राधारानी का जन्म भले ही उनके ननिहाल रावल में हुआ हो किंतु बरसाने में श्यामसुंदर के साथ लीला करने और उनका पैतृक गांव होने के कारण उनके गांव बरसाने में राधे राधे की ऐसी प्रतिध्वनि होती है कि राधाष्टमी पर बरसाने की ओर भक्त तीर्थयात्री चुम्बक की तरह खिंचे चले आते हैं।
बरसाना में राधा रानी का जन्मोत्सव 11 सितंबर को मनाया जाएगा, और इसकी तैयारी जोरों पर है। इससे पहले, आज नौ सितंबर को ऊँचागांव में राधारानी की अष्ट सखियों में से प्रधान सखी ललिता सखी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। ललिता मंदिर में दोपहर 12 बजे से अभिषेक शुरू होगा, जिसमें श्रद्धालु भाग लेंगे।
बरसाना में राधाष्टमी के लिए श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया है। 11 सितंबर को सुबह 4.30 बजे मंगला आरती के बाद पांच बजे से जन्मोत्सव के दर्शन होंगे। राधाष्टमी के लिए सुरक्षा के अंतजाम किए गए हैं, इसके साथ ही रूट डायवर्जन किया गया है ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा न हो।
इस अवसर पर बरसाना को सजाया जा रहा है, और मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जा रहा है। श्रद्धालु राधा रानी के दर्शन के लिए उत्सुक हैं, और इस उत्सव में भाग लेने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं।
राधा रानी का जन्मोत्सव एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान कृष्ण की प्रियतमा राधा के जन्म की याद में मनाया जाता है। यह त्योहार प्रेम, भक्ति और समर्पण का प्रतीक है, और श्रद्धालु इसे बहुत ही उत्साह और भक्ति के साथ मनाते हैं।