हरिद्वार में हुए भव्य स्वागत, निकाली बहराणा ज्योति यात्रा, बैंड बाजों की करतल ध्वनि पर थिरकते हुए नज़र आए सिंधी समाज के लोग, अमरपुरा घाट पर विधी विधान से हुआ बहराणा ज्योति विसर्जन, जय झूलेलाल के उद्धोषों से गुंजायमान हुआ मार्ग, बुजुर्गों में भारी उत्साह
आगरा, 7 जुलाई । बल्केश्वर स्थिति भगवान झूलेलाल मंदिर से बीते शनिवार को देर शाम देवभूमि उत्तराखंड के लिए रवाना हुआ सिंधी समाज के 250/ बुजुर्गो का विशाल जत्था रविवार को प्रातः हरिद्वार स्थित स्वामी लीला शाह धर्मशाला पहुंचा। जहां पहले से मौजूद भारतीय सिंधु सभा के दर्जनों पदाधिकारियों ने उनका आत्मीय स्वागत और अभिनन्दन किया। उन्होंने अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों के तहत सर्वप्रथम पूज्य बुजुर्गो को हरिद्वार के अमरपुरा घाट पर गंगा स्नान कराया। इसके उपरांत आदर सहित पूज्य बुजुर्गो को जलपान ग्रहण कराया। इस दौरान विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान आयोजित किए गए। धार्मिक आयोजनों का शुभारंभ भारतीय सिंधु सभा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी सदस्य भाजपा लाधाराम नागवानी ने किया। इस दौरान बड़ी संख्या में उपस्थित बुजुर्गो के सानिध्य में वहराणा ज्योति निकाली गई। हरिद्वार के विभिन्न क्षेत्रों से निकाली गई वहराणा ज्योति की यात्रा में लोग बैण्ड बाजों की करतल ध्वनि पर नाचते गाते हुए आनंदित हो रहे थे और सम्पूर्ण वातावरण जय झूलेलाल के उद्धोषो से गुंजायमान हो रहा था। भगवान झूलेलाल की भक्ति में सराबोर लोग चाहते गाते हुए हरिद्वार के अमरपुरा घाट पर पहुंचे, जहां वहराणा ज्योति का धार्मिक विधि विधान से विसर्जन किया गया।
यह जानकारी सिंधी सैंट्रल पंचायत के मीडिया प्रभारी मेघराज दियालानी ने दी। उन्होंने बताया कि अपने पूर्व निर्धारित समय पर बुजुर्गो का जत्था प्रातः काल स्वामी लीला शाह धर्मशाला पहुंचा और तय समय पर विभिन्न प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान आयोजित हुए। उन्होंने यह भी बताया कि सोमवार बुजुर्गो को ऋषिकेश धाम, मनसा देवी, हरि की पौड़ी, रामझूला, लक्ष्मण झूला एवं अन्य धार्मिक स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा। इस अवसर पर मुख्य रूप से सिंधी सैंट्रल पंचायत के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश सौनी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष घनश्याम दास देवनानी, मीडिया प्रभारी मेघराज दियालानी, पण्डित बंटी महाराज, बाबूलाल, सुशील नौतनानी, अशोक कोडवानी, अशोक पारवानी, किशोर बुधरानी, जगदीश डोडानी, राज कोठारी, पण्डित बंटी महाराज, रोहित आयलानी, नारायण दास पारवानी, रुपचंद धनवानी, नंदलाल तिलवानी, वासुदेव गोकलानी , दौलत मोडवानी, पुरुषोत्तम छलवानी, उमेश पेरवानी, सुनील पंजवानी,आदि सिंधी समाज के अनेकों श्रद्धालु मौजूद थे।