खस्ताहाल हो चुकी हैं, उन सड़कों को भी स्वीकृत कराते हुए चौड़ीकरण अथवा सुदृढ़ीकरण किया जाये। अगस्त-सितम्बर तक बनने वाली सड़कों का निर्माण कार्य गुणवत्ता के साथ पूर्ण किया जाए। 50 करोड़ की लागत से अधिक के प्रोजेक्ट की समीक्षा की गयी। मण्डल में 13 प्रोजेक्ट चल रहे हैं जिसमें 7 प्रोजेक्ट जल्द पूरे हो जायेंगे। फिरोजाबाद मेडिकल काॅलेज परियोजना पूर्ण करने हेतु शासन से धनराशि की मांग हेतु पत्र भेजने के निर्देश दिए गये थे लेकिन मांग पत्र नहीं भेजा गया जिस पर मण्डलायुक्त महोदया ने कड़ी नाराजगी जताई। मांग पत्र भेजने एंव अगले माह पूर्ण होने वाली सभी परियोजनाओं को संबंधित विभाग को हैण्डओवर करने के निर्देश दिए गये। जेएनएनयूआरएम के अन्र्तगत मौजा नारायच में निर्माण किए गये भवनों के जर्जर हो जाने के प्रकरण में संबंधित संस्था/ठेकेदार के खिलाफ आरसी जारी करने, शासन में उसके खिलाफ भेजे गये पत्र का रिमाइंडर भेजने के निर्देश दिए। वहीं एक करोड़ की लागत के सभी प्रोजेक्ट धीमी गति से चल रहे कार्य को लेकर कहा कि सभी कार्यदायी संस्था अपने प्रोजक्ट कार्य में तेजी लाएं और निर्धारित समय पर पूरा करें।
बैठक के अंत में निर्देश दिए कि किसी भी सरकारी कार्यालय में अनाधिकृत/दलाल प्रवृत्ति के व्यक्तियों का प्रवेश नहीं होना चाहिए। कार्यालय के अन्दर मीडिएटर पर भी नजर रखी जाए। मण्डलीय और जिला स्तरीय अधिकारी यह सुनिश्चित करें। समय-समय पर निरीक्षण करते रहें। बेसिक और माध्यमिक शिक्षा कार्यालय में सम्बद्ध अनावश्यक व बाहरी कर्मचारियों को हटाया जाए। जिलाधिकारी और सीडीओ इसका औचक निरीक्षण करें। तहसील स्तरीय अधिकारी अपने मुख्यालय पर ही रहेंगे। जिला स्तरीय अधिकारी सभी कार्यालयों में सफाई, शिकायत निस्तारण, फाइल रखरखाव-बीडिंग सुनिश्चित करें।