28 जुलाई 2019 प्रधानमंत्री के मन की बात

Politics दिल्ली/ NCR

28 जुलाई 2019 प्रधानमंत्री के मन की बात

मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार।साथियो, ऐसा लगता है कि जल संरक्षण – ‘मन की बात’ में जब मैंने इस बात को स्पर्श किया था, लेकिन शायद आज मैं अनुभव कर रहा हूँ कि मेरे कहने से पहले भी जल संरक्षण ये आपके दिल को छूने वाला विषय था,सामान्य मानवी की पसंदीदा विषय था। और मैं अनुभव कर रहा हूँ कि पानी के विषय में इन दिनों हिन्दुस्तान के दिलों को झकझोर दिया है। जल संरक्षण को लेकर, देशभर में अनेक विद, प्रभावी प्रयास चल रहे हैं। लोगों ने पारंपरिक तौर-तरीकों के बारे में जानकारियाँ तो share की हैं। आप सबको यह जानकर भी बहुत खुशी होगी कि North East का खूबसूरत राज्य मेघालय देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है, जिसने अपनी जल-नीति, water policy तैयार की है। मैं वहाँ की सरकार को बधाई देता हूँ।हरियाणा में, उन फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिनमें कम पानी की जरुरत होती है और किसान का भी कोई नुकसान नहीं होता है। मैं हरियाणा सरकार को विशेष रूप से बधाई देना चाहूंगा कि उन्होंने किसानों के साथ संवाद करके, उन्हें परम्परागत खेती से हटकर, कम पानी वाली फसलों के लिए प्रेरित किया।

साथियो, हम सब जानते हैं कि कैंसर एक ऐसा शब्द है जिससे पूरी दुनिया डरती है। ऐसा लगता है, मृत्यु द्वार पर खड़ी है, लेकिन इन सभी दस बच्चों ने, अपनी ज़िंदगी की जंग में, ना केवल कैंसर को, कैंसर जैसी घातक बीमारी को पराजित किया है बल्कि अपने कारनामे से पूरी दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। दरअसल, इसी महीने Moscow में World Children’s winners games का आयोजन हुआ। यह एक ऐसा अनोखा sports tournament है, जिसमें young cancer survivors यानी जो लोग अपने जीवन में कैंसर से लड़कर बाहर निकले हैं, वे ही हिस्सा लेते हैं। इस प्रतियोगिता में Shooting, Chess, Swimming, Running, Football और Table Tennis जैसी स्पर्द्धाओं का आयोजन किया गया।हमारे देश के इन सभी दस champions ने इस tournament में मैडल जीते। इनमें से कुछ खिलाड़ियों ने तो एक से ज्यादा खेलों में मैडल जीते।

राजस्थान के जोधपुर से संजीव हरीपुरा, कोलकाता से महेंद्र कुमार डागा, तेलंगाना से पी. अरविन्द राव, ऐसे अनेक, देशभर के अलग-अलग भागों से, कई लोगों ने, मुझे NarendraModiApp और MyGovपर लिखा है और उन्होंने ‘मन की बात’ में Chandrayaan-two के बारे में चर्चा करने का आग्रह किया है।
दरअसल,Space की दृष्टि से 2019 भारत के लिए बहुत अच्छा साल रहा है। हमारे वैज्ञानिकों ने, मार्च में,A-Sat launch किया था और उसके बाद Chandrayaan-two चुनाव की आपाधापी में उस समय A-Sat जैसी बड़ी और महत्वपूर्ण खबर की ज्यादा चर्चा नहीं हो पाई थी। जबकि हमने A-Sat मिसाइल से, महज़ तीन मिनट में, तीन-सौ किलोमीटर दूर Satellite को मार गिराने की क्षमता हासिल की। यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत, दुनिया का, चौथा देश बना और अब, 22 जुलाई को पूरे देश ने, गर्व के साथ देखा, कि कैसे Chandrayaan-two ने श्रीहरिकोटा से अंतरिक्ष की ओर अपने कदम बढ़ाए।Chandrayaan-twoके प्रक्षेपण की तस्वीरों ने देशवासियों को गौरव और जोश से, प्रसन्नता से, भर दिया।
आज ‘मन की बात’ के माध्यम से, मैं, देश के विद्यार्थी दोस्तों के साथ, युवा साथियों के साथ एक बहुत ही दिलचस्प प्रतियोगिता के बारे में, competition के बारे में, जानकारी साझा करना चाहता हूँ और देश के युवक-युवतियों को निमंत्रित करता हूँ – एक Quiz Competition।अंतरिक्ष से जुड़ी जिज्ञासाएं, भारत का space mission, Science और Technology – इस Quiz Competition के मुख्य विषय होंगे, जैसे कि, rocket launch करने के लिए क्या-क्या करना पड़ता है!Satellite को कैसे Orbit में स्थापित किया जाता है! और Satellite से हम क्या-क्या जानकारियाँ प्राप्त करते हैं!A-Sat क्या होता है! बहुत सारी बातें हैं।MyGov website पर, एक अगस्त को, प्रतियोगिता की details दी जाएगी।

हमारी मन की बातों ने स्वच्छता अभियान को समय समय पर गति दी है और इसी तरह से स्वच्छता के लिए किए जा रहे प्रयासों ने भी ‘मन की बात’ को हमेशा ही प्रेरणा दी है। पाँच साल पहले शुरू हुआ सफ़र आज जन-जन की सहभागिता से, स्वच्छता के नए-नए मानदंड स्थापित कर रहा है। ऐसा नहीं है कि हमने स्वच्छता में आदर्श स्थिति हासिल कर ली है, लेकिन जिस प्रकार से ODF से लेकर सार्वजनिक स्थलों तक स्वच्छता अभियान में सफलता मिली है, वो एक-सौ तीस करोड़ देशवासियों के संकल्प की ताक़त है, लेकिन हम, इतने पर रुकने वाले नहीं हैं। ये आंदोलन अब स्वच्छता से सुन्दरता की ओर बढ़ चला है। अभी कुछ दिन पहले ही मैं media में श्रीमान् योगेश सैनी और उनकी टीम की कहानी देख रहा था। योगेश सैनी इंजीनियर हैं और अमेरिका में अपनी नौकरी छोड़कर माँ भारती की सेवा के लिए वापिस आएँ हैं। उन्होंने कुछ समय पहले दिल्ली को स्वच्छ ही नहीं, बल्कि सुन्दर बनाने का बीड़ा उठाया।
मेरे प्यारे देशवासियो, पिछले दिनों, MyGov पर मैंने एक बड़ी ही दिलचस्प टिप्पणी पढ़ी। यह Comment जम्मू-कश्मीर के शोपियां के रहने वाले भाई मुहम्मद असलम का था। उन्होंने लिखा – “मन की बात’ कार्यक्रम सुनना अच्छा लगता है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि मैंने अपने राज्य जम्मू-कश्मीर में Community Mobilization Programme- Back To Village के आयोजन में सक्रिय भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम का आयोजन, जून महीने में हुआ था। मुझे लगता है कि ऐसे कार्यक्रम हर तीन महीने पर आयोजित किये जाने चाहिए। इसके साथ ही, कार्यक्रम की online monitoring की व्यवस्था भी होनी चाहिए। मेरे विचार से, यह अपनी तरह का, ऐसा पहला कार्यक्रम था, जिसमें जनता ने सरकार से सीधा संवाद किया।
मेरे प्यारे देशवासियो, ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित श्रीमान दत्तात्रेय रामचंद्र बेंद्रे ने अपनी एक कविता में सावन माह की महिमा कुछ इस प्रकार प्रस्तुत की है।
इस कविता में उन्होंने कहा है –
होडिगे मडिगे आग्येद लग्ना। अदराग भूमि मग्ना।
अर्थात – बारिश की फुहार और पानी की धारा का बंधन अनोखा है और उसके सौंदर्य को देखकर पृथ्वी ‘मग्न’ है।
पूरे भारतवर्ष में अलग-अलग संस्कृति और भाषाओं के लोग सावन के महीने को अपने-अपने तरीके से celebrate करते हैं। इ कई लोग, नियमित रूप से उपवास करते हैं और उत्सुकतापूर्वक जन्माष्टमी और नाग पंचमी जैसे त्योहारों का इंतजार करते हैं।इस दौरान ही भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक रक्षा बंधन का त्योहार भी आता है।सावन महीने की जब बात हो रही है, तो आपको यह जानकर बहुत खुशी होगी कि इस बार अमरनाथ यात्रा में पिछले चार वर्षों में सबसे ज़्यादा श्रद्धालु शामिल हुए हैं।1 जुलाई से अब तक तीन लाख से अधिक तीर्थयात्री पवित्र अमरनाथ गुफा के दर्शन कर चुके हैं। 2015 में पूरे 60 दिनों तक तक चलने वाली इस यात्रा में जितने तीर्थयात्री शामिल हुए थे, उससे अधिक इस बार सिर्फ 28 दिनों में शामिल हो चुके हैं।मेरी आप सभी से अपील है कि देश के उन हिस्सों में आप जरुर जाएं, जिनकी खूबसूरती, मानसून के दौरान देखते ही बनती है।
अपने देश की इस खूबसूरती को देखने और अपने देश के लोगों के जज्बे को समझने के लिए,tourism और यात्रा, शायद, इससे बड़ा कोई शिक्षक नहीं हो सकता है।
मेरी, आप सभी को शुभकामना है कि सावन का यह सुंदर और जीवंत महीना आप सबमें नई ऊर्जा, नई आशा और नई उम्मीदों का संचार करे।उसी प्रकार से अगस्त महीना ‘भारत छोड़ो’ उसकी याद ले करके आता है। मैं चाहूँगा कि 15 अगस्त की कुछ विशेष तैयारी करें आप लोग। आजादी के इस पर्व को मनाने का नया तरीका ढूढें। जन भागीदारी बढ़ें। 15 अगस्त लोकोत्सव कैसे बने ? जनोत्सव कैसे बने ? इसकी चिंता जरुर करें आप।
आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद। नमस्कार।

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