निलम्बन, सेवानिवृत्ति आदि प्रकरणों का मुख्य विकास अधिकारी स्वयं संज्ञान लेते हुए दीपावली से पूर्व निस्तारण कराना करें सुनिश्चित-  सभापति

Press Release उत्तर प्रदेश
उप्र विधान परिषद की शिक्षा का व्यवसायीकरण सम्बन्धी जाँच समिति के सभापति की अध्यक्षता में शिक्षा का व्यवसायीकरण के सम्बन्ध में सदन का हुआ आयोजन
शुल्क का विवरण, शुल्क रसीद एवं प्रास्पेक्ट्स में हो अंकित, जिससे अभिभावको को मिले सम्पूर्ण जानकारी-  सभापति
आगरा-18.10.2024/आज उ0प्र0 विधान परिषद की शिक्षा का व्यवसायीकरण सम्बन्धी जाँच समिति के  सभापति डा. मान्वेन्द्र प्रताप सिंह “गुरू जी“ की अध्यक्षता में जनपद आगरा व फिरोजाबाद में शिक्षा का व्यवसायीकरण के सम्बन्ध में सर्किट हाउस सभागार में सदन का आयोजन किया गया।
सदन को सम्बोधित करते हुए सभापति  ने कहा कि समिति का तथा प्रशासन का उद्देश्य एक ही है कि सरकार द्वारा संचालित विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्तियों को दिलाया जाए और यह प्रक्रिया आप सभी अधिकारीगणों के माध्यम से सुनिश्चित होती है। उन्होंने यह भी कहा कि यह समिति सदन का एक हिस्सा होती है, जिसमें जो भी चर्चा परिचर्चा होती है उसके बिन्दुओं को सदन में रखा जाता है। अतः आप सभी से अपेक्षा है कि सदन की कार्यवाही में आने से पूर्व एजेण्डा बिन्दु के अनुसार अपने विभाग से सम्बन्धित सभी जानकारियां संकलित करते हुए प्रतिभाग करें, ताकि सदन को आप अपने विभाग द्वारा की गई कार्यवाहियों के बारे में अवगत करा सकें।
सदन में सी0बी0एस0ई0, आई0सी0एस0सी0 तथा यू0पी0 बोर्ड द्वारा प्रदत्त मान्यता के आधार पर विधि विरूद्ध ढंग से अन्य शाखाओं के संचालन की जांच के सम्बन्ध में चर्चा की गई, जिसमें बताया गया कि जनपद में संचालित कक्षा 01 से 08 एवं 09 से उच्च शिक्षा के गैर मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों की शिकायत होने पर जांच करायी जाती है तथा जांच में सत्यता पाये जाने पर उनके विरूद्ध नियमानुसार कार्यवाही की जाती है। उक्त के सम्बन्ध में मा0 सभापति महोदय द्वारा निर्देश दिए गये कि जिला विद्यालय निरीक्षक एवं जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विद्यालयों की जांच कर गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों के प्रबंधकों को नोटिस जारी करते हुए आवश्यक कार्यवाही करें साथ ही नोटिस में एक माह का समय दिया जाए, जिससे अध्ययनरत छात्रों को अन्य संस्था में समायोजित करते हुए उनकी शिक्षा सुचरू रूप से संचालित कराये जाने हेतु भी आवश्यक कार्यवाही करें।
सदन में स्कूली वाहनों के पंजीयन के समय दिए गये पते एवं उनके संचालन के पते की समानता की जांच के सम्बन्ध में निर्देश दिए कि जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में ए0आर0टी0ओ0/आर0टी0ओ0 तथा गैर सरकारी शैक्षिणिक संस्थाओं के प्रबंधकों के साथ बैठक आयोजित कर उन्हें एक माह का समय देते हुए आवश्यक कार्यवही पूर्ण करायें साथ ही प्रत्येक संस्थान में एक बोर्ड लगाया जाए, जिसमें जिलाधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी तथा ए0आर0टी0ओ0/आर0टी0ओ0 का नाम व नम्बर अंकित हो, जिससे अभिभावक वाहन सम्बन्धी समस्या के निस्तारण हेतु सम्पर्क कर सकें। साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि स्कूली वाहनों को परमिट दिए जाने के साथ साथ उनके रूट का भी निर्धारण किया जाए।
सदन में विद्यालय द्वारा निर्धारित अनुरक्षण शुल्क से अधिक शुल्क वसूले जाने की चर्चा में बताया गया कि प्रत्येक वर्ष शुल्क निर्धारण हेतु जिलाधिकारी महोदय की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की जाती है, जिसमें आगामी सत्र हेतु शुल्क के विभिन्न मदों में लिए जाने वाले शुल्क का निर्धारण किया जाता है। उक्त के सम्बन्ध में मा0 सभापति महोदय द्वारा निर्देश दिए गये कि विद्यालयों द्वारा शुल्क के रूम में जो भी धनराशि ली जाती है, उसका विवरण शुल्क रसीद एवं विद्यालय के प्रास्पेक्ट्स में भी अंकित किया जाए, जिससे अभिभावको ंको जानकारी हो कि उनके द्वारा दिये जाने वाले शुल्क में किस-किस मद में कितनी-कितनी धनराशि विद्यालय द्वारा ली गई है। मा0 सभापति महोदय द्वारा जिला विद्यालय निरीक्षक तथा जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में गैर सरकारी व्यक्तियों द्वारा कार्य किये जाने पर पूर्णतः प्रतिबन्ध किये जाने के सम्बन्ध में निर्देश दिए कि कार्यालयों में कोई भी गैर सरकारी व्यक्ति कार्य नहीं करेगा और यदि कोई व्यक्ति सम्बद्ध किया गया है तो उसे तत्काल कार्यमुक्त करते हुए मूल कार्यालय में योगदान देने हेतु निर्देशित किया जाए।
सदन में जनपद में संचालित अरबी-फारसी, मदरसे तथा उनमें अध्ययनरत छात्र-छात्राओं की चर्चा में बताया गया कि जनपद आगरा में 120 मदरसे संचालित हैं, जिसमें से 73 का यूड्स पोर्टल पर पंजीकृत कराया जा चुका है, जिसमें से 02 मदरसे अनुदानित हैं तथा शेष 47 को पंजीकृत कराने के लिए पत्राचार किया जा रहा है तथा जनपद फिरोजाबाद में 40 मदरसे संचालित हैं, जिसमें से 01 मदरसा अनुदानित है, जिनमें धार्मिक शिक्षा दी जाती हैं, उक्त के सम्बन्ध में मा0 सभापति महोदय द्वारा निर्देश दिए कि जिलाधिकारी के निर्देशन में पुलिस तथा सम्बन्धित अधिकारी की उपस्थिति में गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों का परीक्षण कराया जाए, जिसमें यह सुनिश्चित किया जाए कि वह मान्यता प्राप्त करें, उनके यहां संचालित पाठ्यक्रम शासन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप हो तथा अन्य कोई गतिविधि संचालित न हो रही हो, उक्त कार्यवाही की सूचना सदन को भी उपलब्ध करायी जाए।
प्राथमिक तथा जूनियर हाई स्कूल विद्यालयों में पीने के पानी की व्यवस्था के सम्बन्ध में सदन को अवगत कराया गया कि जनपद आगरा में कुल 2492 विद्यालय, बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित हैं, जिसमें से हैण्डपम्प/सबमर्सिबल तथा जलजीवन मिशन के अन्तर्गत 2480 विद्यालयों में पेयजल की व्यवस्था है, शेष में कायाकल्प मिशन के अन्तर्गत कार्यवाही की जा रही है तथा जनपद फिरोजाबाद में 1827 विद्यालय हैं, जिसमें से 807 विद्यालयों में हैण्डपम्प, 18 विद्यालयों में सबमर्सिबल तथा 02 विद्यालयों में जलापूर्ति के माध्यम से पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। उक्त के सम्बन्ध में मा0 सभापति  द्वारा मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि सभी विद्यालयों में पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करें तथा पेयजल की गुणवत्ता की जांच भी करायी जाए, इसके लिए वह सभी प्रधानाचार्यों को अपनी ओर से पत्र प्रेषित कर पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दें। सदन को बताया गया कि आगरा में कार्यरत रसोईयों का मानदेय माह जुलाई तक दे दिया गया है व फिरोजाबाद में कार्यरत रसोईयों को माह अक्टूबर का मानदेय देने के लिए कार्यवाही की जा रही है।
सदन में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत चर्चा में बताया गया कि विगत वर्ष में जनपद आगरा को 14732 आवेदन पत्र प्राप्त हुए थे, जिसमें से 684 विभिन्न कारणों से अस्वीकृत किए गये तथा 4124 आवेदकों को विभिन्न शैक्षिक संस्थाओं में प्रवेश दिलवाया गया है,  फिरोजाबाद में लगभग 3900 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 278 आवेदन अस्वीकार किए गये तथा शेष सभी को प्रवेश दिलाया गया है। उक्त के सम्बन्ध में मा0 सभापति महोदय द्वारा कहा गया कि केन्द्र व प्रदेश सरकार की दूरगामी सोच के तहत इस तरह का प्राविधान किया गया है कि निर्धन परिवारों के भी बच्चे अच्छे स्कूलों में अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें, जिसके लिए सरकार द्वारा 25 प्रतिशत सीटे अरक्षित की गई हैं, जिनमें 06 वर्ष की आयु के छात्र प्रथम कक्षा में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि सीबीएसई तथा आईसीएसई बोर्ड से सम्बन्धित शैक्षिणिक संस्थाओं द्वारा कितनी सीटे आरक्षित की गई हैं, कितनी सीटों पर उन्होंने गरीब छात्रों को प्रवेश दिया है, इसकी सम्पूर्ण जानकारी संकलित करते हुए सदन को उपलब्ध करायी जाए साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिन संस्थानों द्वारा आरटीई एक्ट के माध्यम से प्रवेश दिया जा रहा है, उनकी शुल्क प्रतिपूर्ति ससमय उन्हें उपलब्ध कराई जाए।
सदन में बेसिक व माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत कितने अध्यापकों को विगत 03 वर्षों में निलम्बित किया गया है, कितनों को बहाल किया गया है तथा बहाली के उपरान्त कितनों को उनके मूल विद्यालयों में तैनात किया गया है के सम्बन्ध में मा0 सभापति महोदय द्वारा निर्देश दिए गये कि कुछ समय की देरी के कारण, समय से अवकाश आवेदन न करने के कारण आदि को मानवता के आधार पर बहाल अथवा वेतन निर्गत किया जाए, इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में कैम्प लगाकर समस्याओं का निस्तारण किया जाए तथा मुख्य विकास अधिकारी उक्त प्रकरणों का स्वयं संज्ञान लेते हुए दीपावली से पूर्व निस्तारण कराना सुनिश्चित करें। सदन में इंजीनियरिंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, पॉलिटेक्निक, छात्रावास के साथ साथ स्कूली वाहनों के परमिट व वाहनों में कार्यरत कार्मिकों आदि के विषय में गम्भीरता से परिचर्चा की गई। जिलाधिकारी महोदय द्वारा मा0 सभापति महोदय को आस्वश्त किया गया कि उनके द्वारा दिये गये सुझावों एवं निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित किया जायेगा तथा उन्होंने मा0 सभापति महोदय एवं गणमान्य सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सदन समाप्ति की घोषणा की।
सदन में कार्यवाही के दौरान समिति के सदस्यगण  विजय बहादुर पाठक, श्री अंगद कुमार सिंह,  अवधेश कुमार सिंह उर्फ मंजू सिंह,  आकाश अग्रवाल, जिलाधिकारी, आगरा  रविन्द मल्लप्पा बंगारी, मुख्य विकास अधिकारी, आगरा श्रीमती प्रतिभा सिंह, मुख्य विकास अधिकारी, फिरोजाबाद  शत्रोहन वैश्य सहित सम्बन्धित विभागों के जनपद स्तरीय अधिकारीगण आदि उपस्थित रहे।

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