मंडलायुक्त श्रीमती रितु माहेश्वरी की अध्यक्षता में हुई मंडलीय कृषि निर्यात निगरानी समिति की बैठक, बैठक में कृषि निर्यात नीति – 2019 के क्रियान्वयन व अनुश्रवण की समीक्षा की गयी
किसानों की आय एवं निर्यात में वृद्धि करने हेतु एफपीओ-एफपीसी एवं निर्यातकों की संख्या बढ़ाने के साथ प्रत्येक जिले में एफपीओ को प्रशिक्षण देने के लिए जनपदवार बैठक करने के दिये निर्देश
आगरा. 12 जनवरी। मंडलायुक्त श्रीमती रितु माहेश्वरीकी अध्यक्षता में मंडलीय कृषि निर्यात निगरानी समिति की बैठक हुई जिसमें सर्वप्रथम उत्तर प्रदेश कृषि निर्यात नीति – 2019 के क्रियान्वयन, अनुश्रवण एवं अद्यतन प्रगति की समीक्षा की गयी। सहायक कृषि विपणन अधिकारी डॉ दिनेश चंद्र जी द्वारा अवगत कराया गया कि कृषि निर्यात प्रोत्साहन हेतु क्लस्टर बनाये जाएंगे। जिसके लिए न्यूनतम 50 हेक्टेयर की कृषि भूमि होनी चाहिए। आगरा मंडल के चारों जिलों में बनाये जाने वाले क्लस्टर चिन्हित कर लिए गए हैं जिसमें केला हेतु मैनपुरी, आलू के लिए चारों जिले, ताजी सब्जियों के लिए आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, बासमती चावल के लिए आगरा, लहसुन के लिए फिरोजाबाद और मैनपुरी, पशु उत्पाद के लिए मथुरा, आंवला के लिए मथुरा, प्रसंस्कृत उत्पाद के लिए आगरा और मैनपुरी जिले में क्लस्टर बनाये जाएंगे। कृषि निर्यात और पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी कोर्स में प्रोत्साहन हेतु छात्रों को फीस छूट भी प्रदान की जाती है जिसमें 15 महीने से अधिक अवधि के कोर्स पर फीस में 50% की छूट और उक्त कोर्स के उच्च शिक्षा पाठ्यक्रम का संचालन करने हेतु राजकीय संस्थान को 50 लाख रुपए की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
मंडल में कुल 177 एफपीओ हैं जिसमें आगरा में 97, मथुरा में 40, मैनपुरी में 21 और फिरोजाबाद में 19 एफपीओ हैं। कृषि उत्पादों एवं प्रसंस्कृत उत्पादों का निर्यात बसों, रेल एवं वायुयान द्वारा किया जाता है।तत्पश्चात कृषि निर्यात नीति के अंतर्गत अनुमन्य प्रोत्साहनों पर चर्चा की गयी जिसमें बैठक में मौजूद निर्यातकों द्वारा बड़े एवं आदर्श निर्यातकों को मंडी शुल्क में रियायत देने, कुल निर्यातक उत्पाद इकाई के अनुसार सब्सिडी का लाभ दिलाने एवं निर्यात हेतु सुगम परिवहन से संबंधित सुझाव दिए गए। इसके अलावा आगरा से जिन शहरों में डोमेस्टिक फ्लाइट जाती हैं उनके माध्यम से ताजी सब्जियों (गाजर, मटर, हरी मिर्च और आंवला) का निर्यात करने का सुझाव दिया गया। उपरोक्त सुझावों पर चर्चा करने के बाद मंडलायुक्त महोदया ने सम्बंधित अधिकारी को इस संबंध में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। निर्यात एवं किसानों की आय में वृद्धि करने के उद्देश्य से मंडल के चारों जिलों में एफपीओ को प्रशिक्षण देने हेतु जनपदवार तत्पश्चात मंडल स्तर पर बैठक करने के निर्देश दिए। बैठकों में आदर्श निर्यातकों को भी शामिल किया जाए। उन्होंने सभी जिलों में एफपीओ और एफपीसी की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया। पूरे मंडल में जीआई उत्पाद के रूप में सिर्फ बासमती चावल ही चयनित हुआ है। इसके अलावा आगरा के पेठा, मथुरा के पेड़े, तुलसी की माला और ठाकुर जी की पोशाक को भी जीआई उत्पाद बनाये जाने के प्रयास चल रहे हैं। मंडलायुक्त ने इस हेतु कृषि, उद्यान और मंडी विभागों को एकसाथ प्रयास करने के निर्देश दिए।
सहायक कृषि विपणन अधिकारी द्वारा निर्यात होने वाले उत्पादों का समुचित डेटा उपलब्ध न होने की समस्या रखी गयी। इसके समाधान हेतु एमएसएमई को निर्देश दिए। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए कि मंडल में निर्यातकों की संख्या बढ़ाई जाए। मंडी विभाग स्तर से निर्यातकों को रियायत और सब्सिडी का लाभ दिलाने से संबंधित जो सरकारी योजनाएं चल रहीं हैं उन योजनाओं का लाभ दिलाना सुनिश्चित किया जाए। अगली बैठक में इसका डेटा रखा जाए कि निर्यातकों को योजनाओं का कितना लाभ मिला है। वहीं चारों जिलों में जल्द से जल्द क्लस्टर बनाने एवं उसे सक्रिय किये जाने हेतु संबंधित को निर्देशित किया।