उद्यान विभाग के ड्राइवर वाहन विहीन हो जाने से परेशान
आगरा, 11 जुलाई। उद्यान विभाग ने 35-35 साल पुराने कबाड़ हुए ट्रैक्टर और जीप तथा डीसीएम समेत 13 वाहनों की नीलामी कर दी है। इनकी नीलामी से सरकार के खाते में 5 लाख 76 हजार रुपये जमा हो गये हैं।
शाहजहां गार्डन में जहां-तहां सड़े-गले से ट्रैक्टर और जीप मलबे के रूप में कई सालों से पड़े हुए दिख रहे थे। जब उपनिदेशक उद्यान धर्मपाल यादव की नजर इन वाहनों पर पड़ी तो उन्होंने इनके कागजात देखे। पता चला कई वाहन तो 35-35 साल पुराने थे। सड़क परिवहन मंत्रालय भारत सरकार की वैहीकल स्क्रैपिंग पालिसी में 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की योजना है। इसी के तहत उपनिदेशक श्री यादव ने एआरटीओ से इनका मूल्यांकन कराया। इसके पश्चात सरकार की योजना के तहत ही इन सभी 13 वाहनों की नीलामी कर दी गयी। इससे जो आय हुई है, वह सरकारी खाते में चली गयी। इससे शाहजहां गार्डन में सफाई भी हो गयी है। देखने में भी ये वाहन केवल नाम मात्र के रह गये थे। मलबे के ढेर में तब्दील हो गये थे। उपनिदेशक का कहना है कि सरकार की पालिसी के तहत पहले ही इन कबाड़ हुए इन वाहनों की नीलामी कर देनी चाहिये थी। हाला्ंकि इससे नुकसान भी हुआ है। उपनिदेशक उद्यान के पास अब सरकारी गाड़ी ही नहीं रही है। पहले जो जीप थी, उससे कुछ काम तो चल ही रहा था। अब तो अधिकारियों को निजी गाड़ी का उपयोग सरकारी काम में करना पड़ रहा है।
विभागीय अधिकारी अनुमति दें और शासन से धन अवमुक्त हो तो सरकारी गाड़ी आये। फिलहाल तो उद्यान विभाग के अधिकारी सरकारी वाहन विहीन हो गये हैं। वहीं विभाग के चालक भी गाड़ी बिना ही रह रहे हैं। एक चालक का कहना था कि हम तो अब वाहन विहीन हो गये हैं। पता नहीं कब गाड़ी आएगी और उनको अपनी ड्यूटी करने को मिलेगी।