अधिकारियों के साथ बैठक की और प्राथमिकताएं बताईं- संरक्षा, समयपालन और ग्राहक संतुष्टि
प्रयागराज-आगरा, 15 जुलाई। भारतीय रेल यातायात सेवा के अधिकारी उपेन्द्र चन्द्र जोशी ने उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक का पदभार ग्रहण किया। इससे पहले वे प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक, उत्तर रेलवे के पद पर कार्यरत थे। नए नवागत महाप्रबंधक 1988 बैच के अधिकारी हैं और उन्होंने भारतीय रेल में विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएं दी हैं।
यातायात से संबंधित मुद्दों में अपने व्यापक अनुभव के अलावा, उन्हें सामान्य प्रशासन में भी व्यापक अनुभव है। श्री जोशी ने अपनी रेल सेवा की शुरुआत सहायक परिचालन प्रबंधक, समस्तीपुर के रूप में की, उसके बाद डीओएम और डीसीएम लखनऊ के रूप में कार्य किया और उसके बाद क्रमशः सीनियर डीओएम वाराणसी और इज्जतनगर मंडलों के रूप में पदस्थापित हुए। उन्होंने पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे में उप मुख्य परिचालन प्रबंधक और उप मुख्य वाणिज्य प्रबंधक के रूप में भी कार्य किया है। फिर उन्होंने उत्तर पश्चिम मुख्यालय में उप मुख्य परिचालन प्रबंधक और सीनियर डीसीएम जोधपुर के रूप में भी काम किया।
श्री उपेन्द्र चन्द्र जोशी ने उत्तर रेलवे में सीसीएम/आईटी के पद पर कार्य किया तथा क्रिस में भी कार्य किया, जहां उन्होंने परियोजना प्रमुख के रूप में नियंत्रण कार्यालय एप्लीकेशन (सीओए) के कार्यान्वयन एवं एकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया, जिसके परिणामस्वरूप रेलवे परिचालन का केन्द्र माने जाने वाले नियंत्रण कार्यालयों का ऑटॉमेशन हुआ । सीओए राष्ट्रीय रेल पूछताछ प्रणाली का आधार है, जो भारतीय रेल यात्रियों को वास्तविक समय पर ऑनलाइन रेलगाड़ियों की जानकारी देता है। उन्होंने रेलवे बोर्ड में ईडीपीएम, कोटा मंडल में मंडल रेल प्रबंधक तथा खान मंत्रालय में संयुक्त सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी कार्य किया।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा के मूल निवासी श्री जोशी ने प्रारंभिक शिक्षा रानीखेत अल्मोड़ा से प्राप्त की, तत्पश्चात उन्होंने प्रतिष्ठित आईआईटी कानपुर से केमिकल इंजीनियरिंग में स्नातक एवं परास्नातक की डिग्री प्राप्त की। भारतीय रेल अपनी सेवाओं के माध्यम से जनता से सीधे जुड़ी हुई है, इसलिए अपने कार्यों एवं कर्मों के माध्यम से जनता को सुविधा प्रदान करना श्री जोशी की प्रेरणा का स्रोत है।
वे परिवहन क्षेत्र में गुणात्मक सुधार में भी योगदान देना चाहते हैं। आज औपचारिक रूप से कार्यभार ग्रहण करने के पश्चात श्री उपेन्द्र चन्द्र जोशी ने सभी प्रमुख विभागाध्यक्षों के साथ बैठक की। सभी मंडल रेल प्रबंधक भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में शामिल हुए। बैठक को संबोधित करते हुए श्री जोशी ने अपनी प्राथमिकताएं बताईं। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में बुनियादी ढांचे और यात्री सुविधाओं के मोर्चे पर उल्लेखनीय सुधार आया है। इन प्रयासों के प्रति जनता के रुझान के कारण, ग्राहक इंटरफेस में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। कर्मचारियों के व्यवहार में भी सुधार हुआ है, पहले वे मात्र रेलवे के लिए काम करते थे, अब हमारे फ्रंटलाइन कर्मचारी सम्मानित ग्राहकों को सर्वोत्तम सेवाएं प्रदान करने के लिए काम करते हैं। वर्तमान में हमारे सामने अपने ग्राहकों को वास्तविक समय पर प्रतिक्रिया प्रदान करने की चुनौती है, हम सभी को चुनौती से निपटने और प्रश्नों/शिकायतों का समय पर निवारण सुनिश्चित करने का प्रयास करना चाहिए। हमें संरक्षायुक्त परिचालन भी सुनिश्चित करना चाहिए और जनता में विश्वास पैदा करना चाहिए। उन्होंने समयपालन पर भी बल दिया क्योंकि यह सिर्फ समय सारिणी नहीं है बल्कि यात्रियों को समय पर उनके गंतव्य तक पहुंचाने की हमारी प्रतिबद्धता है। उन्होंने यह भी कहा कि हमे आधारभूत संरचना का निर्माण आमजन की आकांक्षाओं को पूरा करने के स्रोत के रूप में करना होगा। उन्होंने कहा कि हमें अमृत भारत स्टेशनों और माल ग्राहकों की मांगों को पूरा करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा ।
आगामी कुंभ मेले के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य, नागरिक और मेला प्राधिकारियों के साथ समन्वय में एक टीम के रूप में कार्य करना आवश्यक है।उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि कुंभ से संबंधित सभी बुनियादी ढांचे से जुड़े कार्य उचित समय-सीमा में पूरे किए जाएं और पर्याप्त संख्या में अतिरिक्त विशेष रेलगाड़ियां चलाई जाएं, ताकि प्रयागराज आने वाले तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।