आगरा, 27 जुलाई। सावन के दूसरे सोमवार को होने वाली नगर परिक्रमा और बल्केश्वर मेले को लेकर नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल के निर्देश नगर निगम के अधिकारियों ने व्यवस्थाओं को परखा। वनखंडी परिक्रमा मार्ग पर लाइट व्यवस्था करने के साथ ही बरसात के कारण क्षतिग्रस्त हुए मार्ग को दुरुस्त करा दिया गया है। जिन स्थानों पर छोटे मोटे गड्ढे हैं उन्हें भी रेत डालकर देर शाम तक भरवाया जाता रहा। वनखंडी परिक्रमा मार्ग पर नगर निगम ने पहली बार अपने क्षेत्र से बाहर जाकर लाइटिंग की व्यवस्था की है।
सावन माह में रविवार रात से होने वाली नगर परिक्रमा को देखते हुए नगर निगम प्रशासन सक्रिय हो गया है। बल्केश्वर, पृथ्वीनाथ, मनकामेश्वर, रावली, राजेश्वर और कैलाश मंदिर जाकर अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र प्रसाद यादव, उपनगर आयुक्त सरिता सिंह, संयुक्त नगर आयुक्त विकास सेन और जेडएसओ राजीव बालियान ने परिक्रमा मार्ग और मंदिरों के आसपास की व्यवस्थाओं को परखा। इस दौरान सभी मंदिरों के महंतों से बात कर उनकी समस्याओं को पूछ कर मौके पर ही समाधान के निर्देश अधिकारियों को दिये गये। मनकामेश्वर के महंत योगेष पुरी ने नगर निगम के कार्यों पर संतुष्टि जताते हुए मनकामेश्वर कॉरिडोर के कार्यों की प्रशंसा की। इस संबंध में जानकारी देते हुए अपर नगर आयुक्त ने बताया पूर्व में किये गये निरीक्षण के दौरान जो समस्याएं मंदिर कमेटियों की ओर से बताई गयीं थीं उनका निस्तारण कर दिया गया है। इसके अलावा परिक्रमा मार्ग पर जहां हल्के फुल्के गड्ढे दिखाई दे रहे है। उनमें रेत डलवाया जा रहा है। वहीं सहायक अभियंता अभिजीत यादव परिक्रमा मार्ग पर लाइटिंग की व्यवस्था को दुरुस्त कराने में जुटे रहे। उन्होंने बताया कि परिक्रमा मार्ग पर सभी लाइटों को चालू कराया जा चुका है जबकि वनखंडी में परिक्रमा मार्ग पर नई लाइटें लगाई गयी हैं।
–प्लास्टिक पर रहे प्रतिंबंध–
वहीं दूसरी ओर अधिकारियों को निर्देषित करते हुए नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल ने कहा कि परिक्रमा और मेलों के दौरान दुकानदार प्रतिबंधित पॉलीथिन और प्लास्टिक का उपयोग न करें इस पर खास नजर रखी जाए। मंदिरों के आसपास सफाई के लिए पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मी तैनात किये जाएं। सभी जेडएसओ और एसएफआई इस पर नजर बनाये रखें। मेलों के दौरान प्लास्टिक के गिलासों का बड़ी संख्या में उपयोग होता है इसलिए इस पर नजर रखना जरुरी है। उन्होंने लोगों से अपील की कि परिक्रमा के दौरान शिवभक्तों के लिए आयोजित किये जाने वाले भंडारे आदि में प्लास्टिक के गिलास के बजाय उसके विकल्प को चुनें। इसके लिए कागज के गिलास और दोनों का उपयोग किया जा सकता है।
—दुकानों के आगे रखवाएं डस्टविन—
मंदिरों के आसपास मेलों के दौरान लगने वाली दुकानों पर गीले व सूखे कूड़े के लिए हर हाल में दुकानदार से डस्टविन रखवाई जाए। साथ ही दुकानदार को ये भी समझा दिया जाए कि वह सूखा व गीला कूड़ा अलग अलग डस्टविन में डलवाये। उन्हें इस बात से आगाह कर दिया जाए कि अगर सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा फैंकते पकड़े गये तो जुर्माना भरना होगा। इसके लिए निगम कर्मचारी मंदिर और मेला कमेटी का भी सहयोग लें।