नगर आयुक्त ने कार्यदायी संस्था के भुगतान से की लाखों की कटौती

Press Release उत्तर प्रदेश

कूड़ा कलेक्शन में लापरवाही पर की गयी कार्रवाई , अनुबंध की शर्तों का लगातार किया जा रहा उल्लंघन

आगरा, 8 जुलाई। अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन और डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन में लापरवाही पर नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने सख्त रुख अपनाते हुए कार्यदाई संस्था स्वच्छता कारपोरेशन को किये जाने वाले भुगतान में से 26 लाख की कटौती करने के आदेश दिये हैं।
शहर में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने के लिए नगर निगम की ओर से स्वच्छता कारपोरेशन को अनुबंधित किया हुआ है। कूड़ा कलेक्शन के दौरान अनुबंध में दी गयीं शर्ताें के उल्लंघन की शिकायतें लगतार निगम प्रशासन को मिल रही थीं। कई सभासदों ने भी अधिकारियों को इसकी शिकायतें की थीं। इसको लेकर अपर नगर आयुक्त सुरेंद्र प्रसाद यादव की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया था। इसमें सभी एसएफआई, सीएसएफआई और जेडएसओ और संवेदना सोसायटी के अलावा स्वच्छता कारपोरेशन के प्रबंधक सुधीर रेड्डी ने अपने सुपरवाइजरों की टीम के साथ भाग लिया था। बैठक के दौरान डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन की व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने के लिए तेरह वाहनों के अलावा पुश कार्ड, ट्राई साइकिलों समेत करीब 183 अन्य वाहनों को उपलब्ध कराने की मांग स्वच्छता कारपोरेशन से की गई थी । इसके बावजूद कंपनी की ओर से इस ओर ध्यान नहीं दिया। पर्याप्त संख्या में मशीनरी और वाहनों की कमी के चलते नगर में शत प्रतिशत कूड़ा कलेक्शन नहीं हो पा रहा था जबकि कंपनी को अनुबंध के अनुसार शत प्रतिशत कूड़ा कलेक्शन करना था। इसके लिए कंपनी की ओर निगम प्रशासन को कोई समयवद्व कार्ययोजना भी उपलब्ध नहीं कराई गयी। समीक्षा बैठक के बाद इसकी रिपोर्ट नगरायुक्त को सौंपी गयी इसमें स्पष्ट कहा गया कि स्वच्छता कारपोरेशन द्वारा कूड़ा कलेक्शन सही प्रकार से न करने के कारण निगम की छवि धूमिल होने के साथ साथ इसका प्रतिकूल प्रभाव आगामी स्वच्छ सर्वेक्षण 2024 पर भी पड़ने की संभावना है।

—चेतावनी के बाद भी कार्यप्रणाली में नहीं किया सुधार–़
सहायक नगर आयुक्त अशोक प्रिय गौतम द्वारा नगर आयुक्त को सौंपी गयी रिपार्ट में स्पष्ट किया गया कि चेतावनी देने के बावजूद स्वच्छता कारपोरेशन के कर्मचारी प्रोपर यूनीफोर्म में डोर टू डोर कू़ड़ा कलेक्शन नहीं कर रहे हैं। कूड़ा कलेक्शन करने वाले वाहनों में पन्द्रह साल से कम उम्र के बच्चों को ले जाया जा रहा है। जो श्रम कानूनों के विपरीत है। कूड़ा कलेक्शन करने वाली गाड़ियों में डोमेस्टिक सेनेटरी वेस्ट व डोमेस्टिक हजारडस के लिए दो डस्टबिन नहीं लगाये गये हैं।

—सभासदों ने भी की थीं शिकायतें—
स्वच्छता कारपोरेशन की कार्यप्रणाली पर नगर के तमाम समासदों की ओर से भी सवाल उठाये जा रहे थे। उनका कहना कि डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन करने वाली गाड़ियां न तो कूड़ा कलेक्शन के समय वाहनों पर बजाई जाने जिंगल वैल बजा रही हैं और न ही वे घरों सामने रुक रहीं हैं जिससे लोग अपना कूड़ा वाहन में डाल सकें।

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